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Ricin poisoning : राइसिन जहर (पॉइजनिंग) क्या है?

के द्वारा एक्स्पर्टली रिव्यूड डॉ. पूजा दाफळ · Hello Swasthya


Anoop Singh द्वारा लिखित · अपडेटेड 19/04/2020

Ricin poisoning : राइसिन जहर (पॉइजनिंग) क्या है?

परिचय

राइसिन पॉइजनिंग क्या है?

राइसिन कैस्टर बीन्स में पाया जाने वाला एक जहर है। राइसिन की एक छोटी सी मात्रा इंसान को मार सकती है। यूएस सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) के मुताबिक राइसिन पहले एक्सपोज़र के बाद 36-72 घंटों के भीतर इंसान की मनुष्य के मौत का कारण बन सकती है।

यह कितना घातक हो सकता है इस पर बंदरों पर किए गए एक रिसर्च में यह बात सामने आई है कि महज 3 मिलीग्राम राइसिन सूंघने से ही इंसान की मौत हो सकती है। वैज्ञानिकों का मानना है कि राइसिन जितनी तेजी से एक बंदर पर अपना असर दिखाता है, उतनी ही रफ्तार से एक मनुष्य के शरीर पर भी दिखाई दे सकता है। 

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लक्षण

राइसिन पॉइजनिंग के क्या लक्षण है?

राइसिन का प्रभाव हर शरीर पर अलग-अलग हो सकता है। अगर, यह जहर शरीर में सांस द्वारा गया है तो बुखार, खांसी, उल्टी जैसे लक्षण देखने को मिल सकते हैं। रिसर्च में यह बात भी सामने आई है कि कुछ गंभीर मामलों में राइसिन शरीर के कई अंगों को भी नुकसान पहुंचा सकता है। राइसिन की एक छोटी सी मात्रा शरीर में जानें के 4 से 7 घंटे बाद अपना असर दिखा सकती है। हालांकि कुछ मामलों में यह अवधि 10 घंटें भी हो सकती है। 

सांस द्वारा प्रवेश पर दिखाई देते हैं यह लक्षण

राइसिन सांस द्वारा मनुष्य के शरीर में प्रवेश करते हैं तो कुछ विशेष प्रकार के लक्षण सामने आ सकते हैं, जिनमें शामिल हैः

  • बुखार
  • खांसी
  • छाती में जकड़न
  • मतली/उल्टी
  • शरीर के किसी हिस्से का नीला पड़ना
  • ब्लडप्रेशर का कम होना
  • सांस फूलना
  • इससे डायजेस्टिव सिस्टम पर भी असर पड़ सकता है। राइसिन अगर डायजेस्टिव सिस्टम पर असर करता है तो लकवा मारने का खतरा हो सकता है। 

    राइसिन निगलने पर दिखाई देते हैं यह लक्षण

    सांस के अलावा अगर किसी इंसान ने बड़ी मात्रा में राइसिन को निगल लिया है तो निम्नलिखित लक्षण सामने आ सकते हैं, जिनमें शामिल हैः

    कुछ दिनों तक शरीर में यह लक्षण दिखाई देने के बाद धीरे-धीरे किडनी, लीवर जैसे हिस्से काम करना बंद कर देते हैं और इंसान की मृत्यु हो जाती है। 

    ऊपर बताएं गए लक्षणों में किसी भी लक्षण के सामने आने के बाद आप डॉक्टर से मिलें। इस बात का ध्यान रखें कि राइसिन हर किसी व्यक्ति पर अलग-अलग प्रभाव डालता है। राइसिन को लेकर आपके मन में किसी भी तरह का कोई सवाल है तो इस बारे में अपने डॉक्टर से सलाह लें।

    स्किन और आंखों के जरिए

    राइसिन अगर स्किन के जरिए प्रवेश करता है तो वह हिस्सा लाल हो सकता है। वहीं, राइसिन आंखों के संपर्क में आता है तो आंखों लाल पड़ सकती हैं, आंखों में तेज दर्द जैसी समस्या भी हो सकती है। 

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    कारण

    राइसिन का क्या कारण है?

    राइसिन का मुख्य कारण है सीधे या जान बूझकर उसके संपर्क में आना। यह संपर्क खाने के जरिए, सांस के जरिए या इंजेक्शन के जरिए हो सकता है। राइसिन शरीर में प्रवेश करने के बाद कोशिकाओं को खत्म करने का काम करता है, जिससे शरीर में प्रोटीन नहीं बनता है। लाजिमी सी बात है कि जब शरीर के अंगों को निर्माण करने वाली कोशिकाएं ही खत्म हो जाएंगी तो शरीर खुद काम करना बंद कर देगा। जिससे इंसान की मौत हो जाएगी।

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    जोखिम

    राइसिन के साथ मुझे क्या समस्याएं हो सकती हैं?

