मीठा सामने हो, पर आप उसे खा नहीं सकते हैं, ऐसा अक्सर डायबिटीज के मरीजों के साथ ही हाेता है। हम सभी को पता है कि डायबिटीज एक लाइफस्टाइल डिजीज है, जो एक बार होने के बाद कभी भी खत्म नहीं होती, बस इसे कंट्रोल किया जा सकता है। यह एक ऐसी बीमारी है, जो बच्चों से लेकर बड़ों तक, किसी को भी हो सकती है। आज के समय में अधिकतर लोग लाइफस्टाइल डिजीज के शिकार हो रहे हैं, जिसके कई कारण हो सकते हैं। जिनमें से एक सबसे बड़ा कारण है लोगों का गलत खानपान और एक्सरसाइज न करना। जब लोग इस बीमारी के शिकार हो जाते हैं, तो डायबिटीज का स्ट्रेस उन्हें चैन से जीने नहीं देता। कई बार तो लोग इस कारण डिप्रेशन में भी चले जाते हैं।
तो आइए, इस ‘वर्ल्ड डायबिटीज डे’ पर हमारे साथ जुड़िए हमारी सिरीज ‘स्वाद से मीठा गया है, जिंदगी से नहीं’ से। यह सीरीज खास उनके लिए है, जो डायबिटिक हैं और ये सोचते हैं कि वो कभी भी नॉर्मल लाइफस्टाइल नहीं जी सकते हैं। तो इसमें हम जुड़ेंगे कुछ ऐसे ही डायबिटीक पेशेंट्स से, जिन्होंने हमारे साथ अपना लाइफस्टाइल और अनुभव शेयर किया है। जिसमें हम जानेंगे कि वो किस तरह से डायबिटिक होने के बाद भी अपनी लाइफ को अच्छे से जीते हैं और खुद को फिट रखने की कोशिश करते हैं। हमारे इस पहले एपिसोड में हैं, लखनऊ की रहने वाली नीलम जायसवाल, जो कि एक हाउस वाइफ हैं। इन्होंने हमें बताया कि शुगर की मरीज होने के बाद इनके लाइफ में क्या-क्या बदलाव आए और किस तरह से वाे अपनी बीमारी को मैनेज करते हुए अपनी डायबिटीक लाइफ में मीठे की कमी को पूरा करती हैं। आइए जानें, इनकी कहानी, इन्हीं की जुबानी –
Q-1. चलिए, नाम से शुरू करते हैं!
जी बिल्कुल, मेरा नाम नीलम जायसवाल है और मैं एक हाउस वाइफ हूं।
Q-2. आपकी उम्र क्या है?
वैसे तो औरतों की उम्र बताई नहीं जाती है, पर अब छुपाना भी क्या, 55 साल की हूं।
Q-3. आपको डायबिटीज की समस्या कब से है?
मुझे मीठे से दूर रहते हुए 25 साल के करीब हो गए हैं। तो समझ लीजिए ये बीमारी तब से ही है।
Q-4. आपको किस प्रकार की डायबिटीज है और क्या वो कंट्रोल में रहती है?
मुझे डायबिटीज टाइप-़2 है। वैसे तो मेरी शुगर सही रहती है, पर कभी-कभी फ्लक्चुएट हो जाती है। जब मेरा शुगर लेवल बहुत ज्यादा बढ़ गया था और कंट्रोल नहीं हाे रही थी, तो इस वजह से डॉक्टर ने मुझे इंसुलिन लेने की सलाह दी और मैं पिछले 5 सालों से इंसुलिन ले रही हूं। इससे पहले सिर्फ मेडिसीन लेती थी। डायबिटीज के साथ मुझे हाय ब्ल्ड प्रेशर की समस्या भी है।
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Q-5. पहले दिन जब आपको पता चला कि आपका लाइफस्टाइल अब पहले जैसे नहीं रहा, तो आपके मन में सबसे पहले क्या ख्याल आया था?
