के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya
रेजेस्ट्रोन के टैबलेट में प्रोजेस्टीन तत्व होता है। यह दवा में सिंथेटिक फॉर्म में उपलब्ध होता है और महिलाओं के हार्मोन प्रोजेस्ट्रोन की भांति ही काम करता है। यह दवा महिलाओं को होने वाली मासिक संबंधी परेशानी को ठीक करने के लिए इस्तेमाल में लाई जाती है। वहीं ऐसी महिलाएं जो असामान्य वयाजनल ब्लीडिंग जैसी समस्या से ग्रसित होती हैं उन्हें यह दवा देकर इलाज किया जाता है।
यह तमाम बीमारी असामान्य हार्मोन के कारण होती है। ऐसे में यह दवा देकर हार्मोन को बैलेंस किया जाता है। अनचाहे गर्भ को रोकने से लिए भी इस दवा का इस्तेमाल किया जाता है। सामान्य तौर पर कहें तो इसका इस्तेमाल गर्भनिरोधक गोली के तौर पर भी किया जाता है। इस दवा की मदद से मासिक धर्म से जुड़ी बीमारी को ठीक किया जाता है, जैसे पीरियड्स के दौरान दर्द, हेवी ब्लीडिंग, अनियमित पीरियड, प्रीमेंस्ट्रअल सिंड्रोम (पीएमएस) और एंडोमेट्रोसिस आदि।
डॉक्टर ने जितना डोज कहा है उतनी मात्रा में ही उसका सेवन करना चाहिए, खुद से ज्यादा व कम मात्रा में दवा नहीं लेनी चाहिए। इस दवा के साथ डॉक्टर अन्य गर्भनिरोधक दवा का सेवन करने की भी सलाह देते हैं।
आपात या ओवरडोज की स्थिति में तुरंत अपने नजदीकी डॉक्टर या आपातकालीन सेवा से संपर्क करें। यदि आप दवा का सेवन करना भूल जाते हैं तो उस स्थिति में सही यही होगा कि जितनी जल्दी संभव हो दवा का सेवन कर लें। हालांकि, यदि आपका अगली खुराक का समय नजदीक आ गया है तो भूले हुए डोज को ना खाएं। पहले से तय नियमित डोज को लें। एक बार में दो खुराक ना खाएं। साथ ही इसके बारे में डॉक्टर को जरूर बताएं।
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इस टैबलेट को खाने के साथ और खाने के बिना सेवन किया जा सकता है, लेकिन यह बेहतर होगा कि दवा को तय समय पर लिया जाए। डोज संबंधी सभी निर्णय डॉक्टर ही लेते हैं। बीमारी की गंभीरता को देखते हुए डॉक्टर डोज बढ़ा और घटा सकते हैं। ऐसे में एक्सपर्ट कुछ बीमारी में दवा का सुझाव दे सकते हैं, जैसे:
इस दवा के सेवन से होने वाले मेजर साइड इफेक्ट्स :
ओवरडोज लेते की स्थिति में : ओवरडोज के लक्षणों में जी मचलाना, उल्टी, वजायनल ब्लीडिंग जैसी समस्या हो सकती है। ऐसा हो तो डॉक्टरी सलाह लें। इसलिए जरूरी है कि डॉक्टर के कहे अनुसार दवा का सेवन करें वहीं कोशिश करें कि दवा नियमित लें।
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सामान्य चेतावनी :
सर्जरी : सर्जरी कराने के करीब चार सप्ताह पहले तक यदि कोई इस दवा का सेवन करता है तो उसे ऐसा नहीं करना चाहिए।
बच्चों में इस्तेमाल : लड़कियों या फिर किशोरियों में जिनका हाल ही में पीरियड साइकिल शुरू हुआ है, उनको भी दवा का सेवन की सलाह नहीं दी जाती है। इस दवा का सेवन करने से अनियमित पीरियड्स की समस्या हो सकती है।
डायबिटीज : डायटबिटीज के मरीजों में देखा गया है कि दवा का सेवन करने से उनकी स्थिति और बिगड़ जाती है। ऐसे में यदि डॉक्टर दवा का सेवन की सलाह देते भी हैं तो उसकी मॉनिटरिंग करने की बात कहते हैं।
ब्लड क्लॉटिंग डिसऑर्डर : दवा का सेवन करने के कारण आर्टरी और नसों में ब्लड क्लॉट जैसी समस्या भी हो सकती है। जिसके कारण अन्य समस्याएं पैदा हो सकती हैं। यदि पता चल जाए कि दवा का सेवन करने से ऐसी दिक्कतें हो रही है तो उचित यही होगा कि जितना जल्दी संभव है दवा का सेवन न किया जाए।
रोशनी संबंधी परेशानी : हो सकता है कि दवा का सेवन करने के कारण मरीज को रोशनी संबंधी परेशानी हो। वहीं प्रोपटोसिस और डिप्लोपिया जैसी बीमारी हो सकती है। दवा का सेवन करने को लेकर कई एहतियात बरतनी पड़ती हैं। इतना ही नहीं इसके साइड इफेक्ट्स में ब्लर विजन भी आता है, वहीं सामान्य से ज्यादा आंखें ड्राय हो जाती हैं। यदि ऐसा हो तो डॉक्टरी सलाह लेना उचित होता है।
