डायबिटीज एक ऐसी लाइफस्टाइल डिजीज है, जो किसी भी व्यक्ति को किसी भी उम्र में हो सकती है। डायबिटीज के साथ व्यक्ति को काफी परेशानी होती है। कई बार दवाइयों का भी सहारा लेना पड़ता है। वहीं खान-पान, एक्सरसाइज और लाइफस्टाइल में बदलाव करके भी डायबिटीज को मैनेज किया जा सकता है। डायबिटीज में पाम शुगर फायदेमंद होती है या नहीं, ये जानना बहुत जरूरी है। खास तौर पर डायबिटीज में खानपान का खास ध्यान रखने की जरूरत पड़ती है, खास तौर पर तब, जब बात हो रही है मीठा खाने की। डायबिटीज में शुगर के अलावा कई ऐसे विकल्प हैं, जिसका इस्तेमाल किया जा सकता है। इन्हीं में से एक है पाम शुगर। डायबिटीज में पाम शुगर का इस्तेमाल आमतौर पर किया जाता है, लेकिन यह कितनी कारगर सिद्ध होती है, इसके बारे में जानना जरूरी है। आइए जानते हैं डायबिटीज में पाम शुगर का इस्तेमाल कैसे किया जा सकता है। लेकिन इससे पहले जान लेते हैं डायबिटीज से जुड़ी ये खास जानकारी।
डायबिटीज (Diabetes) की समस्या होती है ऐसे!
डायबिटीज (Diabetes) की तकलीफ का सीधा असर हमारे इम्यून सिस्टम पर पड़ता है। आमतौर पर जब व्यक्ति खाना खाता है, तो शरीर भोजन से मिले शुगर को तोड़कर उसका इस्तेमाल कोशिका में उर्जा बनाने के लिए करता है। इस कार्य को पूरा करने के लिए पैंक्रियाज को इंसुलिन का उत्पादन करना पड़ता है। इंसुलिन हॉर्मोन शरीर में एनर्जी बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन जब आप डायबिटीज की गिरफ्त में होते हैं, तो यही पैंक्रियाज पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन (Insulin) पैदा नहीं कर पाती। इसकी वजह से शरीर में ब्लड शुगर लेवल (Blood sugar level) बढ़ता चला जाता है। जब शरीर में ब्लड शुगर लेवल ज्यादा बढ़ जाता है, तो शरीर के कामकाज पर इसका प्रभाव पड़ता है और शरीर की कार्यप्रणाली कमजोर होती चली जाती है।
यदि समय पर ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल ना किया जाए, तो डायबिटीज (Diabetes) अपने साथ-साथ कई अन्य जटिलताओं को भी साथ ले आता है। आपके साथ ऐसी स्थिति ना हो, इसलिए जरूरत है आपको डायबिटीज के लक्षण पहचानने की। आइए जानते हैं डायबिटीज के लक्षणों के बारे में।
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पहचानें डायबिटीज के लक्षणों को! (Symptoms of Diabetes)
यह तो सभी जानते हैं कि डायबिटीज के दो प्रमुख प्रकार होते हैं, टाइप वन डायबिटीज (Type 1 Diabetes) और टाइप टू डायबिटीज (Type 2 Diabetes)। टाइप वन डायबिटीज में पैंक्रियाज (Pancreas) इंसुलिन बनाना बंद कर देता है, जिसकी वजह से बीमार व्यक्ति को इंसुलिन के इंजेक्शन लेने पड़ते हैं। वहीं टाइप टू डायबिटीज में पैंक्रियाज में इंसुलिन बनाने की रफ्तार कम हो जाती है, जिसकी वजह से ब्लड शुगर लेवल बढ़ने लगता है। लेकिन जब आपको डायबिटीज की समस्या रहती है, तब आपको यह लक्षण दिखाई दे सकते हैं –
- बार-बार प्यास लगना जिसे पॉलीडिप्सिया (Polydipsia) कहते हैं
- ज्यादा पेशाब होना, इस स्तिथि को पॉल्यूरिया कहते हैं
- बिना किसी कारण के वजन घटना
- जल्दी थकावट महसूस होना
ऐसे भी कुछ लक्षण हैं जो व्यक्तिगत रूप से किसी को महसूस हो सकते हैं और किसी को नहीं। जिनमें शामिल हैं:
- मतली और उलटी (Nausea and vomiting)
- धुंधला दिखाई देना
- महिलाओं में बार-बार योनि संक्रमण।
- मुंह सूखना
- जख्म या कट्स भरने में ज्यादा समय लगना
- त्वचा में खुजली होना, खासतौर पर कमर और जेनिटल एरिया के आस-पास।
जब आपको यह लक्षण दिखाई दें, तो आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। जितनी जल्दी आप डॉक्टर से संपर्क करेंगे, उतनी ही जल्दी आप ब्लड शुगर लेवल को सामान्य स्तर पर ला सकते हैं। इसलिए समय रहते डॉक्टर से संपर्क करना बेहद जरूरी माना जाता है। जैसा कि आपने जाना डायबिटीज में मरीज को अपना खास ध्यान रखने की जरूरत पड़ती है, इसलिए खानपान में बदलाव लाकर डायबिटीज को मैनेज किया जा सकता है। आइए जानते हैं डायबिटीज में पाम शुगर खाने से पहले आपको किन बातों पर ध्यान देना चाहिए। पाम शुगर का अर्थ है नारियल से बनी चीनी, जिसे नारियल को पीसकर बनाया जाता है। यह एक अनप्रोसेस्ड और नैचुरल विकल्प माना जाता है। डायबिटीज में पाम शुगर ना सिर्फ़ डायबिटीज में, बल्कि कई अन्य स्वास्थ्य समस्याओं में भी फायदेमंद मानी जाती है। आइए जानते हैं कैसे।
डायबिटीज में पाम शुगर : क्या करती है काम?