आपने तो वो पल याद दिला दिया! उस समय ऐसा लग रहा था कि न जानें मेरे साथ क्या हो गया, सब कुछ थम सा गया हो। मन में यही ख्याल आ रहे थे कि अब मेरी लाइफ पहले जैसे नॉमर्ल नहीं होगी और अब मैं हमेशा के लिए बीमार हो गई हूं। पर ऐसा कुछ भी नहीं है, मेरा मानना है ये सब बातें बस आपके दिमाग में होती हैं। लोग डायबिटीज से ज्यादा उसके स्ट्रेस से बीमार हो जाते हैं।
Q-6.अच्छा.. जरा हमें ये बताएं कि डायबिटीज जैसी बीमारी के साथ रहने के बाद भी आप अपनी लाइफ को कैसे एंजॉय करती हैं?
आप सोच सकते हैं कि जब किसी को कम उम्र में डायबिटीज हो जाए, तो कैसा लगता होगा। मुझे डायबिटीज की समस्या तब हुई थी, जब मेरी उम्र 30 साल थी। यह उम्र लाइफ को एंजाॅय करने की होती है। लेकिन कर भी क्या सकती थी और वैसे भी बात बस माइंडसैट की हाेती है। मैंने इस बात को स्वीकार कर लिया था। वैसे भी लोग वेट लॉस या कई तरह की बीमारियों से बचने के लिए डायट कंट्रोल करते हैं। इसी तरह मैं भी खुद को फिट रखने के लिए करती हूं। मैं भी खुद को फिट रखने के लिए डायट कंट्रोल और एक्सराइज कर रही हूं। यही सोचती हूं। वैसे भी अगर आपकी डायबिटीज कंट्रोल है, तो लाइफ को आप अच्छे से एंजॉय कर सकते हैं। लाइफ एंजॉय केवल खाने से ही नहीं होती, बाकी सभी चीजें भी महत्वपूर्ण होती हैं। मैं ऐसा भी नहीं बोलूंगी कि मैं डायबिटीज की बहुत स्ट्रिक्ट डायट फॉलो करती हूं, कभी-कभार मैं भी कम मीठे वाली मिठाई खा लेती हूं।
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Q-7. हमारे साथ अपना लाइफस्टाइल शेड्यूल और डायट प्लान शेयर करें।
वैसे तो मेरा लाइफस्टाइल बहुत नॉर्मल है, बस समझ लीजिए, मीठे और नमक से थोड़ा दूर रहना है। मैं सुबह उठकर साइकलिंग और इवनिंग में वॉक करती हूं। अगर डायट की बात करूं, तो मैं सुबह के नाश्ते में 3 बदाम, 1 सेब और 2 रोटी खाती हूं। 8 बजे तक नाश्ता कर लेती हूं। इसके बाद 11 बजे तक एक ग्लास छाछ पीती हूं। दिन के खाने में 2 रोटी, 1 कटोरी दाल, 1 कटोरी सब्जी और 1 कोटाेरी चावल खाती हूं। और हां…खाने से पहले एक छोटी प्लेट सलाद भी जरूर खाती हूं। शाम को मैं 1 कप बिना चीनी की चाय और पोहा जैसा काई हल्का स्नैक्स खाती हूं। रात के डिनर में 2 रोटी और सब्जी हो जाती है।
Q-8.क्या आपके पास कोई ऐसी ट्रिक है, जिससे आप खाने को हेल्दी वे में ट्विस्ट कर के अपने खाने में मिठास को घोल सकती हैं?
हां, जब मेरा मीठा खाने का मन करता है, तो उस समय चीनी की जगह शहद या गुड़ डालकर कुछ मीठा बना लेती हूं। जैसे कि मेरा हलवा खाने का मन किया, तो मैं ने उसे चीनी की जगह गुड़ से बना लिया । कई बार मैं घर पर ही होममेड आईसक्रीम भी बनाती हूं, जिसमें शहद का इस्तेमाल करती हूं। इस तरह से कुछ-कुछ एक्सपेरिमेंट के साथ टेस्ट का ट्विस्ट हो जाता है।
Q-9अच्छा! अब ये सही-सही बताइए कि आप महीने में कितनी बार चीट डे मनाती हैं? क्या खाती हैं?
