कोरोना वायरस रोजाना अपने आपको लेकर एक नए आंकड़े तक पहुंच रहा है। जहां एक तरफ भारत में पिछले महीने से अनलॉक की प्रक्रियाएं शुरू हो चुकी हैं, वहीं कोरोना का सामुदायिक संक्रमण होना खुद में एक डराने वाली बात है। अब तो इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के हवाले से भारत में कोरोना वायरस कम्युनिटी स्प्रेड की बात कही गई है। कोरोना का कम्युनिटी ट्रांसमिशन ही शायद संक्रमित मरीजों की बढ़ती तादाद की मुख्य वजह है।
भारत में 20 जुलाई, 2020 तक 11,19,307 कोरोना के मामले हो गए। जिसमें से 3,91,147 कोरोना के एक्टिव केसेस हैं, वहीं अब तक कोरोना से 7,00,646 लोगों ने जंग जीत ली है। दूसरी तरफ 27,514 लोग कोरोना संक्रमण के कारण अपनी जान तक गंवा चुके हैं। एक्सपर्ट्स का मानना है कि शायद कोरोना वायरस कम्युनिटी ट्रांसमिशन के कारण ही जुलाई माह में कोरोना के मामले दोगुनी तेजी से बढ़े हैं। आइए जानते हैं कि कोरोना वायरस कम्युनिटी स्प्रेड क्या होता है और इसे कैसे रोका जा सकता है?
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कोरोना वायरस कम्युनिटी स्प्रेड क्या है?
कोरोना वायरस कम्युनिटी स्प्रेड का मतलब है- कोरोना का सामुदायिक संक्रमण होना। ये किसी भी महामारी के संक्रमण की एक डराने वाली स्थिति हो सकती है। इस सामुदायिक संक्रमण में एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में संक्रमण फैलने के साथ ही पूरे परिवार या एक जगह पर रह रहे समुदाय के लोगों का संक्रमित होना है। कोरोना का कम्युनिटी स्प्रेड भी कुछ इस तरह से ही हो रहा है। एक व्यक्ति से पूरे परिवार और फिर गांव, मोहल्ले, सोसायटी में रह रहे अन्य लोगों में संक्रमण का होना ही सामुदायिक संक्रमण (Community Spread) है।
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भारत में कोरोना का सामुदायिक संक्रमण पर क्या कहता है आईएमए?
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के चेयरमैन डॉ. वीके मोंगा ने बताया है कि भारत में कोरोना का सामुदायिक संक्रमण हो चुका है। डॉ. मोंगा का मानना है कि “जिस तरह से बीते दिनों में कोरोना के रोजाना के मामले 30,000 के पार पहुंच चुके हैं, उसे देख कर हमें गंभीर होना चाहिए। ऐसा इसलिए है कि अब भारत में कोरोना वायरस कम्युनिटी स्प्रेड हो रहा है। हालांकि, कोरोना के फैलने के कई सारे फैक्टर हैं, लेकिन जिस तरह से कोरोना वायरस भारत के गांवों में फैल रहा है, ये कोरोना वायरस कम्युनिटी स्प्रेड की तरफ इशारा करता है। भारत के लिए कोरोना का सामुदायिक संक्रमण बहुत भयावह स्थिति है।”
डॉ. मोंगा ने कहा कि, “दिल्ली, महाराष्ट्र, केरल, कर्नाटक, मध्य प्रदेश के शहरों में कोरोना के मामलों में कमी आई है, जबकि इन्हीं राज्यों के कस्बों और गांवों में कोरोना संक्रमण के मामालों में उछाल दर्ज किया गया है। रोजाना देखने में आ रहा है कि अब कस्बों और गांवों में कोरोना के नए हॉटस्पॉट बन रहे हैं। इसके लिए जरूरी है कि सरकार को इस कम्युनिटी स्प्रेड को रोकना होगा वरना भविष्य में स्थिति बद से बदतर होते देर नहीं लगेगी।”
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कोरोना संक्रमण की स्टेजेस क्या हैं? (Stages of Corona Spread)
कोरोना संक्रमण से साल 2020 की शुरुआत से ही पूरी दुनिया दो चार हो रही है। अगर बात की जाए कोरोना संक्रमण की तो पर्सन-टू-पर्सन फैल कर कोरोना वायरस एक महामारी का रूप ले चुका है। आइए जानते हैं कि कोरोना संक्रमण की स्टेजेस क्या हैं?
