हार्ट डिजीज (Heart disease) यानी हृदय दोष को जानलेवा माना जाता है, लेकिन इनसे बचाव भी संभव है। अगर हम हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाते हैं, तो इन समस्याओं से बचा जा सकता है। हार्ट डिजीज से बचने के लिए इसके लक्षणों के बारे में समझना जरूरी है। आज हम हृदय रोग के खतरे के एंजाइना साइन्स (Angina sign of underlying Heart Disease) के बारे में बात करने वाले हैं। इन लक्षणों के बारे में जान कर जल्दी निदान और उपचार संभव है। इससे कई जोखिमों से भी बचा जा सकता है। आइए जानें कि हृदय रोग के खतरे के एंजाइना साइन्स (Angina sign of underlying Heart Disease) के बारे में। सबसे पहले जान लेते हैं कि एंजाइना क्या है?
एंजाइना क्या है? (Angina)
एंजाइना, चेस्ट पैन या डिस्कंफर्ट को कहा जाता है, जो तब होती है जब हमारी हार्ट मसल पर्याप्त ऑक्सिजन रिच ब्लड (Oxygen rich blood) प्राप्त नहीं कर पाती है। इसमें ऐसा अनुभव होता है जैसे हमारी छाती में दबाब पड़ रहा हो या छाती स्क्वीज हो रही हो। यह समस्या कंधे, बाजू, गर्दन, जबड़े और पीठ में भी हो सकती है। यह दर्द इनडायजेशन यानी अपच के समान भी प्रतीत हो सकती है। हालांकि, एंजाइना कोई बीमारी नहीं है। असल में, यह अंडरलायिंग हार्ट प्रॉब्लम (Underlying Heart Problem) का लक्षण है, खासतौर पर कोरोनरी हार्ट डिजीज (Coronary heart disease) का।
एंजाइना के कई प्रकार हैं जिसमें मायक्रोवैस्कुलर एंजाइना (Microvascular angina), स्टेबल एंजाइना (Stable angina), अनस्टेबल एंजाइना (Unstable angina) और वैरिएंट एंजाइना (Variant angina) आदि शामिल हैं। हृदय रोग के खतरे के एंजाइना साइन्स (Angina sign of underlying Heart Disease) के बारे में जानने से पहले यह जानना भी जरूरी है कि इसके प्रकार के आधार पर ऐसे कई कारक हैं, जो एंजाइना पैन (Angina pain) को ट्रिगर कर सकते हैं। हृदय रोग के खतरे के एंजाइना साइन्स (Angina sign of underlying Heart Disease) इसके प्रकार के अनुसार बदल भी सकते हैं। आइए अब एंजाइना के रिस्क फैक्टर्स को समझते हैं।
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एंजाइना के रिस्क फैक्टर्स (Risk factors of Angina)
अगर आपको हार्ट डिजीज का जोखिम है, तो इसका अर्थ है कि आपको एंजाइना का भी जोखिम है। हार्ट डिजीज और एंजाइना के रिस्क फैक्टर्स इस प्रकार हैं:
- अनहेल्दी कोलेस्ट्रॉल लेवल (Unhealthy cholesterol levels)
- हाय ब्लड प्रेशर (High blood pressure)
- स्मोकिंग (Smoking)
- डायबिटीज (Diabetes)
- ओवरवेट या मोटापा (Overweight or obesity)
- मेटाबॉलिक सिंड्रोम (Metabolic syndrome)
- इंएक्टिविटी (Inactivity)
- अनहेल्दी डायट (Unhealthy diet)
- उम्र का अधिक होना (Older age)
- अर्ली हार्ट डिजीज की फॅमिली हिस्ट्री (Family history of early heart disease)
यह तो थे एंजाइना के जोखिम के बारे में जानकारी। अब जान लेते हैं हृदय रोग के खतरे के एंजाइना साइन्स (Angina sign of underlying Heart Disease) के बारे में।
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हृदय रोग के खतरे के एंजाइना साइन्स (Angina sign of underlying Heart Disease)
जैसा की आप जान ही गए होंगे कि एंजाइना की समस्या कोरोनरी आर्टरीज (Coronary Disease) में अचानक स्पाज्म के कारण होती हैं। जिसके कारण खून का प्रवाह में बाधा आती है। अगर इस समस्या को सही समय पर न पहचाना जाए, तो यह हार्ट अटैक (Heart Attack) जैसी जानलेवा स्थिति का कारण बन सकती है। अगर आप इस पैन को गैस या अपच की दर्द समझ कर इसका उपचार करते हैं, तो यह घातक साबित हो सकती है। हृदय रोग के खतरे के एंजाइना साइन्स (Angina sign of underlying Heart Disease) इस प्रकार हैं:
- चेस्ट पैन या डिस्कम्फर्ट (Chest pain or discomfort)
- कंधे, बाजू या पीठ के साथ ही छाती में दर्द होना (Pain)
- जी मिचलाना (Nausea)
- थकावट (Fatigue)
- सांस लेने में समस्या (Shortness of breath)
- बहुत अधिक पसीना आना (Excessive sweating)
- चक्कर आना (Dizziness)
ये भी ध्यान रखें!
