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डायबिटीज में सेक्स डिफरेंस और CAD रिस्क (Sex Differences and CAD risk in Diabetes)
कोरोनरी आर्टरी डिजीज (Coronary artery disease) यानी CAD कोरोनरी आर्टरीज के ब्लॉक होने या इनके नैरो होने को कहा जाता है। यह समस्या आमतौर पर आर्टरीज में फैटी मटेरियल के बिल्ड-अप के कारण होती है। इस मटेरियल को प्लाक कहा जाता है। प्लाक का बनना कई गंभीर समस्याओं का कारण बन सकता है जैसे हार्ट अटैक (Heart attack)। टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 diabetes) को कोरोनरी आर्टरी डिजीज (Coronary artery disease) के लिए एक रिस्क फैक्टर माना गया है। वयस्कों में हाय ब्लड कोलेस्ट्रॉल की डिटेक्शन, इवैल्यूएशन और उपचार के एक्सपर्ट्स द्वारा बनाई गई रिपोर्ट के अनुसार डायबिटीज महिलाओं और पुरुषों दोनों में कोरोनरी आर्टरी डिजीज (Coronary artery disease) के लिए एक समान रिस्क फैक्टर है।
ऐसा पाया गया है कि यंग और मिडल-एज्ड महिलाओं को वर्ग डायबिटीज की एब्सेंस में CAD विकसित होने की संभावना कम होती है, लेकिन डायबिटीज की प्रेजेंस से यह जोखिम दोनों सेक्सेज में बराबर होता है। यह तो थी डायबिटीज में सेक्स डिफरेंस और CAD रिस्क (Sex Differences and CAD risk in Diabetes) के बारे में जानकारी। अब जानते हैं कि डायबिटीज को कैसे मैनेज किया जा सकता है?
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डायबिटीज की मैनेजमेंट कैसे संभव है?
जैसा पहले ही बताया गया है कि डायबिटीज का इलाज संभव नहीं है। लेकिन, इसके लक्षणों को मैनेज किया जा सकता है। इसके लिए रोगी को हेल्दी लाइफस्टाइल को अपनाने के लिए कहा जाता है। याद रखें, डायबिटीज का प्रकार चाहे कोई भी हो, यह एक गंभीर बीमारी है। ऐसे में इस मैनेज करने के लिए इन तरीकों को अपनाना न भूलें।