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Moringa: सहजन क्या है?

Moringa: सहजन क्या है?

परिचय

सहजन क्या है?

सहजन के पेड़ के लगभग सभी हिस्सों का प्रयोग हर्बल दवाइयों में किया जाता है। औषधि बनाने के लिए इसके पत्ते, छाल, फूल, फल, बीज और जड़ का इस्तेमाल किया जाता है। इसकी पत्तियों को सबसे ज्यादा पोष्टिक माना जाता है। ये बीटा-कैरोटीन, मैग्नीजियम और प्रोटीन का महत्वपूर्ण स्त्रोत है। इसमें एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-ट्यूमर और एंटीडिप्रसेंट गुण पाए जाते हैं। इसके साथ ही इसमें निम्नलिखित पोषक तत्व मौजूद होते हैं। जैसे-

सहजन का उपयोग किस लिए किया जाता है?

इसमें 46 तरह के एंटी-ऑक्सीडेंट गुण, 92 तरह के मल्टी-विटामिन, 36 तरह के दर्द निवारक और 18 तरह के एमिनो एसिड पाए जाते हैं। इसके अलग-अलग हिस्सों में 300 से अधिक रोगों के रोकथाम के गुण हैं।

इन बीमारियों में मददगार है सहजन- 

स्किन और हेयर को रखता है स्वस्थ:

सहजन के बीज से बने ऑयल बालों और तव्चा को फ्री रेडिकलस से बचाने में मददगार है। इसके ऑयल में प्रोटीन की मौजूदगी स्किन को डैमेज होने से बचाती है। इस ऑयल में बालों और त्वचा को हाइड्रेट रखने की क्षमता होती है। यह इंफेक्शन और घाव से भी बचाता है।

लिवर को रखता है स्वस्थ:

सहजन के सेवन से लिवर से जुड़ी बीमारी होने का खतरा कम हो सकता है। डॉक्टर्स के अनुसार यह डैमेज हुए लिवर को ठीक करने में भी सहायक होता है।

कैंसर के इलाज और बचाव में है सहायक:

इसमें मौजूद नाईजीमाइसिन (Niazimicin) जो कैंसर से बचाने में मददगार होता है। कैंसर की दवाओं में भी इसका उपयोग किया जाता है।

डायबिटीज रहता है कंट्रोल:

इसके संतुलित मात्रा में सेवन से ब्लड में मौजूद ग्लूकोज की मात्रा नियंत्रित रह सकता है। इसके साथ ही शुगर और प्रोटीन लेवल भी कंट्रोल रहता है। हीमोग्लोबिन  लेवल भी ठीक रहता है।

अस्थमा के इलाज में है सहायक:

इसके सेवन से लंग्स ठीक तरह से काम करता है और सांस लेने में परेशानी भी नहीं होती है। अस्थमा के पेशेंट को इसका सेवन जरूर करना चाहिए।

मूड डिसऑर्डर: 

मूड डिसऑर्डर जैसे डिप्रेशन और एंग्जायटी जैसी बीमारी के इलाज में भी सहायक होता है।

हड्डियां होती हैं स्ट्रॉन्ग:

इसमें मौजूद कैल्शियम और फॉस्फोरस हड्डियों को मजबूत करने में सहायक होता है। यही नहीं अर्थराइटिस और डैमेज हुए हड्डियों को भी मजबूती प्रदान करता है।

इन बीमारियों के अलावा निम्नलिखित शारीरिक परेशानियों को भी दूर करता है। जैसे-

  • शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाता है
  • मस्तिष्क और शरीर को पोषण प्रदान करता है
  • ऊर्जा को बढ़ावा देता है
  • घबराहट, अवसाद और नींद संबंधी विकार घट जाती है
  • शरीर की सेल संरचना को बढ़ावा देता है
  • एंटी-ऑक्सीडेंट  होते हैं
  • एक स्वस्थ संचार प्रणाली को बढ़ावा देता है
  • ऊर्जा को बढ़ावा देता है
  • सामान्य चीनी स्तरों का समर्थन करता है
  • शरीर की सेल संरचना को बढ़ावा देता है
  • मधुमेह को स्थिर करने में एड्स
  • सूजन को कम करने और गठिया से निजात दिलाता है
  • सेक्स ड्राइव बढ़ाने में
  • गर्भावस्था को रोकने 
  • इम्यून सिस्टम को बूस्ट करने में
  • ब्रेस्ट मिल्क के प्रोडक्शन को बढ़ाने में

कैसे काम करता है सहजन?

मेडिसनल गुणों से भरपूर सहजन की पत्तियों में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, कैल्शियम, पोटैशियम, आयरन, मैग्नीशियम, विटामिन ए, सी और बी कॉम्पलैक्स प्रचुर मात्रा में होता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सिडेंट के रूप में, कोशिकाओं को नुकसान से बचाने में मदद करता है। जर्म्स को मारने के लिए इसे त्वचा पर सीधे लगाया जाता है। यह संक्रमण, रूसी, मसूड़े की सूजन, वार्टस और घावों के उपचार के लिए भी उपयोग किया जाता है। इसके बीजों के तेल का इस्तेमाल फुड प्रोडक्टस, इत्र और बालों की देखभाल करने वाले प्रोडक्टस में किया जाता है।

और पढ़ें – कंटोला (कर्कोटकी) के फायदे एवं नुकसान – Health Benefits of Kantola (Karkotaki)

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उपयोग

कितना सुरक्षित है सहजन का उपयोग ?

