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कोरोना के दौरान वर्क फ्रॉम होम करने से बिगड़ सकता है आपका बॉडी पोस्चर, जानें एक्सपर्ट की सलाह

कोरोना के दौरान वर्क फ्रॉम होम करने से बिगड़ सकता है आपका बॉडी पोस्चर, जानें एक्सपर्ट की सलाह

कोरोना वायरस (Coronavirus) के कारण देश की कई कंपनियां अपने कर्मचारियों से वर्क फ्रॉम होम यानी डब्ल्यूएफएच (Work From Home; WFH) करवा रही हैं। देश की अर्थव्यवस्था को कुछ सपोर्ट करने के लिए वर्क फ्रॉम होम एक बेहतर विकल्प है। जिससे सोशल डिस्टेंसिंग और लॉकडाउन (Social Distancing and Lockdown) के नियमों का भी पूरी तरह पालन किया जा सकता है। हालांकि, यह विकल्प सभी कंपनियों द्वारा नहीं अपनाया जा सकता है, जिनमें कर्मचारियों को मैन्युफैक्चरिंग व बैंकिंग सेक्टर जैसे निश्चित उपकरणों या विशेष स्थिति के तहत कार्य करना होता है। लेकिन, कुछ कंपनियां कोरोना के दौरान वर्क फ्रॉम होम शुरू होने के बाद इसे उसके बाद भी जारी रख सकती है, जिससे कोविड- 19 (COVID- 19) जैसी महामारी को खत्म किया जा सके।

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वर्क फ्रॉम होम के जहां फायदे हैं, वहीं कुछ आशंकित नुकसान भी हैं। जहां आप डब्ल्यूएफएच की वजह से अपने घरवालों के बीच होते हुए भी कार्य कर सकते हैं, वहीं इससे आपको कुछ स्वास्थ्य संबंधी नुकसान भी उठाने पड़ सकते हैं। जिसमें वर्क फ्रॉम होम के दौरान खराब पोस्चर, कमर व शारीरिक दर्द आदि का सामना करना पड़ सकता है। लेकिन, एक्सपर्ट के मुताबिक कुछ टिप्स को फॉलो करने के बाद इन स्वास्थ्य समस्याओं से निजात पाई जा सकती है। तो आइए जानते हैं कि, कोरोना के दौरान वर्क फ्रॉम होम करने से किन-किन परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है और ऐसे कौन-से टिप्स को अपनाकर इस प्रक्रिया को सहज और सुविधाजनक बनाया जा सकता है।

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कोरोना के दौरान वर्क फ्रॉम होम करने से शारीरिक समस्याएं

SARS-CoV-2 की वजह से सभी अपने ऑफिस की बजाय घरों से वर्क फ्रॉम होम करने को मजबूर हैं। यह मजबूरी जहां कुछ कामकाजी महिलाओं या शादीशुदा लोगों के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है, वहीं सोशली एक्टिव लोगों के लिए थोड़ी परेशानी भरी हो सकती है। लेकिन, यह परेशानी सिर्फ व्यवहारात्मक ही नहीं, बल्कि सभी लोगों के लिए शारीरिक भी हो सकती है, जिससे कमर दर्द, गर्दन दर्द आदि शारीरिक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।

वर्क फ्रॉम होम के बारे में बात करते हुए लेक्चरार व फिजियोथेरिपिस्ट, डॉ. प्रेक्षा शर्मा का कहना है कि, “किसी स्वस्थ व्यक्ति को पूरी तरह से फिट रहने के लिए एक सही बॉडी पोस्चर की काफी जरूरत होती है। क्योंकि, पोस्चर बिगड़ने से मसल्स के बीच हुई जरा-सी गड़बड़ी के कारण कई मस्कुलोस्केलेटल इश्यू (Musculoskeletal Issues) हो सकते हैं। मस्कुलोस्केलेटल इश्यू का मतलब है कि, आपकी कुछ मसल्स में तनाव आ गया है, जिसके साथ अल्टरनेटिव सपोर्टिव मसल्स कमजोर हो गई हैं। इसकी वजह से आपकी सामान्य शारीरिक पोजीशन से लाइन ऑफ ग्रेविटी (Line of Gravity) बिगड़ जाती है। लाइन ऑफ ग्रेविटी के खराब होने से आपके शरीर पर अत्यधिक बायोमैकेनिकल स्ट्रेस (Biomechanical Stress) पड़ता है, जो कि लंबे समय तक रहने से आपके शरीर के लिए काफी खतरनाक हो सकता है। शरीर का पोस्चर खराब होने से सामान्यतः कमर दर्द, डिस्क कंप्रेशन, घुटनों का दर्द, जोड़ों में अकड़न, गर्दन दर्द, वर्टिगो की समस्या आदि परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।” कोरोना के दौरान वर्क फ्रॉम होम करते वक्त इन बातों का ध्यान रखें।

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कोरोना के दौरान वर्क फ्रॉम होम की वजह से खराब ब्लड सर्कुलेशन

न्यूट्रीशनिस्ट एवं योगा एक्सपर्ट प्रमिता सिंह का कहना है कि, “कोविड- 19 के वर्तमान संकट में अधिकतर लोग वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं, जिससे इस महामारी से बचा जा सके। लेकिन वर्क फ्रॉम होम करते हुए अधिकतर लोग बीन बैग या सोफे पर बैठकर बैक पिलो आदि का इस्तेमाल करते हैं। इस खराब पोस्चर के कारण आपके शरीर का ब्लड सर्कुलेशन बिगड़ जाता है, जिससे आपको वैरीकोज वेन्स (Varicose Veins) होने के खतरे के साथ-साथ थकान व मूड खराब होने जैसी समस्या भी झेलनी पड़ सकती है। काफी देर तक लैपटॉप या कंप्यूटर की ओर आगे की तरफ झुके रहना भी आपके फेफड़ों की कार्यक्षमता व सक्षमता पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। खराब बॉडी पोस्चर के कारण आपकी स्पाइन और हड्डियां सही जगह से हट सकती हैं।” इसलिए जो लोग कोरोना के दौरान वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं वे इन बातों का नजरअंदाज न करें।

