डायबिटीज को दुनिया के गंभीर और जानलेवा रोगों में से एक माना जाता है। इसमें रोगी का शरीर पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन नहीं बना पाता है या इसका इस्तेमाल सही से नहीं कर पाता है। यह एक लाइफ-लॉन्ग और ऑटोइम्यून बीमारी है, जिसे मैनेज करने के लिए रोगी के लिए अपनी लाइफस्टाइल को हेल्दी बनाना बेहद जरूरी है। डायबिटीज को कई अन्य रोगों का रिस्क फैक्टर भी माना जाता है। आज हम बात करने वाले हैं डायबिटीज में सेक्स डिफरेंस और CAD रिस्क (Sex Differences and Coronary arteries disease risk in Diabetes) के बारे में, लेकिन डायबिटीज में सेक्स डिफरेंस और CAD रिस्क (Sex Differences and CAD risk in Diabetes) से पहले डायबिटीज के बारे में थोड़ा जान लेते हैं।
डायबिटीज किसे कहा जाता है? (Diabetes)
डायबिटीज वो रोग है, जो तब होता है जब हमारा ब्लड ग्लूकोज (Blood glucose) बहुत अधिक बढ़ जाता है। ब्लड ग्लूकोज एनर्जी का मुख्य सोर्स है, जो हमें उस आहार में मिलता है जिसे हम खाते हैं। इंसुलिन एक हॉर्मोन है, जिसका निर्माण पैंक्रियाज द्वारा होता है। यह फूड में से ग्लूकोज को ऊर्जा के लिए उपयोग करने के लिए सेल्स में जाने में मदद करता है। कई बार हमारा शरीर पर्याप्त या बिलकुल भी इंसुलिन नहीं बना पाता है या इसका सही से इस्तेमाल नहीं कर पाता है। इसके बाद ग्लूकोज खून में रहता है और सेल्स तक नहीं पहुंच पाता है। समय के साथ खून में बहुत अधिक ग्लूकोज रह जाता है, जिससे कई हेल्थ प्रॉब्लम्स हो सकती हैं।
डायबिटीज के मुख्य प्रकारों में टाइप 1 डायबिटीज (Type 1 diabetes), टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 diabetes) और जेस्टेशनल डायबिटीज (Gestational diabetes) शामिल है। इसमें टाइप 1 डायबिटीज को जुविनाइल डायबिटीज भी कहा जाता है क्योंकि यह समस्या अधिकतर बच्चों को होती है। इसके अलावा टाइप 2 डायबिटीज को इसका सबसे गंभीर प्रकार माना जाता है। जेस्टेशनल डायबिटीज प्रेग्नेंसी में होने वाली मधुमेह की समस्या को कहा जाता है। हालांकि, डायबिटीज का कोई उपचार नहीं है, किंतु डायबिटीज को मैनेज करने और हेल्दी रहने के लिए कई तरीके मददगार हो सकते हैं। इनमें उचित दवाईयां, जीवनशैली में बदलाव और नियमित डॉक्टर की सलाह लेना शामिल है। डायबिटीज में सेक्स डिफरेंस और CAD रिस्क (Sex Differences and CAD risk in Diabetes) से पहले अब इसके लक्षणों के बारे में भी जान लेते हैं।
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क्या हैं डायबिटीज के लक्षण? (Symptoms of diabetes)
अगर ब्लड में ग्लूकोज की मात्रा बहुत अधिक बढ़ जाए, तो यह कई कॉम्प्लीकेशन्स का कारण बन सकता है। ऐसे में इस समस्या का जल्दी निदान होने पर आप इसे कंट्रोल कर सकते हैं। डायबिटीज के लक्षण इस प्रकार हो सकते हैं:
- भूख का बढ़ना (Increased hunger)
- प्यास में बढ़ोतरी (Increased thirst)
- वजन का कम होना (Weight loss)
- लगातार पेशाब आना (Frequent urination)
- नजरों का धुंधला होना (Blurry vision)
- बहुत अधिक थकावट होना (Extreme fatigue)
- घाव जो जल्दी ठीक नहीं होते (Sores that don’t heal)
इसके साथ ही, डायबिटीज से पीड़ित पुरुषों में इसके लक्षणों में सेक्स ड्राइव में कमी (Decreased sex drive), इरेक्टाइल डिसफंक्शन (Erectile dysfunction) और पुअर मसल्स स्ट्रेंथ आदि शामिल है। डायबिटीज से पीड़ित महिलाओं में भी यूरिनरी ट्रेक्ट इंफेक्शंस, यीस्ट इंफेक्शन, ड्राय और इचि स्किन आदि समस्याएं हो सकती हैं। इसके अलावा इसके अन्य लक्षण भी हो सकते हैं। इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से आप संपर्क कर सकते हैं। अब जानते हैं डायबिटीज में सेक्स डिफरेंस और CAD रिस्क (Sex Differences and CAD risk in Diabetes) के बारे में। किंतु पहले डायबिटीज में सेक्स डिफरेंस (Sex differences in diabetes) के बारे स्टडीज क्या कहती हैं, यह जान लेते हैं