    जैसा की पहले ही बताया जा चुका है कि राइसिन की एक छोटी सी मात्रा शरीर में जानें से ही इंसान की मौत हो सकती है। राइसिन से संबंधित कोई सवाल अगर आपके मन में है या आप इस घातक पदार्थ के संपर्क में आ गए हैं तो तुरंत अपने डॉक्टर या नजदीकी अस्पताल में संपर्क करें। अगर, किसी इंसान ने राइसिन को इंजेक्शन के जरिए लिया है तो उसका इलाज नामुमकिन है। 

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    इलाज

    राइसिन का क्या उपचार है?

    राइसिन के लिए वर्तमान में किसी तरह का कोई एंटीडोज उपलब्ध नहीं है। इस जहर से बचने का एकमात्र तरीका यही है कि इसके संपर्क में ना आया जाए। यदि कोई व्यक्ति राइसिन के संपर्क में गलती से आ जाता है तो उसे तुरंत नजदीकी अस्पताल या डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। डॉक्टरों की देखरेख में राइसिन के स्तर को शरीर में कम किया जा सकता है।

    राइसिन कैसे शरीर में पहुंचा है इलाज इस पर निर्भर करता है। सांस द्वारा, स्किन द्वारा, आंखों में राइसिन के संपर्क में आने के इलाज अलग-अलग है। कुछ मामलों में राइसिन का असर 10 से 11 घंटे बाद दिखाई देता है, जिसके बाद व्यक्ति की जान बचा पाना नामुमकिन हो जाता है। 

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    लेख में राइसिन के बारे में जो जानकारी दी गई है उसे किसी भी तरह के मेडिकल सलाह के तौर पर ना लें। इससे संबंधित अगर कोई भी सवाल और ज्यादा जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें। 

    राइसिन का निदान कैसे किया जाता है?

    राइसिन के निदान के लिए कौन से कार्य करने चाहिए इसके लिए वर्तमान में किसी तरह की जानकारी उपलब्ध नहीं है। राइसिन का निदान कैसे किया जाए इसके बारे में ज्यादा जानकारी प्राप्त करने के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें। 

    राइसिन का इलाज कैसे होता है?

    राइसिन का कोई सटीक इलाज नहीं है। लेकिन, कुछ थेरिपी और दवाओं से संक्रमित व्यक्ति या मरीज में इस संक्रमण के असर को कम किया जाता है। राइसिन के अधिक गंभीर मामलों में इसका इस्तेमाल करने के कुछ घंटों बाद ही व्यक्ति की मौत हो जाती है। 

    प्रभावित व्यक्ति के शरीर में राइसिन के स्तर पर कम करने के लिए डॉक्टर कुछ दवाएं दे सकते हैं। यह दवाएं राइसिन कैसे शरीर में पहुंचा है इस पर निर्भर करता है। मान लीजिए राइसिन किसी व्यक्ति के शरीर में सांस के जरिए पहुंचा है तो इसके लिए डॉक्टर को ऑक्सीजन देना होगा, इसके बाद ही वो किसी तरह की दवा दे सकते हैं। इसी तरह स्किन और भोजन के जरिए राइसिन के शरीर में पहुंचने के बाद इलाज की प्रक्रिया भी अलग-अलग है। 

    यदि राइसिन शरीर में इंजेक्शन द्वारा लिया गया है तो एंटीबायोटिक दवाओं के जरिए इसके असर को कम किया जा सकता है। इंजेक्शन वाले केस में डॉक्टरों द्वारा खास थैरेपी का इस्तेमाल किया जाता है, ताकि यह शरीर के अंगों को खराब न कर सके। 

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    घरेलू उपचार

    जीवनशैली में होने वाले बदलाव क्या हैं, जो मुझे राइसिन से बचाने में मदद कर सकते हैं?

    राइसिन के असर को कम करने का एकमात्र तरीका है इसके एक्सपोजर से बचना। जैसा ही ऊपर ही बताया गया है कि राइसिन के संपर्क में आने के बाद इंसान की मौत हो जाती है। 

    राइसिन से संबंधित कोई सवाल अगर आपके मन में है तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें। 

    हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की कोई भी मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है, अधिक जानकारी के लिए आप डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।

    डिस्क्लेमर

    हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

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