एबनॉर्मल वयानल ब्लीडिंग : वजायना से ब्लीडिंग के बारे में यदि डॉक्टर यह न पता कर पाएं कि यह क्यों हो रहा है तो ऐसे में उन्हें इस दवा के बारे में सलाह नहीं दी जाती है।
हार्ट से संबंधित ब्लड वेसल्स डिसऑर्डर : ऐसे मरीज जिन्हें हार्ट स्ट्रोक और हार्ट अटैक आ चुका होता है या फिर आने की संभावना रहती है, उन मरीजों को यह दवा नहीं दी जाती है।
एलर्जी : यदि किसी मरीज को पहले से ही एलर्जी की समस्या है तो उसे इस दवा के इस्तेमाल की सलाह नहीं दी जाती है। यदि वो इस दवा का सेवन करें तो उसके दुष्परिणाम सामने आ सकते हैं।
लिवर डिजीज : ऐसे मरीज जिन्हें सर्व लिवर इम्पेयरमेंट या लिवर ट्यूमर की बीमारी होती है उन्हें इस दवा का सेवन की सलाह नहीं दी जाती है।
शिशु को दूध पिलाने वाली महिलाएं : ऐसी महिलाएं जो नवजात को दूध पिलाती हैं उन्हें इस दवा के उपयोग की सलाह नहीं दी जाती है। जब तक एकदम जरूरी न हो जाए तब तक महिलाओं को यह दवा नहीं दी जाती है। ऐसे में डॉक्टर मरीज को दवा के फायदे और नुकसान की जानकारी देते हैं।
प्रेग्नेंसी : गर्भवती महिलाओं को इस दवा का उपयोग करने की सलाह नहीं दी जाती है।
अन्य बीमारियां : दिल से संबंधित बीमारी, हार्ट वेसल्स, थायराॅइड ग्लैंड, लिवर, किडनी सहित अन्य बीमारी यदि हो तो इस दवा का सेवन करने के पूर्व डॉक्टरी सलाह लेना जरूरी हो जाता है। वहीं कई बार एक्सपर्ट दवा देने के पूर्व कुछ टेस्ट भी लिख सकते हैं। ताकि यह पता कर सकें कि दवा का सेवन करना आपकी सेहत के लिए सेफ है या नहीं।
स्मोकिंग : यदि आपको स्मोकिंग की लत है और आप इस दवा का सेवन करते हैं तो उस स्थिति में मामला और गंभीर हो सकता है। इसलिए जरूरी है कि स्मोकिंग के साथ दवा का सेवन करने के लिए डॉक्टरी सलाह जरूर ली जाए।
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इस दवा के साथ वैकल्पिक दवा का सेवन करने से उसके दुष्प्रभाव भी सामने आ सकते हैं।
रिएक्शन पर एक नजर
हर दवा अलग-अलग लोगों पर अलग-अलग तरह से असर कर सकती है। इससे जुड़ी जानकारी के लिए डॉक्टरी सलाह लेना ही उचित होगा। वहीं कुछ दवाइयां हैं जिनके साथ यदि इस दवा का सेवन करें को रिएक्शन हो सकता है, जैसे
फ्लूएड रिटेंशन और एडीमा : इस बीमारी से ग्रसित व्यक्ति को यदि यह दवा दी जाए तो स्थिति और भी ज्यादा गंभीर हो सकती है।
हिपेटिक नियोप्लास्म्स : लिवर ट्यूमर और लिवर की बीमारी से ग्रसित लोगों को दवा का सेवन करने की सलाह नहीं दी जाती है।
डिप्रेशन : दवा देने के पूर्व डॉक्टर मरीज से उसके डिप्रेशन से संबंधी लक्षणों को जानते हैं, वहीं मरीज में पहले से ऐसे लक्षण रहते हैं तो डॉक्टर कुछ बातों को ध्यान में रखते हुए ही निर्णय लेते हैं।
वहीं रिटेल थ्रोम्बोसिस, थ्रोमबोइमबोलिस्म, हाइपरलीपीडिया जैसी बीमारी में भी डॉक्टर दवा लेने की सलाह नहीं देते हैं। इसलिए जरूरी है कि दवा लेने के पूर्व डॉक्टरी सलाह जरूर ली जाए।
स्टोर करने का सबसे बेहतर तरीका है इसे कमरे के तापमान पर रखना चाहिए। इसे सूर्य की सीधी किरणों और नमी से दूर रखें। दवा को खराब होने से बचाने के लिए आपको बाथरूम या फ्रीजर में नहीं रखना है। इसे स्टोर करने से पहले सबसे बेहतर होगा कि आप दवा के पैकेज पर छपे निर्देशों को पढ़ लें या फार्मासिस्ट से पूछें। सुरक्षा की दृष्टि से सभी दवाइयों को अपने बच्चों और पेट्स से दूर रखें। जब तक कहा ना जाए तब तक सुरक्षा की दृष्टि से आपको इसको टॉयलेट या नाली में नहीं बहाना है। आवश्यकता ना रहने या एक्सपायरी की स्थिति में दवा का समुचित तरीके से निस्तारण जरूरी है। सुरक्षित तरीके से इसका निस्तारण करने के लिए अपने फार्मासिस्ट से सलाह लें।
इस विषय पर अधिक जानकारी के लिए डाक्टरी सलाह लें। ।
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