परिचय
क्रोहन रोग (Crohn’s Disease) क्या है?
क्रोहन रोग (Crohn’s Disease) से पाचन तंत्र में सूजन आ जाती है। यह सूजन पाचन तंत्र (Digestive system) के किसी भी हिस्से को प्रभावित कर सकती है, लेकिन, ज्यादातर यह छोटी आंत या बड़ी आंत को प्रभावित करती है।
क्रोहन रोग (Crohn’s Disease) कितना सामान्य है ?
क्रोहन रोग (Crohn’s Disease) पुरुषों और महिलाओं, किसी को भी प्रभावित कर सकता है और ये किसी भी उम्र में हो सकता है। ये बीमारी ज्यादातर 15 से 35 की उम्र के किशोरों और युवा वयस्कों (Adult) में अधिक होती है। इसके कारणों को नियंत्रित कर के बीमारी से निपटा जा सकता है। अधिक जानकारी के लिए कृपया अपने डॉक्टर से सलाह करें।
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लक्षण
क्रोहन रोग के लक्षण क्या हैं? (Symptoms of Crohn’s Disease)
क्रोहन रोग (Crohn’s Disease) के कुछ सामान्य लक्षण हैं:
- दस्त (Diarrhoea) होना
- पेट में दर्द (Stomach pain)
- वजन घटना (Weight loss)
- त्वचा (Skin) पर चकत्ते और लालिमा होना।
ऊपर बताए गए लक्षणों में से आपको कोई भी दिखे या दिए गए संकेतों को लेकर कोई चिंता है, तो कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
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डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?
यदि आपको इनमें से कोई भी लक्षण दिख रहे हैं, तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें, जैसे कि:
- पेट में दर्द,
- पॉटी से खून आना
- एक या दो दिन से अधिक समय तक बुखार बने रहना,
- तेजी से वजन घटना (Weight loss) आदि।
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कारण
क्रोहन रोग के कारण ? (Cause of Crohn’s Disease)
- इम्यून सिस्टम-वायरस या बैक्टीरिया क्रोहन रोग (Crohn’s Disease) का कारण हो सकता है। आंत में किसी विशेष बैक्टीरिया के ऊपर प्रतिरक्षा प्रणाली (Immune system) द्वारा असाधारण तरीके से प्रतिक्रिया करना।
- आनुवंशिकता-क्रोहन उन लोगों में अधिक देखा जाता है, जिनके परिवार के सदस्य इस बीमारी से ग्रस्त होते हैं।
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क्रोहन रोग का खतरा किन कारणों से बढ़ जाता है ?
इसके होने वाले जोखिम कारक हैं, जैसे:
- आयु: क्रोहन रोग (Crohn’s Disease) किसी भी उम्र में हो सकता है, लेकिन यह आमतौर पर कम उम्र में होता है।
- पारिवारिक रोग संबंधी कारक: अगर माता-पिता, भाई-बहन या अन्य करीबी रिश्तेदारों में क्रोहन रोग (Crohn’s Disease) है किसी को है, तो आपमें यह रोग विकसित होने की संभावना काफी बढ़ जाती हैं।
- क्रोहन रोग के विकास में धूम्रपान सबसे महत्वपूर्ण कारक है।
- इबुप्रोफेन, नेप्रोक्सेन सोडियम, डाइक्लोफेनाक सोडियम नॉन-स्टेरॉयडल एंटी—इंफ्लमेटरी ड्रग क्रोहन रोग (Crohn’s Disease) के लिए जिम्मेदार हो सकती हैं।
रिफाइंड और उच्च वसा वाले खाद्य पदार्थों को आहार में लेना इस बीमारी की आशंका को बढ़ा देता है।
दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
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कैसे करें क्रोहन रोग का उपचार ?
ब्लड टेस्ट (Blood test)
- शरीर में सूजन का स्तर,
- आपको संक्रमण हो,
- चाहें आप एनीमिक हों।
स्टूल टेस्ट (Stool test)
- डॉक्टर आपके मल में छिपे रक्त का परीक्षण करने के लिए स्टूल टेस्ट कर सकते हैं।
कैसे पता लगाएं ?