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डायबिटीज में सेक्स डिफरेंस और CAD रिस्क (Sex Differences and CAD risk in Diabetes) : डायबिटीज में सेक्स डिफरेंस
डिपार्टमेंट ऑफ मॉलिक्यूलर मेडिसिन और सर्जरी स्वीडन (Department of Molecular Medicine and Surgery Sweden) द्वारा की गई एक स्टडी के अनुसार डायबिटीज खासतौर पर टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 diabetes) से पीड़ित महिलाओं में पुरुषों की तुलना में हीमोग्लोबिन A1c (HbA1c) के लक्ष्यों तक पहुंचने की संभावना कम होती है, और उनमें आल-कॉज मोर्टेलिटी संभावना अधिक होती है। लेकिन, टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 diabetes) से पीड़ित महिलाओं और पुरुषों दोनों में कार्डियोवैस्कुलर डिजीज का जोखिम अधिक रहता है। हालांकि, पिछले कुछ वर्षों में पुरुषों में यह जोखिम कम हो गया है, जबकि यह महिलाओं में स्थिर रहता है।
इस सेक्स डिफरेंस का कारण अस्पष्ट हैं और डायबिटीज के उपचार के लिए मौजूद गाइडलाइन्स सेक्सेज (Sexes) के बीच अंतर नहीं करती हैं। अलग-अलग परिणामों के संभावित कारणों में फिजियोलॉजी में अंतर, ट्रीटमेंट रिस्पांस और साइकोलॉजिकल फैक्टर आदि शामिल हैं। हालांकि, इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन ( International Diabetes Federation) में पब्लिश एक रिपोर्ट के मुताबिक पूरी दुनिया में वयस्क आबादी (पुरुषों में 9.1% और महिलाओं में 8.4%) में डायबिटीज प्रेवेलेंस में सेक्स डिफरेंस का संकेत देते हैं। इस रिपोर्ट के अनुसार 2017 में दुनिया भर में महिलाओं की तुलना में लगभग 12.3 मिलियन अधिक पुरुष मधुमेह से पीड़ित थे। अब जानिए डायबिटीज में सेक्स डिफरेंस और CAD रिस्क (Sex Differences and CAD risk in Diabetes) के बारे में।
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डायबिटीज में सेक्स डिफरेंस और CAD रिस्क (Sex Differences and CAD risk in Diabetes)
कोरोनरी आर्टरी डिजीज (Coronary artery disease) यानी CAD कोरोनरी आर्टरीज के ब्लॉक होने या इनके नैरो होने को कहा जाता है। यह समस्या आमतौर पर आर्टरीज में फैटी मटेरियल के बिल्ड-अप के कारण होती है। इस मटेरियल को प्लाक कहा जाता है। प्लाक का बनना कई गंभीर समस्याओं का कारण बन सकता है जैसे हार्ट अटैक (Heart attack)। टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 diabetes) को कोरोनरी आर्टरी डिजीज (Coronary artery disease) के लिए एक रिस्क फैक्टर माना गया है। वयस्कों में हाय ब्लड कोलेस्ट्रॉल की डिटेक्शन, इवैल्यूएशन और उपचार के एक्सपर्ट्स द्वारा बनाई गई रिपोर्ट के अनुसार डायबिटीज महिलाओं और पुरुषों दोनों में कोरोनरी आर्टरी डिजीज (Coronary artery disease) के लिए एक समान रिस्क फैक्टर है।
ऐसा पाया गया है कि यंग और मिडल-एज्ड महिलाओं को वर्ग डायबिटीज की एब्सेंस में CAD विकसित होने की संभावना कम होती है, लेकिन डायबिटीज की प्रेजेंस से यह जोखिम दोनों सेक्सेज में बराबर होता है। यह तो थी डायबिटीज में सेक्स डिफरेंस और CAD रिस्क (Sex Differences and CAD risk in Diabetes) के बारे में जानकारी। अब जानते हैं कि डायबिटीज को कैसे मैनेज किया जा सकता है?
