backup og meta
खोज
स्वास्थ्य उपकरण
बचाना

वेट लिफ्टिंग से क्या कम हो सकता है डायबिटीज का रिस्क, जानिए क्या कहती है रिसर्च?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Sayali Chaudhari · फार्मेकोलॉजी · Hello Swasthya


Bhawana Awasthi द्वारा लिखित · अपडेटेड 26/11/2021

वेट लिफ्टिंग से क्या कम हो सकता है डायबिटीज का रिस्क, जानिए क्या कहती है रिसर्च?
किसी व्यक्ति को कोई बीमारी हो या न हो, एक्सरसाइज सभी के लिए जरूरी होती है। कुछ लोगों की आदत होती है कि जब तक उन्हें कोई बीमारी नहीं होती है, वे एक्सरसाइज को अपनी दिनचर्या में शामिल नहीं करते हैं। अगर बिना बीमारी के ही एक्सरसाइज की शुरुआत कर दी जाए, तो कई बीमारियों से बचा जा सकता है। वेट लिफ्टिंग और डायबिटीज रिस्क के बारे में जानकारी जरूरी है। डायबिटीज या मधुमेह की बीमारी होने पर न सिर्फ खानपान में बदलाव के साथ ही रेगुलर एक्सरसाइज भी जरूरी होती है। एक्सरसाइज करने से शरीर का वजन नियंत्रण में रहता है और ब्लड में शुगर का लेवल भी कंट्रोल में रहता है। टाइप 2 डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए स्ट्रेंथ ट्रेनिंग महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इस आर्टिकल में हम आपको वेट लिफ्टिंग और डायबिटीज रिस्क (Weight Lifting and Diabetes Risk) के संबंध में अहम जानकारी देंगे। जानिए इस संबंध में क्या स्टडी हो चुकी है और क्या परिणाम सामने आए हैं।

और पढ़ें:डायबिटीज एक्सरसाइज प्लान में शामिल करें इन 6 एक्सरसाइजेस को, बीमारी को मैनेज करना हो सकेगा आसान

वेट लिफ्टिंग और डायबिटीज रिस्क (Weight Lifting and Diabetes Risk)

वेट लिफ्टिंग और डायबिटीज रिस्क(Weight Lifting and Diabetes Risk) को कम करने के संबंध में कुछ स्टडी हो चुकी हैं। एनसीबीआई (NCBI) में प्रकाशित रिपोर्ट की मानें, तो वेट लिफ्टिंग या स्ट्रेंथ एक्सरसाइज (Strength exercises) करने से टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 diabetes) का खतरा कम हो जाता है। स्टडी के दौरान करीब 35 754 स्वस्थ्य महिलाओं को शामिल किया गया। इन सभी से कुछ प्रश्न के उत्तर मांगे गए। सामने आया कि उसमें से करीब 2000 महिलाएं स्ट्रेंथ एक्सरसाइज (Strength exercises) के साथ ही अन्य एक्सरसाइज को करती थी। रिजल्ट में ये बात सामने आई कि जो महिलाएं स्ट्रेंथ ट्रेनिंग नहीं करती थीं, उनको स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करने वाली महिलाओं की तुलना में टाइप 2 डायबिटीज का अधिक खतरा था। वहीं अन्य बीमारियों जैसे कि हार्ट संबंधी बीमारियों की संभावना भी एक्सरसाइज करने से कम हो जाती है। स्टडी में ये बात सामने आई कि वेट लिफ्टिंग (Weight lifting) या फिजिकल एक्सरसाइज (Physical exercise) कहीं न कहीं मधुमेह के खतरे को कम करने का काम करते हैं।

वेट लिफ्टिंग और डायबिटीज रिस्क(Weight Lifting and Diabetes Risk) से संबंधित स्टडी में कई बातें सामने आई। वहीं एक अन्य स्टडी में करीब चार हजार से अधिक लोगों को शामिल किया गया था, जिनमें टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 diabetes) का हाय रिस्क था। आयोवा स्टेट यूनिवर्सिटी (Iowa State University) में की गई इस स्टडी में पार्टिसिपेंट्स को स्ट्रेंथ ट्रेनिंग प्रोग्राम का हिस्सा बने थे। स्टडी में ये बात सामने निकलकर आई कि स्ट्रेंथ ट्रेनिंग टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 diabetes) से बचाने के साथ ही मैनेज करने का भी काम करता है। जिन लोगों को पहले से ही डायबिटीज की समस्या है, उनके लिए भी एक्सरसाइज जरूरी होती है। रिजिस्टेंस ट्रेनिंग की की मदद से मसल्स स्ट्रेंथ (muscle strength), लीन मसल्स मास (lean muscle mass) और बोन मिनिरल डेंसिटी (bone mineral density) को बढ़ाने में मदद मिलती है, जो कि फंक्शन स्टेटस को बढ़ाने के साथ ही ग्लाइसेमिक कंट्रोल भी करता है। आप एक्सरसाइज के बारे में डॉक्टर से भी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

और पढ़ें:जानिए डायबिटीज में नाखून में पीलेपन को क्यों ना करें इग्नोर?

