डाॅक्टर और मरीज के बीच अच्छी बॉन्डिंग (Bonding) का होना बहुत जरूरी है। इसलिए आप कुछ लोगों या फैमिली के एक डॉक्टर फिक्स होते हैं, और उन्हें आराम भी उन्हीं के इलाज से ही होता है। लेकिन अकसर देखने में आता है कि मरीज और डॉक्टर के बीच ज्यादा इंटरैक्शन नहीं होता है। जिसके होने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि मरीज का डॉक्टर के पास जान और प्रिक्रिप्शन भूल जाना या अपॉइंटमेंट (Appointment) के समय से लेट पहुंचना आदि बातें। पेशेंट की बहुत सी आदतें डाॅक्टर के लिए मेंटली स्ट्रेस का कारण बन सकती है। इसलिए मरीज को डॉक्टर से साथ ये गलतियां नहीं करनी चाहिए। आज हम यहां बात करेंगे, डॉक्टर को मरीज की परेशान करने वाली आदतें (Doctors Annoying Patients) के बारे में। मरीज की छोटी-छाेटी बातें कई बार डॉक्टर के लिए तनाव का कारण बन जाती है। तो जानें डॉक्टर को मरीज की परेशान करने वाली आदतें (Doctors Annoying Patients) के बारे में।
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डॉक्टर को मरीज की परेशान करने वाली आदतें (Doctors Annoying Patients) : ध्यान रखें
डाॅक्टर की दवा मरीज को तभी अच्छे से फायदा करती है, जब मरीज अपने डाॅक्टर से सौ प्रतिशत संतुष्ट होता है। डाॅक्टर से मिलने वाली दिमागी संतुष्टि (Mental Satisfaction) मरीज के शरीर के दवा के अच्छे परिणाम को जल्दी दिखाने में मददगार होती है। कई बार डाॅक्टर का व्यवहार मरीज की आदतों और व्यवहार पर निभर्र करता है, क्योंकि आप डाॅक्टर के लिए एक अकेले मरीज नहीं है। डाॅक्टर की अच्छी मेंटल हेल्थ के लिए मरीजों को अपनी कुछ आदतों में सुधार लाना चाहिए, ताकि वो मेंटली परेशान होने से बच सकें।
भाषा और व्यवहार का ध्यान रखें (Behavior)
डॉक्टर को मरीज की परेशान करने वाली आदतें: डॉक्टर के सामने आपके व्यवहार और बातचीत का तरीका बहुत महत्वपूर्ण रखता है। कई बार डॉक्टर मरीज के बोलेचाल के तरीके से भी मेंटली परेशान हो जाते हैं। मरीज को डाॅक्टर से पैनिक (Panic) होकर बात करने से बचना चाहिए। इसके सॉफ्ट स्पोकन या गुस्से जैसे टोन के इस्तेमाल से बचें। इसके आलाव डॉक्टसे आप कर के आदर से बात करें। डॉक्टर के सामने तेज आवाज और गुस्से में बिल्कुल बात न करें। इसके अलावा यदि पर्चे में लिखी गई पुरानी दवाओं से आराम नहीं हुआ तो डॉक्टर पर चिल्लाने या गलत तरीके से बात करने के बजाय आराम से अपनी बात रखें। इसी के साथ पर्चे में लिखी गई पुरानी दवाओं से आराम नहीं हुआ तो डॉक्टर पर चिल्लाने या गलत तरीके से बात करने के बजाय आराम से अपनी बात रखें।
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दूसरे डाॅक्टर की शिकायत करने से बचें (Avoid complaining to another doctor)
डॉक्टर को मरीज की परेशान करने वाली आदतें: आप अपने डॉक्टर के लिए एक अकेले मरीज नहीं है, बहुत से मरीजों को उन्हें देखना होता है। इस बात का भी ध्यान रखें। उनके पास समय की कमी को ध्यान में रखते हुए ऐसी आदतों से बचें। जिससे आपके ट्रीटमेंट (Treatment) को कोई लेना देना न हो। बहुत से मरीज अपना डाॅक्टर चेंज करने के बाद, दूसरे डाॅक्टर के पास जाने के बाद, अपने पहले डॉक्टर की शिकायत शुरू कर देते हैं, उनकी यह आदत अक्सर डाॅक्टरों को पंसद नहीं आती है। आपके पहले डाॅक्टर ने आपका क्या इलाज किया है, यह उन्हें आपकी फाइल में जरूर दिख जाएगा। इसलिए पेशेंट (Patient) ऐसी गलती से बचें।
डाॅक्टर की बात काटकर बीच में न बोलें (Listen to the doctor)
इस बारे में क्लीनिकल जनरल फिजिशियन,लखनऊ के डॉक्टर संदीप पाल का कहना है कि हम कोशिश करते है कि मरीजों को उपचार के साथ उनकी सभी दिक्कतों को अच्छे से सुनें, फिर अपनी बात बोलें। इसलिए डाॅक्टर हमेशा सबसे पहले मरीज से ही पूछते हैं कि उन्हें क्या दिक्कत है, उनकी पूरी बात सुनने के बाद ही राय देते हैं। लेकिन कुछ मरीजों में ये आदत देखी गई है कि जब डाॅक्टर कुछ बोलते हैं, तो मरीज को कुछ बात याद आ जाती है, तो उसे बताने के लिए वो डाॅक्टर की बात बीच में ही रोक कर उसे बाताना शुरू कर देते हैं। ऐसे डाॅक्टर भी कई बार बात भूल सकते हैं, जो उन्हें मरीज को बाताना होता है। ऐसे में मरीजों को डॉक्टर की बात खत्म होने तक रूक जाना चाहिए।