डायबिटीज की मैनेजमेंट कैसे संभव है?
जैसा पहले ही बताया गया है कि डायबिटीज का इलाज संभव नहीं है। लेकिन, इसके लक्षणों को मैनेज किया जा सकता है। इसके लिए रोगी को हेल्दी लाइफस्टाइल को अपनाने के लिए कहा जाता है। याद रखें, डायबिटीज का प्रकार चाहे कोई भी हो, यह एक गंभीर बीमारी है। ऐसे में इस मैनेज करने के लिए इन तरीकों को अपनाना न भूलें।
- हेल्दी फूड का सेवन करें। ऐसे आहार का सेवन करें जिसमें फैट और कैलोरीज कम हों, लेकिन फाइबर अधिक मात्रा में हो। फल, सब्जियों और होल ग्रेन आदि को अपने आहार में शामिल करें। अपने लिए सही आहार का चयन करने के लिए आप डॉक्टर और डायटीशियन की सलाह भी ले सकते हैं।
- अधिक से अधिक फिजिकल एक्टिविटीज करें। दिन में कम से कम तीस मिनट जरूर निकालें, जिसमें आप सैर या कोई भी फिजिकल एक्टिविटी करें। व्यायाम डायबिटीज के जोखिम को कम करने के लिए बेहद आवश्यक है।
- अगर आपका वजन अधिक है, तो आपको इसे कम करने के बारे में विचार करना चाहिए। अधिक वजन न केवल डायबिटीज बल्कि कई अन्य समस्याओं के लिए भी रिस्क फैक्टर है। इसके लिए आप अपने खानपान का ध्यान रखें और नियमित व्यायाम करें। इसके बारे में भी आप सही सलाह अपने डॉक्टर से ले सकते हैं।
- तनाव से बचें। तनाव के कारण भी डायबिटीज और अन्य समस्याओं की संभावना बढ़ सकती है। इससे बचने के लिए योगा या मेडिटेशन करें, म्यूजिक सुनें और सकारात्मक रहें। यह परेशानी अधिक होने पर मेडिकल हेल्प भी ली जा सकती है।
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ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल में रखने के लिए रोगी के लिए इसकी नियमित जांच और डॉक्टर की सलाह का पालन करना बेहद जरूरी है। उम्मीद है कि डायबिटीज में सेक्स डिफरेंस और CAD रिस्क (Sex Differences and CAD risk in Diabetes) के बारे में यह जानकारी आपको पसंद आई होगी। यह तो आप समझ ही गए होंगे कि डायबिटीज के कारण कोरोनरी आर्टरी डिजीज की संभावना बढ़ सकती है और यह महिलाओं व पुरुषों दोनों को समान रूप से प्रभावित करती है। ऐसे में डायबिटीज के कारण होने वाली जटिलताओं से बचने के लिए सही समय पर इसके लक्षणों को पहचानना और इसे मैनेज करने बेहद जरूरी है। अगर आपके मन में इसके बारे में कोई भी सवाल है तो अपने डॉक्टर से उसे पूछना न भूलें।
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