हाइपरग्लेसेमिया के दौरान रीनल रिस्पॉन्स में सेक्स डिफरेंस (Sex Differences In Renal Responses To Hyperglycemia In T1DM)
डायबिटीज की बीमारी के दौरान ब्लड में शुगर का लेवल कंट्रोल में नहीं रह पाता है। अगर आपको भी डायबिटीज की समस्या है, तो ऐसे में ब्लड में शुगर का लेवल कभी भी अचानक से बढ़ सकता है। ब्लड में शुगर का लेवल कंट्रोल करने का काम इंसुलिन हॉर्मोन करता है। अगर किसी कारण सेइंसुलिन हॉर्मोन (insulin hormone ) पैंक्रियाज से नहीं निकल पाता है या फिर हॉर्मोन का प्रोडक्शन नहीं हो पाता है, तो डायबिटीज की बीमारी पैदा हो जाती है। मधुमेह मेलिटस (Diabetes mellitus) प्रोग्रेसिव रीनल डिजीज के हाय रिस्क से जुड़ा हुआ है। डायबिटीज की बीमारी के कारण कई बीमारियां पैदा होने का खतरा बढ़ जाता है। किडनी से संबंधित बीमारियां भी उन्हीं में से एक है। T1DM हाइपरग्लेसेमिया के दौरान रीनल रिस्पॉन्स में सेक्स डिफरेंस (Sex Differences In Renal Responses To Hyperglycemia In T1DM) के संबंध में कई स्टडी की जा चुकी हैं। इसके परिणाम पुरुषों और महिलाओं के आधार पर अलग निकले हैं।
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हालांकि नॉन डायबिटिक डिजीज में एंड स्टेज रीनल डिजीज के खिलाफ फीमेल जेंडर प्रोटक्ट रहता है। वहीं डायबिटीज की समस्या होने पर ये प्रोटक्शन टूट सकता है या फिर स्थिर नहीं रह पाता है। प्रोटक्शन या फिर सुरक्षा के इस नुकसान के लिए जिम्मेदार सिस्टम को पूरी तरह से स्पष्ट नहीं किया गया है। बढ़ा हुआ रीनल प्लाज्मा फ्लो और ग्लोमेरुलर हायपरफिल्टरेशन भी डायबिटिक न्यूरोपैथी (Diabetic neuropathy) के लिए जिम्मेदार माना जा सकता है। स्टडी के माध्यम से ये जानने की कोशिश की गई कि हाइपरग्लाइसेमिया के लिए रीनल हीमोडायनेमिक रिस्पॉन्स में जेंडर डिफरेंस क्या हो सकता है। एल-आर्जिनिन (l-arginine) इन्फ्यूजन द्वारा नाइट्रिक ऑक्साइड ( nitric oxide) उत्पादन में वृद्धि टाइप 1 डायबिटीज मेलिटस (type 1 diabetes mellitus) वाली महिलाओं में क्लैम्प्ड हाइपरग्लेसेमिया (Clamped hyperglycemia) के लिए इस हानिकारक रिस्पॉन्स को रिवर्स कर सकता है।
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डायबिटीज का कोई इलाज नहीं है लेकिन कुछ बातों का ध्यान रख कर इसे रिवर्स किया जा सकता है। आपको इसके बारे में डॉक्टर से जानकारी लेनी चाहिए। अगर आप डायबिटीज की बीमारी से पीड़ित हैं, तो बेहतर होगा कि आप डायट में ऐसी चीजों को शामिल न करे, जो ब्लड में शुगर के लेवल को बढ़ाने का काम करें। आप खानपान में ध्यान रखने के साथ ही रोजाना एक्सरसाइज भी कर सकते हैं। शरीर को फिट रखने के लिए एक्सरसाइज करना बहुत जरूरी होता है। आप समय-समय पर ब्लड शुगर लेवल की जांच करना भी बहुत जरूरी है। आप हाइपरग्लेसेमिया के दौरान रीनल रिस्पॉन्स में सेक्स डिफरेंस (Sex Differences In Renal Responses To Hyperglycemia In T1DM) के बारे में डॉक्टर से जानकारी ले सकते हैं।
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इस आर्टिकल में हमने आपको हाइपरग्लेसेमिया के दौरान रीनल रिस्पॉन्स में सेक्स डिफरेंस (Sex Differences In Renal Responses To Hyperglycemia In T1DM) के बारे में जानकारी दी है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस संबंध में अधिक जानकारी चाहिए, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्स्पर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे।