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बुजुर्गों में डायबिटीज को इस तरह किया जा सकता है मैनेज

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Manjari Khare द्वारा लिखित · अपडेटेड 15/02/2022

    बुजुर्गों में डायबिटीज को इस तरह किया जा सकता है मैनेज

    डायबिटीज (Diabetes) एक गंभीर बीमारी है जिससे कई बुजुर्ग प्रभावित होते हैं। बुजुर्गों में डायबिटीज (Diabetes in older adults) के कारण कई प्रकार के अन्य कॉम्प्लिकेशन भी देखने को मिलते हैं। हालांकि, अच्छी बात यह है कि इसे कुछ स्टेप्स की मदद से मैनेज किया जा सकता है। जिसमें से एक फिजिकल एक्टिविटीज। बुजुर्गों में रेगुलर एक्सरसाइज के फायदे कई हैं। फिजिकल एक्टिव रहने से ना केवल डायबिटीज को मैनेज किया जा सकता है बल्कि इसके अन्य कॉम्प्लिकेशन जैसे कि कार्डियोवैस्कुलर डिजीज के रिस्क को भी कम किया जा सकता है।

    बुजुर्गों में रेगुलर एक्सरसाइज के फायदे के बारे में क्या कहती है रिचर्स

    डायबिटीज जर्नल में छपी में स्टडी के अनुसार बुजुर्गों में 10 वर्षों तक रेगुलर एक्सरसाइज ट्रेनिंग से कार्डियोवैस्कुलर डिजीज के मेटाबॉलिक रिस्क फैक्टर्स में कमी, एक्सरसाइज इंड्यूस्ड कार्डिएक असमान्यताओं में कमी से जुड़ा था। यानी बुजुर्गों में रेगुलर एक्सरसाइज के फायदे हैं। बुजुर्गों में निष्क्रिय जीवनशैली टाइप 2 डायबिटीज के रिस्क को भी बढ़ाने का काम करती है। ज्यादातर बुजुर्ग टाइप 2 डायबिटीज से ही प्रभावित होते हैं। आगे बढ़ने से पहले बुजुर्गों में डायबिटीज के बारे में जान लेते हैं।

    और पढ़ें: डेली एक्टिविटी और मॉडरेट एक्सरसाइज: टाइप 2 डायबिटीज के लिए कौन है बेहतर?

    डायबिटीज (Diabetes) क्या है?

    हमारी बॉडी बहुत सारे भोजन को जो हम खाते हैं को शुगर में बदल देती है। जिसे ग्लूकोज कहा जाता है। जो हमें एनर्जी देता है। ग्लूकोज को एनर्जी के रूप में उपयोग करने के लिए हमें इंसुलिन की जरूरत होती है। यह एक हॉर्मोन है जो ग्लूकोज को कोशिकाओं में जाने के लिए मदद करता है। अगर आपको डायबिटीज है तो आपकी बॉडी पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन का निर्माण नहीं कर पाती या इसका ठीक से उपयोग नहीं कर पाती। ये दोनों कंडिशन हो सकती हैं। जिसकी वजह से ब्लड में बहुत सारा ग्लूकोज रहता है। जो कई प्रकार की परेशानियां खड़ी करता है और समय के साथ ये बढ़ती जाती हैं। डायबिटीज दो प्रकार की होती है टाइप 1 और टाइप 2

     टाइप 1 डायबिटीज (Type 1 diabetes)

    डायबिटीज के इस प्रकार में शरीर इंसुलिन नहीं बनाता है। यद्यपि बड़े वयस्क इस प्रकार के मधुमेह को विकसित कर सकते हैं, यह अक्सर बच्चों और युवा वयस्कों में शुरू होता है, जिन्हें तब जीवन के लिए मधुमेह होता है।

    और पढ़ें: वॉकिंग और टाइप 2 डायबिटीज : जानिए इससे जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी

    टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 diabetes)

    टाइप 2 मधुमेह में शरीर इंसुलिन का ठीक से निर्माण या उपयोग नहीं कर पाता है। यह मधुमेह का सबसे आम प्रकार है। यह ज्यादातर मध्यम आयु वर्ग और बड़े वयस्कों में होता है, लेकिन यह बच्चों को भी प्रभावित कर सकता है। यदि आप अधिक वजन वाले, निष्क्रिय हैं, या मधुमेह का पारिवारिक इतिहास है, तो आपको टाइप 2 मधुमेह होने की संभावना अधिक होती है।

    गर्भावधि मधुमेह (एक प्रकार का मधुमेह जो गर्भावस्था के दौरान विकसित होता है) के इतिहास वाली महिलाओं में भी बाद में जीवन में टाइप 2 मधुमेह विकसित होने की अधिक संभावना होती है।

    डायबिटीज आपके शरीर के कई हिस्सों को प्रभावित कर सकती है। डायबिटीज का प्रबंधन करना महत्वपूर्ण है क्योंकि समय के साथ, यह हृदय रोग, स्ट्रोक, गुर्दे की बीमारी, आंखों की समस्याओं और तंत्रिका क्षति जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। साथ ही, टाइप 2 मधुमेह वाले लोगों को कैंसर और अल्जाइमर रोग होने का अधिक खतरा हो सकता है।

    बुजुर्गों में डायबिटीज को मैनेज करने के लिए क्या करें (What To Do To Manage Diabetes In The Elderly)

    बुजुर्गों में डायबिटीज को मैनेज करने में एक्सरसाइज कितना महत्वपूर्ण रोल प्ले करती है ये तो आप समझ ही गए हैं। बता दें कि आगे के जीवन में सक्रिय रहने से मांसपेशियों को मजबूत करने, गतिशीलता और संतुलन बनाए रखने और इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार करने में मदद मिलती है। यह आपको आत्म-देखभाल करने में मदद कर सकता है, आपकी मानसिक स्वास्थ्य में सुधार कर सकता है और गिरने से रोक सकता है। आप जितना सक्षम हो उतना सक्रिय होने का लक्ष्य रख सकते हैं।

    कमजोर लोगों सहित वृद्ध लोगों को प्रकाश प्रतिरोध और संतुलन प्रशिक्षण से लाभ होता दिखाया गया है। उन लोगों के लिए जो घर में हैं और बिस्तर या कुर्सी तक ही सीमित हैं, एक फिजियोथेरेपिस्ट द्वारा व्यायाम सिखाया जा सकता है और देखभाल करने वालों द्वारा उनका सपोर्ट किया जा सकता है। कोई भी नया व्यायाम शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर से बात करना न भूलें। इसके अलावा भी कुछ चीजें हैं जो बुजुर्गों में डायबिटीज को मैनेज कर सकती हैं।

    और पढ़ें: डेली एक्टिविटी और मॉडरेट एक्सरसाइज: टाइप 2 डायबिटीज के लिए कौन है बेहतर?

    बुजुर्गों में डायबिटीज और फूड चॉइस (Food Choice)

    कुछ मामलों में मधुमेह वाले वृद्ध व्यक्ति के लिए आहार संबंधी सलाह सामान्य सिफारिशों से भिन्न हो सकती है। ओल्डर केयर होम्स में वृद्ध लोगों के अधिक वजन की तुलना में कम वजन होने की संभावना अधिक होती है और कुपोषण की उच्च दर होती है। मधुमेह से ग्रसित प्रत्येक वृद्ध व्यक्ति के लिए वसा, नमक और चीनी को कम करना हमेशा उपयुक्त नहीं हो सकता है। खराब या अनियमित भोजन अक्सर ब्लड शुगर लेवन में का कारण बन सकता है।

    खराब मौखिक स्वास्थ्य, पाचन तंत्र पर कुछ दवाओं के प्रभाव, सीमित गतिशीलता, निपुणता या दृष्टि से जुड़ी असुविधा सभी ईटिंग से संबंधित हो सकते हैं। वृद्ध लोगों में अक्सर तरल पदार्थ का सेवन कम होता है जो डीहायड्रेशन का कारण बन सकता है, खासकर बीमारी के दौरान। जोखिम वाले लोगों को अतिरिक्त कैलोरी, भोजन की खुराक और रिप्लेसमेंट, वजन घटाने, कम नमक आहार या प्रबंधनीय खाद्य पदार्थों की आवश्यकता जैसे चिंता के क्षेत्रों को संबोधित करने के लिए पोषण संबंधी मूल्यांकन और आहार विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लेनी चाहिए।

    और पढ़ें: जानें टाइप 2 डायबिटीज में एक्सरसाइज इंड्यूस्ड हायपरटेंशन से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी

    बुजुर्गों में डायबिटीज होने पर हायपोग्लाइसेमिया (Hypoglycemia) को ना करें नजरअंदाज

    हाइपोग्लाइसेमिया (Hypoglycemia)  4mmol/l से कम रक्त शर्करा के स्तर पर होता है। वृद्ध लोगों में जोखिम कारक शामिल हो सकते हैं जो हाइपो का कारण बन सकते हैं:

  • इंसुलिन या कुछ मधुमेह की दवा
  • किडनी की पुरानी समस्याएं
  • खराब भोजन का सेवन
  • अन्य बीमारियां या स्थितियां होना
  • कई वृद्ध लोग पाते हैं कि उनमें हाइपो के लक्षण कम स्पष्ट हो जाते हैं, और कुछ में कोई लक्षण नहीं होते हैं। इसके लक्षणों में निम्न शामिल हो सकते हैं :

    • ध्यान केंद्रित करने में असमर्थता
    • व्यक्तित्व परिवर्तन
    • सुबह का सिरदर्द
    • नींद में परेशानी

    हाइपोस पर कई बार किसी का ध्यान नहीं जाता है, बहुत अप्रिय लक्षण पैदा कर सकता है:

  • उलझन
  • भाषण और आत्म-देखभाल कठिनाइयों
  • अपर्याप्त भूख
  • आक्रामक व्यवहार
  • अस्थिरता और गिरना
  • होश खोना
  • दिल का दौरा या स्ट्रोक
  • बुजुर्गों में डायबिटीज को मैनेज करने के लिए इन लक्षणों पर भी ध्यान देना चाहिए ताकि समय रहते सही ट्रीटमेंट उपलब्ध कराया जा सके। साथ ही अपनी दवाओं को समय लें। उनमें डॉक्टर की सलाह के बिना कोई बदलाव ना करें। जो लोग बुजुर्गों की देखभाल करते हैं वे ही इस बात का ध्यान रखें कि बुजुर्गों में डायबिटीज कई कॉम्प्लिकेशन का कारण बन सकती है। इसलिए किसी भी प्रकार के लक्षणों को अनदेखा ना करें।

    उम्मीद करते हैं कि आपको बुजुर्गों में डायबिटीज और इसे मैनेज करने के तरीकों के बारे में जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।

    डिस्क्लेमर

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