नारियल से बनी पाम शुगर को पीसकर और सूखा कर बनाया जाता है। कुछ पारंपरिक तरीकों में पाम शुगर को उबालकर भी बनाया जाता है। डायबिटीज में पाम शुगर खाने का फायदा यह है कि इसमें फ़्रुक्टोज की मात्रा कम होती है, साथ ही साथ इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स लो होता है। इसमें आम चीनी की तुलना में मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट भी भरपूर मात्रा में होते हैं, जो डायबिटीज में आपकी सेहत के लिए फायदेमंद माने जाते हैं। ये दिखने में ब्राउन शुगर की तरह दिखती है, लेकिन बेकिंग, कुकिंग और नेचुरल स्वीटनर के रूप में इस्तेमाल की जा सकती है। इसलिए ब्लड शुगर मेंटेन रखने के लिए डायबिटीज में पाम शुगर खाने की सलाह दी जाती है। आइए अब जानते हैं डायबिटीज में पाम शुगर किस तरह के ब्लड शुगर लेवल को मेंटेन रखती है।
डायबिटीज में पाम शुगर : कैसे दिखाती है ब्लड शुगर लेवल पर अपना असर?
डायबिटीज में पाम शुगर खाने का फायदा यह है कि इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स बहुत कम होता है। यह एक तरह का माप है, जिससे ब्लड शुगर और ग्लूकोज के स्तर पर को मापा जा सकता है। आम चीनी के मुकाबले पाम शुगर का ग्लाइसेमिक इंडेक्स 35 माना जाता है। वहीं आम प्रोसेस शुगर का जीआई (GI) 60 से 65 के बीच होता है। यही वजह है कि डायबिटीज में पाम शुगर खाने की सलाह दी जाती है। लेकिन इसके सेवन से पहले आपको डॉक्टर की सलाह लेने की जरूरत पड़ती है। एक आम और हेल्दी व्यक्ति के लिए 1 दिन में 12 ग्राम पाम शुगर पर्याप्त मानी जाती है। लेकिन जब आप डायबिटिक होते हैं, तो यह मात्रा आपका डॉक्टर तय करता है। इसलिए डायबिटीज में पाम शुगर खाने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लेकर सीमित मात्रा में इसका सेवन करना चाहिए। डायबिटीज में पाम शुगर खाने के और भी कई फायदे हैं, आइए जानते हैं इन फायदों के बारे में।
डायबिटीज में पाम शुगर खाने के क्या फायदे हैं?
डायबिटीज में पाम शुगर खाने के कई फायदे हैं, जिसमें से एक ये है कि ये आपके ब्लड शुगर लेवल को मेंटेन रखता है। लेकिन इसके और भी कई अन्य फायदे हैं, जो शरीर को मिलते हैं। वह इस प्रकार हैं –
डायबिटीज में पाम शुगर : कम कैलोरी, ज्यादा फायदा
डायबिटीज में पाम शुगर खाने से आप कम कैलोरी कंज्यूम करते हैं। डायबिटीज की समस्या में आपको खाने से मिलने वाली कैलोरी पर खास ध्यान देने की जरूरत पड़ती है। यह एक तरह की ब्राउन शुगर मानी जाती है, जिसमें कैलोरी बेहद कम होती है। इसके अलावा डायबिटीज में पाम शुगर खाने से आपको आयरन, पोटेशियम, पॉलीफेनॉल, फ़ाइबर की भरपूर मात्रा मिलती है। जहां एक ओर 5 ग्राम प्रोसेस्ड शुगर की 40 कैलोरी होती है, वहीं पाम शुगर में 20 से 25 कैलोरी आपको मिलती है, जिससे डायबिटीज में वजन कम करने में आपको सहायता होती है।
डायबिटीज में पाम शुगर : आपके गट का रखे ध्यान
जैसा कि आप सभी जानते हैं, डायबिटीज की समस्या में आपको अपने पाचन तंत्र का खास ध्यान रखने की जरूरत पड़ती है। पाचन तंत्र में गड़बड़ी का सीधा असर आपके ब्लड शुगर लेवल पर पड़ता है, इसलिए डायबिटीज में पाम शुगर खाने की सलाह दी जाती है। यह आपके पाचन तंत्र को दुरुस्त करके बेहतर बनाती है। डायबिटीज में पाम शुगर एक तरह से प्रोबायोटिक मानी जाती है, साथ ही साथ इसमें भरपूर मात्रा में फाइबर होता है, जो आपके गट के लिए बेहद जरूरी मानी जाती है। यह आपके गट बैक्टीरिया के लिए फायदेमंद मानी जाती है, इसलिए डायबिटीज में पाम शुगर खाने की सलाह दी जाती है।
डायबिटीज में पाम शुगर खाना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है, लेकिन इसके सेवन से पहले आपको डॉक्टर से जरूर सलाह लेनी चाहिए। कई बार व्यक्ति का ब्लड शुगर लेवल तेजी से फ्लक्चुएट होता है, इसलिए किसी भी तरह के का खाद्य पदार्थ अपनी डायट में जोड़ने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है।
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