डायबिटीज (Diabetes) क्या है?
डायबिटीज (Diabetes) रोग एक ऐसी स्थिति है जिसमें रोगी के शरीर में ब्लड शुगर का स्तर बढ़ जाता है। डायबिटीज रोग के मुख्यतः दो प्रकार का होता है :
टाइप 1:
डायबिटीज रोग का यह प्रकार आपके शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली (इम्यून सिस्टम) पर हमला करता है और इंसुलिन का उत्पादन करने वाली कोशिकाओं को नष्ट कर देता है। ज्यादातर लोग डायबिटीज के इस प्रकार से प्रभावित होते हैं।
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टाइप 2:
डायबिटीज (Diabetes) रोग के इस प्रकार में आपका शरीर पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन (Insulin Production) नहीं कर पाता है या शरीर की कोशिकाएं इंसुलिन के साथ कोई रिएक्शन नहीं देती हैं। हाई ब्लड शुगर (High blood sugar) वाले मरीजों को आमतौर पर बार-बार टॉयलेट जाने की जरूरत महसूस होती है और उन्हें जल्दी-जल्दी भूख और प्यास लगती है।
डायबिटीज (Diabetes) के दोनों प्रकारों को मैनेज करना जरूरी है। ताकि इसके कारण होने वाले गंभीर कॉम्प्लिकेशन्स (Complication) से बचा जा सके।
डायबिटीज रोग कितना आम है? (How Common Is Diabetes)
डायबिटीज (Diabetes) रोग होना बेहद सामान्य है। सिर्फ भारत में नहीं विश्वभर में लोग इस रोग का शिकार अधिक मात्रा में होते हैं, हालांकि जोखिम कारकों (Risk factors) को कम करके डायबिटीज रोग को रोका जा सकता है। अधिक जानकारी के लिए कृपया अपने डॉक्टर से चर्चा करें।
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डायबिटीज के लक्षण क्या हैं? (Diabetes Symptoms)
इसके कुछ सामान्य लक्षण निम्नलिखित हैं :
- बार-बार यूरिनेशन होना (Frequent urination)
- बार-बार प्यास लगना (Frequent thirst)
- बहुत भूख लगना (To be very hungry)
- अत्यधिक थकान (Extreme fatigue)
- धुंधला दिखना (Blurred vision)
- किसी चोट को ठीक होने में ज्यादा समय लगना (Take longer to heal an injury)
- लगातार घटता वजन (टाइप1) (Steadily decreasing weight)
- हाथ / पैर में झुनझुनी या दर्द (टाइप 2) (Tingling or pain in the hands/feet)
टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 diabetes) रोग वाले रोगियों में लक्षण बहुत ही कम होते हैं। हो सकता है ऊपर दिए गए लक्षणों में कुछ लक्षण शामिल न हो। यदि आपको किसी भी लक्षण के बारे में कोई शंका है, तो कृपया डॉक्टर से परामर्श करें।
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मुझे अपने डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?
यदि आपको निम्न में से कोई भी लक्षण खुद में मिलते हैं, तो आपको अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए:
- बहुत प्यास लगना
- सामान्य से अधिक बार यूरिन पास होना
- बहुत थका हुआ महसूस करना
- वजन में कमी और मसल लॉस (Muscle loss)
- पेनिस (Penis) या वजाइना के आसपास खुजली
- किसी चोट को ठीक होने में ज्यादा समय लगना
- धुंधला दिखना
टाइप 1 डायबिटीज (Type 1 diabetes) रोग मात्र कुछ हफ्तों या दिनों में ही विकसित हो सकती है। लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
डायबिटीज रोग किन कारणों से होता है? (Diabetes Causes)
जब भोजन पच जाता है और ब्लड स्ट्रीम में प्रवेश करता है, तो इंसुलिन नामक हार्मोन खून और कोशिकाओं से ग्लूकोज को बाहर पहुंचाता है। ग्लूकोज का कार्य शरीर के अंदर भोजन को एनर्जी में बदलने का होता है। यदि ग्लूकोज को बाहर करने के लिए शरीर में पर्याप्त इंसुलिन नहीं है या इंसुलिन का उत्पादन ठीक से नहीं होता है, तो शरीर को भोजन से एनर्जी बनाने में कठिनाई होती है। इसकी वजह से आपके शरीर में ग्लूकोज का स्तर बढ़ जाता है। इस स्थिति को डायबिटीज रोग कहा जाता है।
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किन कारणों से डायबिटीज रोग का खतरा बढ़ जाता है? (Diabetes Risk Factors)
जो लोग 40 साल से अधिक उम्र के हैं, उन्हें मधुमेह आसानी से हो सकती है। इसके अलावा, जो अधिक वजन वाले हैं, धूम्रपान करते हैं या उनके परिवार में किसी को मधुमेह है तो ऐसे लोगों को डायबिटीज रोग होने की संभावना बढ़ जाती है। इन रिस्क फैक्टर्स को कम करके इस बीमारी को मैनेज किया जा सकता है।
डायबिटीज रोग का निदान कैसे किया जाता है? (Diabetes Diagnosis)
किसी मरीज का मेटाबॉलिज्म सामान्य है या उसे प्री-डायबिटीज रोग या मधुमेह है, इसका पता डॉक्टर निम्नलिखित परीक्षणों से लगा सकते हैं-
- ए1सी (A1C) टेस्ट
- एफ.पी.जी (FPG) (फास्टिंग प्लाज्मा ग्लूकोज) टेस्ट
- ओ.जी.टी.टी (OGTT) (ओरल ग्लूकोज टॉलरेंस टेस्ट)
- hbA1c टेस्ट
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डायबिटीज रोग का इलाज (Diabetes Treatment) कैसे किया जाता है?
