लिवर सिरॉसिस (Liver cirrhosis) की समस्या लिवर से संबंधित है। लिवर सिरॉसिस की समस्या के कारण लिवर सेल्स पर बुरा असर पड़ता है। लिवर सेल्स धीरे-धीरे खत्म होने लगती है और लिवर शेप में भी बदलाव आने लगता है। लिवर सिरॉसिस की समस्या जिन लोगों को हो जाती है, उनके लिए स्थिति गंभीर हो जाती है। लिवर सिरॉसिस और हार्ट फेलियर (Liver cirrhosis and heart failure) में क्या कोई संबंध है? लिवर का काम पाचन की क्रिया में अहम होता है। पाचन के दौरान फैट, कोलेस्ट्रॉल को अवशोषित करने में इसका अहम रोल होता है। लिवर सिरॉसिस की समस्या के शुरुआती समय में बीमारी के लक्षणों के बारे में जानकारी नहीं मिल पाती है लेकिन समय से साथ ही स्थिति गंभीर होने लगती है। लिवर सिरॉसिस (Liver cirrhosis) के कारण शरीर के अन्य अंगों में भी बुरा असर पड़ता है। लिवर सिरॉसिस और हार्ट फेलियर (Liver cirrhosis and heart failure) के संबंध में आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से जानकारी देंगे। जानिए क्या है लिवर सिरॉसिस और हार्ट फेलियर में संबंध।
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लिवर सिरॉसिस और हार्ट फेलियर (Liver cirrhosis and heart failure) का क्या है संबंध?
लिवर सिरॉसिस और हार्ट फेलियर (Liver cirrhosis and heart failure) एक दूसरे से संबंधित है। ऐसा इसलिए है क्योंकि सिस्टमिक डिसऑर्डर (systemic disorders) और डिजीज ऑर्गन्स ( एल्कोहॉल एब्यूज, ड्रग्स, इंफ्लामेशन, ऑटोइम्यूनिटी और इंफेक्शन) और कॉर्डिपैटिक इंटरेक्शन के कारण हार्ट फेलियर का खतरा बढ़ जाता है। लिवर सिरॉसिस के इनिशियल फेज में अपर नॉर्मल वॉल्व के राइट वेंट्रिकुलर प्रेशर (right ventricular pressure) से जुड़ी हुई होती है। इन वॉल्व का पैरामीटर वॉल्युम स्टेटस की डिग्री पर निर्भर करता है। कई बार फिजिकल एक्सरसाइज, फॉर्मेकोलॉजिकल स्ट्रेस ( pharmacological stress) और थेराप्युटिक प्रोसीजर के कारण कार्डियक प्रेशर (cardiac pressures) पर असर पड़ता है।
हेमोडायनामिक स्टडी (Hemodynamic studies) में लिवर सिरॉसिस वाले पेशेंट के पल्मोनरी सर्कुलेशन में अंतर दिखाई पड़ा। लिवर सिरॉसिस पेशेंट में पोर्टोपल्मोनरी हाइपरटेंशन (portopulmonary hypertension) और (Hepatopulmonary syndrome) की इकाइयां देखने को मिली। पोर्टोपल्मोनरी हाइपरटेंशन के कारण पल्मोनरी आर्टरी प्रेशर बढ़ जाता है। पोर्टोपल्मोनरी हायपरटेंशन (portopulmonary hypertension) के विकास में की फैक्टर के रूप में एब्नॉर्मल वेसोकॉन्सट्रिक्शन (Abnormal vasoconstriction) और ऑब्लिटरेटिव रिमॉडलिंग ( obliterative remodeling) है।
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लिवर सिरॉसिस (Liver cirrhosis) के लक्षण क्या हैं ?