यह तो थे हृदय रोग के खतरे के एंजाइना साइन्स (Angina sign of underlying Heart Disease)। एंजाइना या छाती में दर्द, हार्ट डिजीज (Heart Disease) का सबसे सामान्य लक्षण है। हार्ट अटैक (Heart Disease) के दौरान यह लक्षण एक घंटे या इससे अधिक समय तक रहते हैं। इस सिचुएशन में रेस्ट करने और दवा लेने से आपको राहत मिल सकती है। यह लक्षण माइनर पैन से लेकर गंभीर दर्द तक हो सकते हैं। कई बार हार्ट अटैक (Heart Disease का कोई भी लक्षण नजर नहीं आता है, जिसे साइलेंट मायोकार्डियल इंफेक्शन (Silent myocardial infection) कहा जाता है। लेकिन, हृदय रोग के खतरे के एंजाइना साइन्स (Angina sign of underlying Heart Disease) को पहचानना बेहद जरूरी है, ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति में बचा जा सके। अब जान लेते हैं एंजाइना के निदान के बारे में।
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एंजाइना का निदान कैसे संभव है? (Diagnosis of Angina)
हृदय रोग के खतरे के एंजाइना साइन्स (Angina sign of underlying Heart Disease) को पहचानने के बाद तुरंत डॉक्टर की सलाह लेना आवश्यक है। इसके निदान के लिए डॉक्टर सबसे पहले आपकी शारीरिक जांच करेंगे। यही नहीं, रोगी से इसके लक्षणों के बारे में भी जाना जाएगा। इसके साथ ही डॉक्टर कई अन्य टेस्ट्स के लिए भी कह सकते हैं ताकि एंजाइना का निदान हो सके, जैसे:
- कंप्लीट ब्लड काउंट (Complete blood count)
- चेस्ट एक्स-रेज़ (Chest X-rays)
- कार्डिएक स्ट्रेस टेस्ट (Cardiac stress test)
- इकोकार्डियोग्राम (Echocardiogram)
- इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (Electrocardiogram) (EKG)
- कोरोनरी एंजियोग्राफी (Coronary angiography)
- कार्डिएक कैथेटेराइजेशन (Cardiac catheterization)
- कोरोनरी कंप्यूटेड टोमोग्राफी एंजियोग्राम (Coronary computed tomography angiogram)
हृदय रोग के खतरे के एंजाइना साइन्स (Angina sign of underlying Heart Disease) की पहचान और इस समस्या के निदान के बाद इसका उपचार इस तरह से किया जाता है।
एंजाइना का उपचार कैसे किया जाता है? (Treatment of Angina)
आपके डॉक्टर हार्ट कंडीशन का इलाज करेंगे, जिससे एंजाइना की समस्या से राहत पाने में मदद मिलेगी। इसके लिए कोरोनरी एंजियोप्लास्टी और स्टेंटिंग (Coronary angioplasty and stenting) और कोरोनरी आर्टरी बायपास ग्राफ्टिंग (Coronary artery bypass grafting) सर्जरी की जरूरत हो सकती है। ताकि, हार्ट में ब्लड फ्लो सुधर सके। हालांकि, कुछ मरीजों को इनकी जरूरत नहीं पड़ती है और उनके इलाज के लिए दवाईयां ही काफी होती हैं। इस समस्या का फाइनल ट्रीटमेंट इसके लक्षणों पर निर्भर करता है। हालांकि, ट्रीटमेंट के साथ भी कुछ लोगों को एंजाइना की जरूरत हो सकती है। आपके डॉक्टर आपको ऐसी दवा की सलाह दे सकते हैं, जिससे जब आपको दर्द हो, जल्दी ब्लड वेसल्स ओपन हो सकें। नाइट्रोग्लिसरीन (Nitroglycerin) एक सामान्य एंजाइना की मेडिसिन है। इस समस्या के उपचार के लिए अन्य दवाईयां इस प्रकार हैं:
- एंटी- क्लॉटिंग ड्रग्स (Anti-clotting drugs)
- कोलेस्ट्रॉल-लोयरिंग ड्रग्स (Cholesterol-lowering drugs)
- हाय ब्लड प्रेशर मेडिकेशन्स (High blood pressure medications)
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इन ट्रीटमेंट्स से आप दर्द कम होने और डिस्कंफर्ट को कम होने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही हार्ट अटैक (Heart Attack) और अन्य घातक जोखिम को भी कम किया जा सकता है। लेकिन, ऐसा जरूरी नहीं है कि छाती में होने वाली दर्द एंजाइना ही हो। कुछ अन्य कारणों या कंडिशंस के कारण भी छाती में दर्द हो सकता है, जैसे:
- पल्मोनरी एम्बोलिस्म (Pulmonary embolism) जिसे लंग आर्टरी में ब्लॉकेज के रूप में जाना जाता है।
- लंग इंफेक्शन (Lung infection)
- एओर्टिक डिसेक्शन (Aortic dissection)
- एओर्टिक स्टेनोसिस (Aortic stenosis)
- हायपरट्रॉफिक कार्डियोमायोपैथी (Hypertrophic cardiomyopathy)
- पेरिकार्डिटिस (Pericarditis)
- पैनिक अटैक (Panic attack)
इसलिए एंजाइना को अन्य समस्या समझने की गलती न करें और इसके सही लक्षणों को समझें। यह तो थी हृदय रोग के खतरे के एंजाइना साइन्स (Angina sign of underlying Heart Disease) और इससे संबंधित अन्य जानकारियां। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि एंजाइना से बचाव भी संभव है? इससे बच कर आप हार्ट डिजीज और कई अन्य समस्याओं से भी बच सकते हैं। आइए जानते हैं इसके बारे में।
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हृदय रोग के खतरे के एंजाइना साइन्स और एंजाइना से बचाव (Prevention of Angina)
नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन (National Center for Biotechnology Information) के अनुसार एंजाइना के उपचार के साथ ही इसके लक्षणों को मैनेज करना बेहद जरूरी है। इसको मैनेज करने के लिए मेडिकल थेरेपी (Medical Therapy) के साथ-साथ लाइफस्टाइल में बदलाव भी आवश्यक है। आइए जानें कैसे बचा जा सकता है हृदय रोग के खतरे के एंजाइना साइन्स (Angina sign of underlying Heart Disease) से:
हृदय रोग के खतरे के एंजाइना साइन्स और सही आहार
इस समस्या से बचाव और संपूर्ण रूप से हेल्दी रहने के लिए जरूरी है, सही आहार का सेवन करना। इसके लिए अपने आहार में फल, सब्जियों, साबुत अनाज, लो-फैट और प्रोटीन के लीन सोर्सेज को शामिल अवश्य करें। आपको क्या खाना चाहिए और किन चीजों को नजरअंदाज करना चाहिए, इस बारे में अपने डॉक्टर या डायटीशियन से सलाह अवश्य लें।
नियमित व्यायाम (Regular exercise)
नियमित रूप से व्यायाम करें। इसके लिए दिन में कम से कम तीस मिनट शारीरिक गतिविधियों के लिए निकालें। योगा या मैडिटेशन करने से भी आपको लाभ होगा।
अपने वजन को मैनेज करें (Maintain your weight)
अगर आपका वजन अधिक है तो अपने वजन को कम करने की कोशिश करें। इसके लिए आप नियमित व्यायाम करें और अपने खाने-पीने का ध्यान रखें। इसके साथ ही अपने डॉक्टर भी इसमें आपकी मदद कर सकते हैं।
तनाव से बचें (Stay away from Stress)
तनाव आपको कई समस्याओं से बचा सकता है जिसमें हार्ट डिजीज (Heart Disease) भी शामिल हैं। इसके लिए हमेशा सकारात्मक रहें, योग और मैडिटेशन करें। अधिक समस्या होने पर मेडिकल हेल्प लेना जरूरी है।
स्मोकिंग न करें (Avoid Smoking)
अगर आप स्मोकिंग करते हैं, तो उसे करना बंद कर दें। स्मोकिंग को हार्ट डिजीज का मुख्य रिस्क फैक्टर माना जाता है। इसके साथ ही अपने कोलेस्ट्रॉल लेवल (Cholesterol level) को भी नियमित रूप से चेक कराएं। यही नहीं, पर्याप्त आराम करना और नींद लेना भी जरूरी है।
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यह तो थी हृदय रोग के खतरे के एंजाइना साइन्स (Angina sign of underlying Heart Disease) के बारे में जानकारी। इन लक्षणों को पहचानना बेहद जरूरी है। अगर आपको कोई भी हार्ट डिजीज (Heart Disease) है, तो नियमित जांच भी आवश्यक है। इसके साथ ही इस समस्या को मैनेज करने के लिए डॉक्टर की सलाह का पूरी तरह से पालन करें। इसका उपचार और इससे बचाव दोनों संभव हैं। इसके साथ ही अगर आपके मन में हृदय रोग के खतरे के एंजाइना साइन्स (Angina sign of underlying Heart Disease) से संबंधित कोई भी सवाल है, तो अपने डॉक्टर से बात करना न भूलें।
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