मधुमेह रोगियों के लिए स्ट्रेंथ ट्रेनिंग है जरूरी

स्ट्रॉन्ग बॉडी आपको बिना थके मूवमेंट करने की आजादी देती है। अगर आप कमजोर होंगे, तो किसी काम को करने के बाद कुछ ही देर में थक जाएंगे, जबकि मसल्स स्ट्रेंथ आपको जल्दी थकने नहीं देती है। आप ग्रिप स्ट्रेंथ या फिर ब्रेंच प्रेस के माध्यम से आसानी से मसल्स स्ट्रेंथ एक्सरसाइज (Strength exercises) कर सकते हैं। वेट लिफ्टिंग और डायबिटीज रिस्क (Weight Lifting and Diabetes Risk)का कॉन्सेप्ट समझने के लिए आपको स्ट्रेंथ ट्रेनिंग के फायदों के बारे में जानकारी होना भी जरूरी है। जानिए स्ट्रेंथ ट्रेनिंग क्या होती है और कैसे ये मधुमेह के रोगियों के लिए फायदेमंद होती है।

स्ट्रेंथ ट्रेनिंग (Strength training) के क्या हैं फायदे?

स्ट्रेंथ ट्रेनिंग (Strength training) को वेट और रजिस्टेंस ट्रेनिंग के नाम से भी जानते हैं। ये एक फिजिकल एक्टिविटी होती है, जो मसल्स को स्ट्रेंथ प्रदान करती है। आप वेट लिफ्टिंग के जरिए भी स्ट्रेंथ ट्रेनिंग कर सकते हैं। जिन लोगों को डायबिटीज की समस्या है या फिर हार्ट संबंधी परेशानी है, उनके लिए वेट लिफ्टिंग फायदेमंद साबित हो सकती है। वेट लिफ्टिंग और डायबिटीज रिस्क (Weight Lifting and Diabetes Risk) को करम करने के बारे में जो भी स्टडी हुई हैं, उनमें जो मुख्य बात सामने निकल कर आई है कि आप किसी भी तरह की स्ट्रेंथ ट्रेनिंग या फिर वेट लिफ्टिंग करके टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 diabetes) के खतरे को कम कर सकते हैं। जानिए स्ट्रेंथ ट्रेनिंग से क्या फायदे पहुंच सकते हैं।

और पढ़ें:डायबिटीज में पाइनएप्पल : डॉक्टर की सलाह के बगैर खाना पड़ सकता है सेहत पर भारी!

  • स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करने से बोंस स्ट्रॉन्ग होती है। वेट लिफ्टिंग की मदद से आप बोन डेंसिटी को बढ़ाने का काम करते हैं।
  • डायबिटीज में मोटापा या फिर मोटापे के कारण डायबिटीज की संभावना अधिक बढ़ जाती है। ऐसे में स्ट्रेंथ ट्रेनिंग (Strength training) आपके वजन को नियंत्रित करने में मदद करता है।
  • डायबिटीज के कारण शरीर में विभिन्न प्रकार लक्षण दिखाई पड़ सकते हैं। ऐसे में स्ट्रेंथ ट्रेनिंग लक्षणों को मैनज करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

अगर स्ट्रेंथ ट्रेनिंग के लिए अगर वेट लिफ्टिंग कर रहे हैं, तो बारबेल और डम्बल क्लासिक को स्ट्रेंथ ट्रेनिंग के लिए इस्तेमाल करना बेहतर रहेगा। आप इसे आसानी से घर में भी कर सकते हैं। आप चाहे तो मेडिसिन बॉल्स या केटल बेल्स का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। वेट लिफ्टिंग और डायबिटीज रिस्क (Weight Lifting and Diabetes Risk) को कम करने के संबंध में आप अधिक जानकारी डॉक्टर से ले सकते हैं।

और पढ़ें:डायबिटीज और लंग डिजीज में क्या संबंध है? शुगर के मरीज पहले से रहें अलर्ट!

वेट लिफ्टिंग और डायबिटीज रिस्क: हफ्ते में दो से तीन बार जरूर करें स्ट्रेंथ ट्रेनिंग

वेट लिफ्टिंग और डायबिटीज रिस्क  (Weight Lifting and Diabetes Risk) को कम करने के लिए आपको इस बारे में भी जानकारी होनी चाहिए कि सप्ताह में कितनी बार वेट लिफ्टिंग करना आपके लिए बेहतर रहेगा। अगर आप पहले से ही वेट लिफ्टिंग कर रहते हैं, तो आप सप्ताह में तीन से चार बार वेट लिफ्टिंग कर सकते हैं। अगर आपने पहले कभी भी वेट लिफ्टिंग नहीं की है, तो बेहतर होगा कि आप सप्ताह में दो से तीन बार ही इसे करें। आपको एक दिन में करीब 45 मिनट तक का समय देना चाहिए। आप चाहे तो 20 से 30 मिनट तक शुरुआत करें। बिगिनर्स के लिए एक ही दिन में अधिक वेट लिफ्टिंग परेशानी का कारण बन सकती है, इसलिए बेहतर होगा कि शुरुआत में आप कम समय ही दें। अगर आपके पास जिम जाने का समय नहीं है, तो आप घर में भी स्ट्रेंथ ट्रेनिंग कर सकते हैं। आपको मसल्स टेंशन के लिए जरूरी नहीं है कि भारी डम्बल उठाने की जरूरत है। बिना एक्सपर्ट की देखरेख के वेट लिफ्टिंग न करें।

और पढ़ें:Gurmar for diabetes: डायबिटीज के लिए गुड़मार का सेवन क्या होता है फायदेमंद?

हैलो हेल्थ किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार उपलब्ध नहीं कराता हैं। इस आर्टिकल के माध्यम से हमने आपको वेट लिफ्टिंग और डायबिटीज रिस्क  (Weight Lifting and Diabetes Risk) खाने के बारे में जानकारी शेयर की है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस संबंध में अधिक जानकारी चाहिए, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्सर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे।

डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

Sayali Chaudhari

फार्मेकोलॉजी · Hello Swasthya


Bhawana Awasthi द्वारा लिखित · अपडेटेड 26/11/2021

ad iconadvertisement

Was this article helpful?

ad iconadvertisement
ad iconadvertisement