टाइप 1:
टाइप 1 डायबिटीज रोग रोगियों को शुगर लेवल नियंत्रित करने के लिए इंसुलिन लेना चाहिए और यह केवल इंजेक्शन या इंसुलिन पंप (एक छोटी डिवाइस जो लगातार शरीर में इंसुलिन पहुंचाता है) के द्वारा दिया जा सकता है।
टाइप 2:
- हेल्दी खाना खाएं ।
- शारीरिक गतिविधियां बढ़ाएं ।
- ब्लड के शुगर लेवल को नियंत्रित करने के लिए दवा लें ।
- पैंक्रियास द्वारा इंसुलिन का उत्पादन बढ़ाने वाली दवाएं-क्लोरप्रोपामाइड (chlorpropamide), ग्लिमेपिराइड (Glimepiride), ग्लिपीजाइड (glipizide) और रेपागलिनाइड (repaglinide)
- ड्रग्स जो आंतों के द्वारा शुगर का इंटेक कम करते हैं- अकार्बोस (acarbose) और मिग्लिटोल (miglitol)
- ड्रग्स जो शरीर में इंसुलिन के उपयोग को सुधारते हैं-पियोग्लीटाजोन (pioglitazone) और रोसिग्लिटाजोन (rosiglitazone)
- ड्रग्स जो लिवर द्वारा शुगर उत्पादन को कम कर देते हैं और इंसुलिन प्रतिरोध में सुधार करते हैं-मेटफोर्मिन (metformin)
- ड्रग्स जो पैंक्रियास (अग्न्याशय) या रक्त स्तर द्वारा इंसुलिन का उत्पादन बढ़ाते हैं या लिवर के शुगर प्रोडक्शन को कम करते हैं- एल्बिग्लूटाइड (albiglutide) (alogliptin), ड्युलाग्लूटाइड (dulaglutide), लिनाग्लिप्टिन (linagliptin), एक्सेनटाइड (exenatide), लीराग्लूटाइड (liraglutide)
- ड्रग्स जो किडनी द्वारा ग्लूकोज को दोबारा अवशोषण से रोकते हैं और यूरिन में ग्लूकोज के उत्सर्जन को बढ़ाते हैं, जिसे सोडियम-ग्लूकोज कोट्रांसपोर्टर 2 (SGLT2) (sodium-glucose cotransporter 2) इन्हिबिटर्स कहा जाता है।
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जीवनशैली में बदलाव और घरेलू उपचार (Lifestyle changes For Diabetes)
- स्वस्थ भोजन, नियमित व्यायाम और अपने ब्लड शुगर के स्तर को संतुलित रखने के लिए नियमित ब्लड टेस्ट कराएं।
- आप बी.एम.आई कैलक्यूलेटर के हिसाब से वजन संतुलित रखें।
- टाइप 1 डायबिटीज रोग के रोगी जीवन भर नियमित इंसुलिन इंजेक्शन ले सकते हैं।
- टाइप 2 डायबिटीज रोग के रोगियों को दवा की जरूरत पड़ सकती है।
- डायबिटीज के प्रकार, टाइप 1 और टाइप 2 डायबिटीज के लिए आपको खून में शुगर का स्तर नियंत्रण में रखने के लिए ख़ास डाइट की जररूत होगी| आपको खाने का रूटीन बनाना होगा और स्नैक्स रोजाना एक ही समय पर लेना होगा|
- आपको अपने खून का शुगर लेवल बार-बार जांचने की जरुरत होगी और डायबिटीज बढ़ने या घटने के लक्षणों पर ध्यान देना होगा| डॉक्टर आपको इंसुलिन के इंजेक्शन के बारे में समझा देगा जिससे आप दिन में 2 से 3 बार खुद घर पर ही इंजेक्शन ले सकेंगे|
- डॉक्टर आपको एक्सरसाइज के जरिए खून में शकर का स्तर नियंत्रण करने के तरीके सुझा सकता है|
- आप को खुद भी अपनी सेहत का ध्यान रखना बहुत जरुरी है, आगे समस्याओं से बचने के लिए आंखों की जांच भी करवा लेनी चाहिए|
- हालांकि, टाइप 1 डायबिटीज का इलाज नहीं किया जा सकता, टाइप 2 डायबिटीज को जीवन शैली में बदलाव ला कर नियंत्रण करने की कोशिश की जा सकती है|
उम्मीद करते हैं कि आपको डायबिटीज से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।
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