कई डॉक्टरों को पेशेंट की यह आदत अच्छी नहीं है। जिसकी वजह से डाॅक्टर को पेशेंट पर गुस्सा भी आ सकता है। डॉक्टर क्या, शायद साधारण तौर पर हमें भी एक-दूसरे की यह आदत अच्छी न लगे।
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डॉक्टर को मरीज की परेशान करने वाली आदतें :प्रिसक्रिप्शन भूलने की गलती न करें(Do not forget the prescription)
डॉक्टर (Doctor) को मरीज की परेशान करने वाली आदतें: मरीज का डॉक्टर के पास जाते समय अपनी फाइल रिकॉर्ड या प्रिसक्रिप्शन भूल जाना, यह आदत भी कई बार डाॅक्टर और मरीज के बीच अच्छे संबंध न होने का कारण बनती है। मरीज की यह आदत उनके लापरवाह होने का संकेत देते हैं। इससे डाॅक्टर को भी बहुत दिक्कत होती है कि यह याद करने में कि मरीज की क्या दवाएं चल रही थी। पहले जो ब्लड टेस्ट (Blood Test) व अन्य टेस्ट की रिपोर्ट क्या थी। फाॅलोअप के लिए क्या बाेला था, आदि। ऐसी बहुत सी चीजें होती है। जो कि डाॅक्टर के लिए एक पेरशानी का कारण है। इसलिए मरीज को डाॅक्टर के पास जाते समय अपनी फाइल का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
अपने आप से दवा का सेवन बंद न करें (Do not stop taking medicine by yourself)
डॉक्टर को मरीज की परेशान करने वाली आदतें: अक्सर डॉक्टरों को मरीज की यह आदत सबसे ज्यादा खराब लगती है कि मरीज को लगता है कि वह ठीक हो गए हैं, तो बिना डाॅक्टर से फॉलो अप (Follow up) किए बीच में ही दवा का कोर्स बंद कर देना। जब समस्या दोबारा खड़ी हो जाती है और स्थिति भी गंभीर हो जाती है, तब मरीज फिर से डॉक्टर के पास भागते हैं। तब डॉक्टर के लिए यह एक मेंटली परेशानी (Mentally Stress) की वजह हो सकती है, कि वो ऐसे में कंट्रोल करें कैसे। इसलिए कई बार शायद डॉक्टर मरीज पर गुस्सा भी कर देते हैं। पर मरीज को इस आदत से बचना चाहिए। हर मेडिसिन (Medicine) का एक कोर्स होता है, जो बीमारी को जड़ से खत्म करने के लिए दी जाती है। तो ऐसे में मरीज को बिना डॉक्टर के सलाह के दवा बंद नहीं करनी चाहिए।
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बिना अपॉइंटमेंट के न जाएं (Appointment)
डॉक्टर को मरीज की परेशान करने वाली आदतें: डॉक्टर के पास बिना अपॉइंटमेंट के जाने से बचें। जब तक कि काेई इमरजेंसी न हो। वहां अन्य पेशेंट होते हैं, जो पहले से अपॉइंटमेंट के साथ होते हैं, तो ऐसे में डाॅक्टर आपको छोड़कर नहीं देख सकते हैं। जिससे आपका समय भी खराब हो सकता है।
फोन साइलेंट करें (Phone silent)
डॉक्टर को मरीज की परेशान करने वाली आदतें: कई बार डाॅक्टरों को पेशेंट की इस आदत पर भी बहुत गुस्सा आता है कि वो डॉक्टर से बात कर रहे होते हैं और फोन की रिंगटोन फूल वॉल्यूम में होती है। जिसकी वजह से डाॅक्टर और वहां मौजूद अन्य गंभीर मरीजों काे भी दिक्कत हो सकती है। इसलिए इन छोटी-छोटी बातों का भी ध्यान रखें और डॉक्टर के पास हमेशा फोन साइलेंट कर के जाएं।
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स्मोक करने की गलती (Smoking mistake)
कई बार ऐसा भी देखा जाता है कि कुछ पेशेंट डॉक्टर की क्लीनिंक में स्मोकिंग कर रहे होती हैं। जो वहां बैठे मरीजों के लिए दिक्कत का कारण हो सकती हैं। यह बात डॉक्टर को अच्छी नहीं लगती है। इसलिए पेशेंट यह गलती बिल्कुल भी न करें। वैसे भी स्मोकिंग हेल्थ के लिए अच्छा नहीं होता है।
अपनी डॉक्टरी चलाना
डाॅक्टर के पास जाकर, कई बार पेशेंट बाेलते हैं कि हमनें आप की दवा के साथ अपने यह घरेलू उपचार किया, इसलिए मैं ठीक हुआ या हुई। इसके अलावा डॉक्टर जो डायट लेने को बोलें, आप वहीं लें। हां, अगर किसी फूड से एलर्जी है, तो आप उन्हें वो बता दें।
डॉक्टर और पेशेंट के बीच अच्छे कंर्फ्ट के लिए दोनों का एक-दूसरे का अच्छा व्यवहार करना जरूरी है। इस समय मरीजों के लिए बहुत जरूरी है कि वो डॉक्टर के पास जाते समय कुछ बातों का खास ध्यान रखें। आपकी छोटी-छोटी बातें डाॅक्टर के मेंटल स्ट्रेस को कम कर सकती है। जिससे डॉक्टर और भी मरीजों को अच्छे से देख सकते हैं।
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