कोरोना संक्रमण स्टेजेस 1 : बीमारी से रुबरु होना
कोरोना संक्रमण स्टेजेस में पहले चरण में किसी भी देश में बीमारी यानी कि कोरोना वायरस से एक या दो लोग रुबरु होते हैं। भारत में ये स्टेड जनवरी से मार्च के बीच में पाई गई थी। जब सिर्फ 3 से 10 केस ही थे। इस स्टेज में कोरोना भारत में प्रवेश किया और कुछ ही लोगों को संक्रमित किया।
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कोरोना संक्रमण स्टेजेस 2 : लोकल ट्रांसमिशन
कोरोना संक्रमण स्टेजेस के दूसरे चरण में कोरोना वायरस लोकल लेवल पर फैलता है। कोरोना वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। ये कोई भी हो सकता है, ट्रैवेल करने वाला सह यात्री या एक देश से दूसरे देश में आने वाले व्यक्ति। हालांकि, भारत में देखा गया है कि लोकल ट्रांसमिशन परिवार, दोस्त, सहकर्मी, पड़ोसी या उन लोगों में ज्यादा फैला है, जिनसे हम ज्यादतर मिला करते थे। इसी को देखते हुए 24 मार्च, 2020 को भारत में लॉकडाउन किया गया था, ताकि लोकल ट्रांसमिशन ना हो पाए। इसी के मद्देनजर सोशल डिस्टेंसिंग, कोविड-19 स्क्रिनिंग आदि की जा रही है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने मार्च से लेकर जून तक भारत में लोकल ट्रांसमिशन की पुष्टि की है।
कोरोना संक्रमण स्टेजेस 3 : कम्युनिटी ट्रांसमिशन या कम्युनिटी स्प्रेड
कोरोना संक्रमण स्टेजेस का तीसरा चरण इस वक्त भारत में शुरू हो गया है। कोरोना वायरस कम्युनिटी स्प्रेड होना तब शुरू होता है, जब लोकल ट्रांसमिशन के कारण कोरोना वायरस के हॉटस्पॉट बनने लगते हैं। कोरोना वायरस कम्युनिटी स्प्रेड में एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति और फिर कस्बे, मोहल्ले और गांवों में संक्रमण फैल रहा है। इस बात की पुष्टि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के चेयरमैन डॉ. वीके मोंगा ने की है। कोरोना संक्रमण का तीसरा चरण पहले दोनों चरणों से काफी भयावह स्थिति है। जिसमें ये पता लगाना मुश्किल होता है कि कोरोना का संक्रमण कहां से शुरू हुआ है और कितने लोगों में फैलने की आशंका है। कोरोना वायरस कम्युनिटी स्प्रेड को रोक पाना बहुत कठिन है, इसलिए एक्सपर्ट का मानना है कि अगर स्थिति को संभाला नहीं गया तो भविष्य बहुत भयावह हो सकता है। इसके लिए बड़े पैमाने पर लॉकडाउन की भी सलाह दे रहे हैं।
कोरोना संक्रमण स्टेजेस 4 : वाइडस्प्रेड आउटब्रेक
कोरोना संक्रमण स्टेजेस के चौथे चरण में कोई भी महामारी कंट्रोल करना नामुमकिन हो जाती है। ऐसे में कोरोना संक्रमण के बारे में समझ में ही नहीं आएगा कि वो कहां से किस-किस को हुआ है। अगर कोरोना वायरस कम्युनिटी स्प्रेड को रोका नहीं गया तो इस स्थिति में भारत को पहुंचते देर नहीं लगेगी।
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कोरोना वायरस कम्युनिटी स्प्रेड को कैसे रोका जा सकता है?
कोरोना वायरस कम्युनिटी स्प्रेड को रोकने के लिए भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (Ministry of Health and Family Welfare Government of India) की तरफ से जारी की गई पांच सलाह को मानने से कोरोना संक्रमण को रोका जा सकता है :
- घर पर रहें
- सोशल डिस्टेंसिंग या सुरक्षित दूरी का ध्यान रखें
- लगातार हाथों को हर आधे घंटे के अंतराल पर 20 सेकेंड तक धुलते रहें
- खांसते या छींकते समय मुंह को ढकें और फेस मास्क का लगातार इस्तेमाल करें
- बीमार महसूस करने पर खुद को अन्य लोगों से दूर रखें और स्वास्थ्य विभाग से संपर्क करें या स्वास्थ्य सहायता लें
इन उपायों को अपना कर आप कोरोना वायरस कम्युनिटी स्प्रेड को रोक सकते हैं। एक बात गांठ बांध लीजिए कि आपकी सावधानी ही आपका बचाव है। कोरोना से डरे नहीं, बल्कि रोकथाम के साथ डट कर लड़ें। इस संबंध में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
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