हा…हा….बहुत ही अच्छा सवाल है, चीट डे को लेकर ऐसा कोई फिक्स नहीं है, जब मन करता है तो थोड़ा बुहत कुछ खा लेती हूं। मेरा मानना है कि एक ही लाइफ है, तो हमें सब कुछ एंजॉय करना चाहिए। हां, पर सब कुछ लिमिट में लिया जाए, तो कुछ नुकसान नहीं करता।
Q-10. अच्छा.. कई बार ऐसा भी होता होगा कि घर में आपके सामने कोई मीठा खा रहा हाेता है, तो उस समय मन में क्या ख्याल आता है?
उन्हीं काे देखकर खुश हो लेती हूं, चलो कोई तो खा रहा है, थोड़ा बहुत मैं भी खा लेती हूं। इसके अलावा, एक माइंडसैट हो रखा है मेरा।
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Q-11. मान लीजिए, अगर आपके सामने आपकी पसंद की ये चार मिठाइयां हो और आप केवल एक ही चुन सकती हैं, तो क्या चुनेंगी-
A- रस से भरी जलेबी
B- गुलाब जामुन
C- कम मीठे वाली काजू कतली
D- गुड़ वाली मिठाई
😂😂…भला कहीं तो मुझे अपनी मर्जी से मिठाई खाने मौका मिला। मुझे बिना किसी कंट्रोल के अगर ऐसा मौका मिलेगा, तो मैं रस से भरी जलेबी ही खाना पसंद करूंगी।
Q-12. क्या डॉक्टर ने आपको मेडिसीन लेने की सलाह दी है? अगर हां, तो आपका शेड्यूल क्या है ?
हां, मुझे डॉक्टर ने मेडिसीन और इंसुलिन दोनों लेने की सलाह दी है। मैं दिन में 2 बार इंसुलिन लेती हूं, सुबह नाश्ते से पहले और राते में खाने से पहले।
Q-13. आपको कैसे पता चलता है, जब आपके शरीर में शुगर का लेवल बढ़ता है? किस तरह के बदलाव और लक्षण आप महसूस करती हैं?
जब मेरी शुगर हाय होती है, उस समय मुझे घबराहट होना शुर है। अंदर से पता चल जाता है । कई बार रात को सोते समय ऐसा भी होता है कि मेरी शुगर लो हो जाती है। तो उस समय मुझे पसीना आने लगता है और हार्ट में दबाव महूसस होता है।
Q-14. क्या आप डायबिटीज कंट्रोल के लिए नियमित रूप से एक्सरसाइज करती हैं? अगर आपका जवाब हां है, तो किस प्रकार की एक्सरसाइज करती हैं?
हार्ड एक्सरसाइज मुझसे नहीं हो पाती है, तो मैं बस मॉर्निंग में साइकिलिंग और शाम को 30 मिनट के लगभग वॉक करती हूं।
Q-15. क्या डायबिटीज कभी आपकी मेंटल हेल्थ पर भारी पड़ती है? अगर आपका जवाब हां है, तो अपने आप को मेंटली फिट कैसे रखती हैं?
हां, कई बार ऐसा होता है, जब कभी कुछ मीठा खा लो या कोई नमकीन चाट आदि खा लो, तो मन में ये डर बना रहता है कि कहीं शुगर हाय न हो जाए। अगर कहीं बाहर ट्रैवलिंग में जाने का मन हो, तो घर वाले नहीं जाने देते हैं, कहीं बाहर तबीयत न खराब हो जाए। कहने का अर्थ है कि मेंटली फ्री होकर ये चीजे नहीं हो पाती हैं। तो उस टाइम खुद को कंट्रोल करने की कोशिश करती हूं। फिर जो काम पसंद है उसे करती हूं, ताकि स्ट्रेस कम हो जाए।
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Q-16. डायबिटीज के पेशेंट होने के तौर पर आपकी लाइफ का सबसे कठिन समय कौन सा रहा है?
