भारत में ट्रॉमा से होने वाली मौतों में सबसे ज्यादा युवा मर्द शामिल हैं, जो घर की जिम्मेदारियां उठा रहे थे।
गहरे आघात के बारे में जानें
गहरे अघात का कारण शरीर में चोट लगना हो सकता है। चोट का कारण सड़क दुर्घटनाओं से लेकर आग लगने, हिंसा और हेट क्राइम तक हो सकता है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (डब्ल्यूएचओ) के आंकड़ों से पता चलता है कि ग्लोबल स्तर पर 5 से 29 वर्ष की उम्र के बच्चों और युवा अडल्ट में सड़क दुर्घटनाएं मौत का कारण है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार आघात दुनिया भर में मृत्यु और विकलांगता का एक प्रमुख कारण है।
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भारत में गहरे आघात पर एक नजर
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) द्वारा भारत में रिपोर्ट में सबसे हालिया एक्सीडेंटल डेथ्स और सूइसाइड्स डेटा के अनुसार 2015 में भारत में लगभग 1.5 लाख लोग सड़क दुर्घटनाओं में मारे गए।
वास्तव में दुर्घटनाएं आज भारत में शारीरिक, मानसिक और फाइनेंनशियल दर्द का एक प्रमुख कारण हैं।
यदि आप एक सड़क दुर्घटना में मदद करते हैं, तो आप यहाँ क्या कर सकते हैं:
- अगर आप गाड़ी चलाते समय एक्सिडेंट देखते हैं तो अपनी गाड़ी को शांति से सड़क के किनारे पार्क करें। अगर जरुरत हो तो अपनी कार का उपयोग पीड़ित को आने वाले ट्रैफिक से बचाने के लिए करें। अपनी इमरजेंसी लाइट चालू करना याद रखें।
- स्थिति की जांच करें (पहले अपनी सुरक्षा के लिए सचेत रहें)। पीड़ितों की संख्या देखें। उसके बाद उनकी चोट देखें और जल्द से जल्द पुलिस और एम्बुलेंस को कॉल करें
- अगर आपको लगता है कि पीड़ित को रीढ़ की हड्डी में चोट लग सकती है, तो उसे हिलाने की कोशिश ना करें। जितना संभव हो उतना धीरे से, जांचें कि वे सांस ले रहे हैं। अगर नहीं, तो उनके मुंह को थोड़ा और धीरे से खोलें, यह देखने के लिए कि क्या कोई रुकावट है जिसे आप आसानी से सांस लेने में मदद करने के लिए निकाल सकते हैं।
- अगर पीड़ित का खून बह रहा है तो सुनिश्चित करें कि उस पर दबाव लागू करने के लिए एक साफ कपड़े का उपयोग करने से पहले उनके घाव में कुछ भी अंदर नहीं फंसा है। अगर घाव में कोई चीज घुसी हुई है तो प्रवेश स्थल से बचें और रक्तस्राव को कम करने के लिए इसके चारों ओर दबाव डालें।
- सड़क दुर्घटना के शिकार किसी बेहोश या हल्के होश में रहने वालो को पानी न दें।