खांसी न सिर्फ खांसने वाली व्यक्ति, बल्कि उसके आस-पास के लोगों को भी परेशान कर देती है। इसके कारण गले में तकलीफ भी होने लगती है। वहीं, खांसी के प्रकार (Types of Cough) के बारे में आमतौर पर लोगों को सिर्फ सूखी खांसी और बलगम (कफ) वाली खांसी की ही जानकारी होती है। इसके अलावा विज्ञापनों के जरिए यह भी समझ हैं कि “दो हफ्ते से अधिक खांसी, टीबी हो सकती है’ या फिर ज्यादा से ज्यादा खांसी फ्लू (Flu) या मौसमी बीमारी में से एक हो सकती है। तो चलिए आज खांसी के प्रकार के बारे में बात जानते हैं। साथ ही, खांसी के प्रकार (Types of Cough) किस बीमारी के संकेत या लक्षण हो सकते हैं, इसके बारे में जानेंगे।
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खांसी के प्रकार (Types of Cough) कितने हैं?
खांसी के प्रकार के बारे में बात करें उससे पहले बता दें कि ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी वेक्सनर मेडिकल सेंटर में कफ क्लिनिक के एमडी, डॉयरेक्टर, जोनाथन पार्सन्स का कहना है, “खांसी वायुमार्ग को साफ करने का एक सुरक्षात्मक तंत्र है।’ हालांकि बार-बार खांसी की समस्या होना या लंबे समय तक खांसी आना सेहत के लिए घातक हो सकती है।
1. गीली खांसी (Wet cough)
गीली खांसी में खांसते वक्त मुंह में बलगम आता है। गीली खांसी होने पर गले, नाक, वायुमार्ग और फेफड़ों से बगलम आता है, जिसे श्वसन तंत्र बाहर निकलता है। गीली खांसी का कारण आमतौर पर सर्दी या फ्लू होता है। इसके लक्षण धीमी या तेजी से बढ़ सकते हैं और अधिकतर मामलों में यह अपने आप ही कुछ दिनों में ठीक भी हो जाती है। गीली खांसी के कारण बहती नाक (Running nose), थकान (Fatigue), गले और सीने में दर्द (Neck and chest pain) की समस्या भी हो सकती है।
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कितने समय तक रह सकती है गीली खांसी की समस्या
बलगम वाली खांसी आमतौर पर तीन हफ्ते से कम या इससे भी अधिक समय तक रह सकती है। वयस्कों में यह आठ हफ्ते और बच्चों में यह तीन से चार हफ्ते तक रह सकती है।
2. सूखी खांसी (Dry cough)
सूखी खांसी में खांसने के दौरान बलगम नहीं आता है। इसके कारण गले में सूजन या जलन की समस्या हो सकती है। सूखी खांसी में खांसने का समय गीली खांसी से अधिक होता है। सूखी खांसी आमतौर पर सर्दी या फ्लू के कारण सांस के बाहरी मार्ग में संक्रमण होने के कारण होती है।
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3. काली खांसी या कंपकंपी वाली खांसी (Whooping/Paroxysmal/pertussis Cough)
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, साल 2010 से 2014 के बीच अमेरिका में कंपकंपी वाली खांसी के कारण लगभग 40,000 मौतें हुई थी। कंपकंपी वाली खांसी बच्चों के लिए अधिक घातक हो सकती है। क्योंकि, यह खांसी बड़ी होती है और इसके बाद एक लंबी सांस आती है। इसके खांसने को रोकना बहुत मुश्किल होता है। यह शरीर को थकावट और दर्द देने वाली खांसी का प्रकार होती है। इसमें खांसने के दौरान भी उल्टी हो सकती है।
इसे हूपिंग खांसी के रूप में भी जाना जाता है। आमतौर पर यह जीवाणु संक्रमण के कारण होती है। इसमें खांसने के दौरान फेफड़ों में उनके पास मौजूद सभी ऑक्सीजन शरीर से बाहर निकलते है, इसके कारण “हूप’ की आवाज के साथ एक लंबी सांस आती है।