लिवर सिरॉसिस की समस्या होने पर अक्सर इसके लक्षण नजर नहीं आते हैं। जब समस्या बढ़ने लगती है, तो धीरे-धीरे लक्षण नजर आने लगते हैं। जानिए क्या होते हैं लिवर सिरॉसिस के लक्षण।
- थकावट का एहसास (fatigue)
- बिलकुल भूख न लगना।
- कमजोरी (weakness)
- वेट लॉस (weight loss)
- लिवर में सूजन
- हथेलियों में लालिमा
- डायरिया होना।
- बाल झड़ना।
- त्वचा और आंखों का पीला होना
अगर आपको उपरोक्त लक्षणों में कोई भी लक्षण नजर आएं, तो आपको इसे इग्नोर करने से बचना चाहिए। अगर आप लिवर सिरॉसिस का ट्रीटमेंट सही समय पर करा लेंगे, तो भविष्य में आप अन्य बीमारियों से बच सकते हैं।
लिवर सिरॉसिस और हार्ट फेलियर: लिवर सिरॉसिस और हार्ट प्रेशर (Heart pressures) का संबंध
लिवर सिरॉसिस की प्रारंभिक फेज मुख्य रूप से राइट वेंट्रिकुलर प्रेशर के अपर नॉर्मल वॉल्व (upper normal values of right ventricular pressure), राइट आर्टिअल प्रेशर (right atrial pressure), पल्मोनरी आर्टरी प्रेशर (pulmonary artery pressure) और पल्मोनरी कैपिलरी वेज प्रेशर से (pulmonary capillary wedge pressure) से जुड़ा होता है। लिवर सिरॉसिस के पेशेंट्स में कार्डियक आउटपुट कम हो जाता है और बाएं वेंट्रिकल भरने का दबाव बढ़ जाता है।
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नॉन-एल्कोहॉलिक फैटी लिवर से हार्ट को खतरा
लिवर सिरॉसिस और हार्ट फेलियर (Liver cirrhosis and heart failure) के संबंध में अभी भी स्टडी जारी है और कई बातें सामने आ रही हैं। रिचर्स में ये बात सामने आई है कि जो लोग नॉन एल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज से बीमार थे, उनमें कोरोनरी आर्टरी डिजीज का खतरा बढ़ गया था। इससे संबंधित अध्ययन जारी हैं और उम्मीद की जा रही है कि कई बातें सामने आएंगी, जो लिवर सिरॉसिस और हार्ट फेल के संबंध में जानकारी देंगे।
लिवर सिरॉसिस और हार्ट फेलियर : कैसे करें खतरा कम?
अगर आप अधिक शराब का सेवन करते हैं, तो संभावना बढ़ जाती है कि लिवर सिरॉसिर हो जाए। जो लोग रोजाना शराब का सेवन करते हैं, उनके लिवर के डैमेज होने के खतरा बहुत बढ़ जाता है। वहीं कुछ लोगों में नॉन-एल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिसीज (NAFLD) का खतरा बना रहता है। ऐसा एल्कोहॉल का सेवन करने के कारण नहीं बल्कि लिवर में फैट की अधिक मात्रा जमने के कारण होता है। जब अधिक मात्रा में फैट का सेवन किया जाता है या फिर जिन लोगों को मोटापे की समस्या होती है, उनमें नॉन-एल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिसीज का खतरा बढ़ जाता है। डायबिटीज और हाय ब्लड प्रेशर (high blood pressure) और हाय कोलेस्ट्रॉल भी इस समस्या को जन्म दे सकते हैं।
अगर आपके परिवार में किसी को लिवर सिरॉसिस की समस्या है, तो बेहतर होगा कि आप डॉक्टर से इस बारे में जानकारी प्राप्त करें और इस बीमारी का इलाज कराएं। आप इस बीमारी से बचने के लिए शराब से दूरी बनाने के साथ ही अच्छी लाइफस्टाइल अपनाने की जरूरत है। आपको खाने में उन फूड्स को इग्नोर करना होगा, जिनमें अधिक मात्रा में फैट्स होते हैं। साथ ही अगर आपको पहले से कोई हेल्थ कंडीशन हो, तो उसके बारे में डॉक्टर को जरूर बताएं। अगर आपको पहले से हार्ट की कोई समस्या है और फिर लिवर सिरॉसिस हो जाता है, तो आप अधिक खतरे में हैं। लिवर सिरॉसिस और हार्ट फेलियर (Liver cirrhosis and heart failure) के बारे में अधिक जानकारी के लिए आप डॉक्टर से संपर्क करें।
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अगर आपके घर में कोई भी लिवर सिरॉसिस का पेशेंट है, तो आपको डॉक्टर से लिवर सिरॉसिस और हार्ट फेलियर (Liver cirrhosis and heart failure) के संबंध में जानकारी जरूर लेनी चाहिए। हैलो हेल्थ किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार उपलब्ध नहीं कराता। इस आर्टिकल में हमने आपको लिवर सिरॉसिस और हार्ट फेलियर (Liver cirrhosis and heart failure) के संबंध में जानकारी दी है। आप जानकारी और सलाह लेने के बाद ही किसी ट्रीटमेंट के बारे में विचार करें। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस संबंध में अधिक जानकारी चाहिए, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्सर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे।
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