उचित मात्रा में सहजन का प्रयोग संभवतः सुरक्षित है। सहजन की पत्तियां फल और बीज भोजन के रूप में खाए जाने पर सुरक्षित हो सकते हैं। हालांकिइसका रूट और अर्क के सेवन से बचना चाहिए। इन हिस्सों में एक प्वाइजनस सब्सटेंस हो सकता है जो पैरालिसिस और मृत्यु की वजह बन सकता है। हर दिन सहजन की 6 ग्राम की मात्रा का उपयोग, तीन हफ्ते तक सुरक्षित रूप से किया जा सकता है। 

अपने डॉक्टर्स या फार्मासिस्ट या हर्बलिस्ट से सलाह लें, यदि:

  • आप प्रेग्नेंट या ब्रेस्ट फीडिंग करा रही हैं। ऐसा इसलिए है, क्योंकि इस दौरान आपकी इम्यूनिटी वीक होती है तो आपको केवल डॉक्टर की सलाह पर दवाएं लेनी चाहिए।
  • आप कोई दूसरी दवा या फिर बिना डॉक्टर के प्रिसक्रिप्शन की दवाई ले रहे हैं।
  • आपको सहजन या दूसरी दवाओं या जड़ी बूटियों से एलर्जी है।
  • आपको कोई अन्य बीमारी, डिसऑर्डर या मेडिकल कंडीशंस हैं।
  • आपको किसी दूसरे तरह की एलर्जी है, जैसे कि फुड आइटम्स, डाय, प्रिजर्वेटिव्स और जानवर से।

दवाइयों की तुलना में हर्ब्स लेने के लिए नियम ज्यादा  सख्त नहीं हैं। बहरहाल यह कितना सुरक्षित है इस बात की जानकारी के लिए अभी और भी रिसर्च की जरूरत है। इस हर्ब को इस्तेमाल करने से पहले इसके रिस्क और फायदे को अच्छी तरह से समझ लें। हो सके तो अपने हर्बल स्पेशलिस्ट या डॉक्टर से सलाह लेकर ही इसे यूज करें। 

और पढ़ें – चिचिण्डा के फायदे एवं नुकसान: Health Benefits of Snake Gourd (Chinchida)

साइड इफेक्ट्स

सहजन से मुझे क्या साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं?

औषधि के तौर पर सहजन सुरक्षित है या नहीं इस बात की पर्याप्त जानकारी उपलब्ध नहीं है। इस पौधे के औषधीय गुणों पर फिलहाल अध्ययन नहीं किए गए हैं। यदि आपको साइड इफेक्ट के बारे में कोई चिंता है, तो कृपया अपने हर्बलिस्ट या डॉक्टर से परामर्श करें। इसके साथ ही इसका सेवन करने पर किसी भी तरह की असुविधा महसूस होने पर डॉक्टर से संपर्क करें।

और पढ़ें – अस्थिसंहार के फायदे एवं नुकसान: Health Benefits of Hadjod (Cissus Quadrangularis)

डोसेज

सहजन को लेने की सही खुराक क्या है ?

आपकी पहले से चल रही दवाइयां या  मेडिकल कंडीशन पर निर्भर करता है कि आप सहजन खाएं या नहीं ? इसलिए सहजन खाने से पहले अपने हर्बलिस्ट या डॉक्टर्स से सलाह लें। इसकी खुराक हर मरीज के लिए अलग हो सकती है। आपके द्वारा ली जाने वाली खुराक आपकी उम्र, स्वास्थ्य और कई अन्य स्थितियों पर निर्भर करती है। जड़ी बूटी हमेशा सुरक्षित नहीं होती हैं। कृपया अपने उचित खुराक के लिए अपने हर्बलिस्ट या डॉक्टर से चर्चा करें।

और पढ़ें – पारिजात (हरसिंगार) के फायदे एवं नुकसान – Health Benefits of Night Jasmine (Harsingar)

उपलब्ध

किन रूपों में उपलब्ध है?

यह निम्नलिखित रूपों में उपलब्ध है। जैसे-

  • सहजन ओलीफेरा पत्ती पाउडर
  • इंकैप्सूललेटेड लीफ एक्स्ट्रैक्ट
  • लिक्विड एक्स्ट्रैक्ट

अगर आप सहजन से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।

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डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

Moringa Tree/https://treesforlife.org/our-work/our-initiatives/moringa

Health Benefits of Moringa Oleifera/https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/25374169/

Bioactive Components in Moringa Oleifera Leaves Protect against Chronic Disease/https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5745501/

Nutraceutical or Pharmacological Potential of Moringa oleifera Lam/https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5872761/

Moringa Genus: A Review of Phytochemistry and Pharmacology/

Current Version

10/07/2020

Mona narang द्वारा लिखित

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr. Shruthi Shridhar

Updated by: Shivam Rohatgi


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Dr. Shruthi Shridhar


Mona narang द्वारा लिखित · अपडेटेड 10/07/2020

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