4. भौंकने वाली खांसी या क्रुप खांसी (Barky/Croup cough)
भौंकने वाली खांसी या क्रुप खांसी वायुमार्ग में वायरस होने के कारण होता है। आमतौर पर यह 5 साल या उससे छोटी उम्र के बच्चे को प्रभावित करती है। वायुमार्ग में सूजन के कारण सांस लेने में कठिनाई हो सकती है। इसके आलाव वॉयस बॉक्स में और उसके आस-पास सूजन होने के कारण आवाज भी खराश वाली हो जाती है, जिसकी वजह से इसे भौंकने वाली खांसी भी कही जाती है।
5. पोस्ट-वायरल खांसी (Post Viral Cough)
खांसी के प्रकार में वायरल खांसी, गले की सूजन के कारण ऊपरी श्वसन पथ में संक्रमण होने के कारण होने वाली सबसे आम समस्या होती है। आमतौर पर इसके इस खांसी के प्रकार के उपचार के लिए डॉक्टर ज्यादातर रोगियों के लिए एंटीबायोटिक्स के सेवन की सलाह नहीं देते हैं। क्योंकि पोस्ट-वायरल खांसी बैक्टीरिया के कारण नहीं होती है। ध्यान रखें कि खांसी के दौरान एंटीबायोटिक्स का सेवन तभी करना चाहिए, जब खासी के प्रकार का कारण बैक्टीरिया हो। इसलिए, संक्रमण से होने वाली खांसी के उपचार के लिए चिकित्सक बेचैनी से राहत पाने के लिए डेक्सट्रोमेथोर्फन या मेन्थॉल युक्त कफ सिरप की सिफारिश कर सकते हैं। यह आम तौर पर आपको किसी भी मेडिकल स्टोर पर मिल सकती है।
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खांसी के प्रकार समझने से पहले जानें खांसी के शुरूआती संकेत कितने गंभीर या सामन्य हैंः
व्यवहार या अनुभवः खांसी कब और क्यों होती है? क्या यह रात में आती है या खाने के बाद आती है या किसी तरह के शारीरिक कार्य करने के दौरान आती है?
खांसी आने की विशेषताएंः खांसी आने पर आपको कैसा लगता है या आप कैसा महसूस करते हैं? क्या खांसते समय आपको गला गीला हो जाता है या सूखा रहता है या गले में कुछ फंसा हुआ महसूस करते हैं?
खांसी का समयः क्या आपकी खांसी दो सप्ताह से कम, छह सप्ताह, आठ सप्ताह से अधिक है?
खांसी का प्रभावः क्या खांसी आने के समय पेशाब न रोक पाना, उल्टी होना, नींद न आना, सांस फूलना या सीने में दर्द होने जैसी भी समस्या का अनुभव होता है?
खांसने का अनुभवः क्या खांसते समय आपको कोई शारीरिक तकलीफ, जैसे- खांसी लगातार आती है या खांसी के दौरान आप कमजोर महसूस करते हैं?
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कभी-कभी, खांसने का समय अधिक हो सकता है, ऐसी स्थिति में दम घुटने की भी समस्या हो सकती है। अगर नीचे बताए गए लक्षणों में से आपको कोई भी लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत अपने डॉक्टर से परामर्श करें। इनमें शामिल हैं:
- त्वचा लाल होना
- बेहोशी
- बोलने या रोने में असमर्थता
- घरघराहट होना
- कानों में सीटी बजने जैसी आवाज सुनाई देना
- जोर-जोर से सांस लेना।
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खांसी और खांसी के प्रकार से खुद की सुरक्षा करने के लिए जरूरी है कि फ्लू और वायरल संक्रमण से खुद का बचाव करें। गले में खराश या दर्द होने पर घरेलू उपायों जैसे, गुनगुने पानी से गरारा करना, अधिक मसालेदार और तैलीय पकवान न खाएं। साथी ही, आईसक्रीम जैसी ठंडी चीजों से भी परहेज करें। अगर सांस लेने में अधिक समस्या हो तो जल्द से जल्द डॉक्टर से उपचार लें।
स्वस्थ रहने के लिए किस तरह के आहार का सेवन करना चाहिए, जानने के लिए नीचे दिए इस वीडियो पर क्लिक करें।