- आंतों के परीक्षण के लिए डॉक्टर को कोलोनोस्कोपी की आवश्यकता होती है। इसके लिए एक लचीली ट्यूब को पीछे के मार्ग से (कोलोनोस्कोपी या सिग्मोइडोस्कोपी) या मुंह (गैस्ट्रोस्कोपी) के द्वारा शरीर के अंदर डाला जाता है। प्रक्रिया के दौरान, आपका डॉक्टर लैब परीक्षण के लिए ऊतक के सैंपल्स (बायोप्सी) भी ले सकता है, जोकि बीमारी की पुष्टि करने में मदद कर सकता है।
- कैप्सूल एंडोस्कोपी का उपयोग क्रोहन रोग (Crohn’s Disease) के निदान में मदद करने के लिए किया जाता है।
- डबल-बैलून एंडोस्कोपी का उपयोग छोटी आंत के परीक्षण के लिए करते हैं, जहां स्टैंडर्ड एंडोस्कोप नहीं पहुंच पाता है।
- सीटी स्कैन।
- एमआरआई (MRI)।
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क्रोहन रोग का सर्जरी से होता है इलाज
क्रोहन रोग (Crohn’s Disease) होने पर पहले डॉक्टर इस बीमारी के लक्षणों के आधार पर दवाएं देते हैं। दवाओं से आराम न होने पर ही सर्जरी का फैसला लेते हैं। आपको इस सर्जरी को कराने से पहले इसकी प्रक्रिया के बारे में भी पूरी जानकारी ले लेनी चाहिए। आपको बता दें कि क्रोहन रोग सर्जरी करने में लगभग 90 मिनट का समय लगता है। सबसे पहले एनेस्थेटिस्ट पेट का सुन्न करते हैं।
इसके बाद डॉक्टर प्रभावित स्थान पर पेट में एक चीरा या कट लगाते हैं। फिर डॉक्टर छोटी आंत का क्रोहन रोग (Crohn’s Disease) से प्रभावित भाग काट कर निकाल देते हैं। कभी-कभी बड़ी आंत का भी थोड़ा हिस्सा काटना पड़ता है। इसके बाद आंतों को आपस में जोड़ देते हैं। कभी-कभी जोड़ने की स्थिति नहीं होने पर कोलॉनोस्टमी या इलियॉस्टमी करते हैं। फिर पेट में किए गए चीरे के स्थान पर टांका लगाते हैं। आइए अब जानते हैं कि इस सर्जरी को कराने के बाद क्या होता है।
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इसके अलावा वैज्ञानिकों ने क्रोहन रोग (Crohn’s Disease) को समझने और इसके उपचार में मदद करने वाली एक नई आर्टिफिशियल तकनीक को ढूंढ निकाला है। यह शोध क्रोहन रोग (Crohn’s Disease) से पीड़ित 111 लोगों पर किया गया, जिनमें आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की मदद से क्रोहन रोग के जेनेटिक सिग्नेचर की जांच की गई। इस तकनीक से उन जीन का खुलासा हुआ, जो क्रोहन रोग से जुड़े थे। पिछले शोध में इनका पता नहीं लगा था। सटीकता से इसकी भविष्यवाणी की गई थी कि क्या हजारों लोगों को यह बीमारी इनके चलते है।
जीवनशैली में बदलाव और घरेलू उपचार
निम्नलिखित जीवनशैली और घरेलू उपचार आपको क्रोहन रोग (Crohn’s Disease) से निपटने में मदद कर सकते हैं:
- कम वसा और उच्च फाइबर वाला भोजन करें। मसालेदार भोजन, शराब और कैफीन बीमारी के लक्षणों को बदतर बना सकते हैं। भोजन की छोटी-छोटी मील्स लें, आप बेहतर महसूस करेंगे। लिक्विड को अधिक मात्रा में लें।
- आप मल्टीविटामिन लें क्योंकि, क्रोहन रोग (Crohn’s Disease)आपकी पोषक तत्वों को अवशोषित करने की क्षमता को कम कर सकता है। कोई भी विटामिन या सप्लिमेंट लेने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर पूछें।
- धूम्रपान से क्रोहन का खतरा बढ़ जाता है।
- यदि आपको तनाव को नियंत्रित करने में परेशानी हो रही है, तो एक्सरसाइज (Workout), बायोफीडबैक और सांस लेने के व्यायाम करें।
इस आर्टिकल में हमने आपको क्रोहन रोग (Crohn’s Disease) और उसकी सर्जरी से संबंधित जरूरी बातों को बताने की कोशिश की है। इसमें हमने आपको इस सर्जरी को करने की प्रक्रिया से लेकर इसके साइड इफेक्ट्स और सर्जरी के बाद मरीज का ख्याल रखने तक के बारे में बताया है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस सर्जरी से जुड़े किसी अन्य सवाल का जवाब जानना है, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्सर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे। अपना ध्यान रखिए और स्वस्थ रहिए।
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