वैसे तो ऐसा खास कुछ भी नहीं रहा है, लेकिन डायबिटीज के कारण मेरे शरीर में कई तरह के बदलाव आ गए हैं। डायबिटीज के बाद दूसरी बीमारी हो जाने पर उसका ठीक होना बहुत मुश्किल होता है। अगर स्ट्रेस ले लेती हूं, तो अब मुझे सांस लेने में दिक्क्त होती है, इसके लिए डॉक्टर की सलाह पर पिछले 2 सालों से मैं ऑक्सीजन मशीन लगा कर रात में सोती हूं। मुझे अस्थमा की दिक्क्त नहीं है।
Q-17. किसी काम को करते समय आपको ऐसा महसूस होता है क्या कि आप डायबिटिक हैं और आप इसे नहीं कर सकती हैं?
मुझे बहुत ज्यादा चलने में दिक्कत होती है या कोई काम बहुत ज्यादा कर लूं, तो थकान हो जाती है।
Q-18. डायबिटीज के साथ सबसे बड़ा चैलेंज क्या रहा है?
छोटी उम्र में डायबिटिक लाइफ जीना मेरे लिए सबसे बड़ा चैलेंज रहा है।
Q-19. क्या आपको मालूम है कि डायबिटीज को पूरी तरह से रिवर्स किया जा सकता है?
नहीं मुझे इसकी जानकारी नहीं है।
Q-20. आप अपनी लाइफ का मोटो हमारे साथ शेयर करें।
जिंदगी खुलकर जियो, कोई न काेई बीमारी तो जीवन भर लगी ही रहती है। पर इसका ये अर्थ बिल्कुल भी नहीं है कि अपने लाइफस्टाइल पर ध्यान न दिया जाए।
डॉक्टर की राय
डायबिटीज पेशेंट का लाइफस्टाइल शेड्यूल हमेशा डॉक्टर की ही निगरानी में ही होना चाहिए। उन्हें वही डायट फॉलों करनी चाहिए, जो डॉक्टर द्वारा उन्हें सलाह दी जाती है। वहीं इस बारे में किगं जॉर्ज मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर डी. हिमांशू ने बताया कि डायबिटिक लाइफ को भी आसानी से जीया जा सकता है, अगर आप पहले से ही सावधान रहें। इसके लिए डेली वर्कआउट और डायट कंट्रोल बहुत जरूरी है। इससे केवल डायबिटीज ही नहीं, बल्कि ब्ल्ड प्रेशर और भी कई लाइफस्टाल डिजीज को रोका जा सकता है।”
Q-21. जिन्हें अभी-अभी डायबिटीज हुआ है, उन्हें आप डायबिटीज कंट्रोल करने के लिए क्या मैसेज देना चाहेंगी?
हां, मैं सबको यही मैसेज देना चाहूंगी कि अगर शुरू से आप अपनी लाइफस्टाइल और डायट को कंट्रोल कर के चलते हैं, तो इस बीमारी को उसी स्टेज पर कंट्रोल किया जा सकता है, यानी कि शुगर के लेवल को हाय होने से रोका जा सकता है।
इस सीरीज के पहले इंटरव्यू में आपने जाना होगा कि बीमारी चाहें कोई भी हो, उससे निपटने के लिए आपके मेंटल हेल्थ का अच्छा होना जरूरी है। इससे बीमारी कभी भी आप पर हावी नहीं हो पाएगी। इसी के साथ ही आपने यह भी जाना होगा कि डायबिटीज के मरीज किस तरह से अपनी डायबिटिक लाइफ को असान बना सकते हैं।
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