वर्क फ्रॉम होम से होने वाले खराब बॉडी पोस्चर के लिए योगासन

न्यूट्रीशनिस्ट एवं योगा एक्सपर्ट प्रमिता सिंह के मुताबिक, “कोरोना के दौरान वर्क फ्रॉम होम करते हुए आपको हर एक-दो घंटे में एक छोटा ब्रेक लेना चाहिए। जिसमें आपको थोड़ी बैक और नेक स्ट्रेचिंग जरूर करनी चाहिए, जिससे आपकी बॉडी पर स्ट्रेस कम पड़ेगा। इसके अलावा आपको रोजाना वीरभद्रासन, उत्कटासन, अधोमुख श्वानासन, भारद्वाज आसन का अभ्यास करना चाहिए, जससे आपके गर्दन, कमर, स्पाइन, कंधो आदि से अतिरिक्त तनाव दूर हो जाता है और आपकी मसल्स को आराम मिलता है। इसके अलावा, आप वर्चुअल योगा सेशन और स्वस्थ डाइट की भी मदद ले सकते हैं।”

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कोविड- 19 के दौरान वर्क फ्रॉम होम टिप्स (Work From Home Tips)

फिजियोथेरिपिस्ट, डॉ. प्रेक्षा शर्मा के मुताबिक, “कोविड- 19 के दौरान लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग को सपोर्ट करने के लिए किए जा रहे वर्क फ्रॉम होम के दौरान अधिकतर लोग अपने लैपटॉप या कंप्यूटर पर कार्य कर रहे हैं। ऐसे लोगों को किसी बॉक्स या टेबल की मदद से कंप्यूटर व लैपटॉप स्क्रीन को अपनी आंखों के लेवल पर रखना चाहिए और खुद किसी आरामदायक चेयर पर सीधी कमर के साथ बैठना चाहिए। चेयर पर बैठते हुए पैरों को जमीन पर पूरी तरह टिकाए रखना चाहिए, जिससे ज्यादा देर बैठे रहने से उनमें सूजन की दिक्कत न हो। इसके अलावा कम से कम हर दो घंटे में 10 मिनट का ब्रेक लेना चाहिए, जिसमें अपने घर के अंदर ही दो राउंड या फिर कुछ स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज कर सकते हैं। कार्य करने की जगह का चुनाव वेंटिलेशन, टेंपरेचर, लाइट और शोर-शराबे को ध्यान में रखकर करें, वरना यह चीजें आपके शरीर के साथ मानसिक तनाव को भी बढ़ा सकती हैं और यह जगह अपने बेड से दूर रखें वरना इससे आपकी प्रोडक्टिविटी प्रभावित हो सकती है। शरीर को स्ट्रेच करने के लिए नेक रिलैक्सर, शोल्डर रोल्स, ओवरहेड शोल्डर स्ट्रेच, रिस्ट एंड फिंगर स्ट्रेच, फॉरवर्ड बैक स्ट्रेच, सीटेड लेग लिफ्ट एक्सरसाइज कर सकते हैं।”

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कोरोना वायरस के दौरान WFH करते हुए लैप में न रखें लैपटॉप

कोरोना के दौरान वर्क फ्रॉम होम करते हुए सोफे, बीन बैग या चेयर पर बैठकर लैपटॉप से कार्य करते हुए उसे अपनी लैप में रखना काफी आम बात है। यह आदत हर किसी में देख सकते हैं, लेकिन यह आपके स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हो सकती है। इसका सबसे पहला बुरा असर तो आपकी कमर और गर्दन पर पड़ता है, जिससे बॉडी पोस्चर खराब होता है। इसके अलावा, आपको बता दें कि लैपटॉप के नीचे उसका प्रोसेसर आदि होता है, जिससे काफी ज्यादा मात्रा में हीट व रेडिएशन सिग्नल निकलते हैं। हालांकि, मोडर्न टेक्नोलॉजी की मदद से इसे काफी सामान्य बनाया जा रहा है, लेकिन कई अध्ययनों से पता चला है कि लैपटॉप से निकलने वाली हीट और रेडिएशन से आपकी पैरों की स्किन और रिप्रोडक्टिव ऑर्गन पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।

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कोरोना के दौरान वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं तो ऊपर बताई गई बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।

डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

Coronavirus – https://www.who.int/health-topics/coronavirus – Accessed on 26/4/2020

Coronavirus (COVID-19) – https://www.cdc.gov/coronavirus/2019-ncov/index.html – Accessed on 26/4/2020

Coronavirus (COVID-19) – https://www.nhs.uk/conditions/coronavirus-covid-19/ – Accessed on 26/4/2020

Coronavirus disease 2019 (COVID-19) – Situation Report – 96 – https://www.who.int/docs/default-source/coronaviruse/situation-reports/20200425-sitrep-96-covid-19.pdf?sfvrsn=a33836bb_2 – Accessed on 26/4/2020

Novel Corona Virus – https://www.mohfw.gov.in/ – Accessed on 26/4/2020

Current Version

02/07/2020

Surender aggarwal द्वारा लिखित

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील

Updated by: Manjari Khare


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के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

डॉ. प्रणाली पाटील

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Surender aggarwal द्वारा लिखित · अपडेटेड 02/07/2020

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