हृदय और फेफड़ों में संबंध गहरा है। हृदय और फेफड़े को शरीर का पावरहाउस कहा जाता है। दोनों एक-दूसरे के समकालिक रूप से काम करते हैं यानि कि दोनों एक-दूसरे के पूरक हैं। फेफड़े हवा से ऑक्सिजन का निमार्ण का काम करते हैं और हृदय (Heart) का मुख्य उद्देश्य रक्त का ऑक्सिकरण है। इसलिए जब हृदय प्रभावित होता है, तो फेफड़ों में भी दबाव बढ़ जाता है। इससे मरीज को सांस फूलने की या सांस लेने में तकलीफ (Breathing Problem) होती है। इसके अलावा, यह फेफड़ों (Lungs) से फ्लूइड के सचांर में अनियमितताएं भी पैदा कर सकता है। इसलिए, अपने दिल की देखभाल (Heart Care) करना बहुत आवश्यक है। यदि आपके फेफड़े भी स्वस्थ हैं, तो वो हार्ट के लिए अच्छा है। इसी तरह दिल को भी स्वास्थ्य बनाए रखना बहुत मश्किल है। केवल आपके पूरे शरीर के लिए ही नहीं,बल्कि फेफड़ों के लिए भी महत्वपूर्ण है।
यहां आप जानें हृदय और फेफड़ों में संबंध (Relation between Heart and Lungs) क्या है। शरीर में आक्सिजन के संचार के लिए लंग्स और दिल दोनों का स्वस्थ होना जरूरी है। हृदय और फेफड़ों में संबंध (Relation between Heart and Lungs) के साथ यह भी जानें कि यह ऑक्सिजन का संचार कैसे करता है।
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हृदय और फेफड़ों में संबंध क्या है,जानें एक्सपर्ट की राय (Relationship between Heart & Lungs)
हृदय और फेफड़ों में संबंध क्या है ? यह जानने से पहले आपको दोनों फंक्शन को समझना होगा। जैसा कि हमने पहले भी बताया कि हमारे हार्ट और फेफड़े एक-दूसरे से संबंधित हैं, बहुत की ड्रेमेटिक वे में। इन दोनों का ही काम, हमारे शरीर में ऑक्सिजन के संचार के जुड़ा है। लेकिन इसमें आयी गड़बड़ी कई कारणों से हो सकती है। इसमें गड़बड़ी होने के बहुत से कारण हो सकते हैं और उनसे कई प्रकार की दिक्कतें भी। यदि आपको सांस लेने में कोई दिक्कत नहीं हो रही है तो आपका दिल और फेफड़े दोनों ही स्वस्थ्य हैं। यदि आपकों सांस लेने में कठनाई हो रही है, तो इसके कई कारण हो सकते हैं। फेफड़े और श्वसन तंत्र की समस्याओं में शामिल हैं, जैसे कि किसी प्रकार का इंफेक्शन (Infection) , एलर्जी (Allergy), ब्रोंकाइटिस (Bronchitis) और अस्थमा की समस्या। सांस फूलने का मतलब यह भी हो सकता है कि दिल की कोई बीमारी भी हो सकती है। तो इस तरह से हृदय और फेफड़ों में संबंध देखा जा सकता है।
- हृदय शरीर का महत्वपूर्ण अंग है जो पूरे शरीर में रक्त को पंप करता है। लेकिन पहले यह फेफड़ों में रक्त की आपूर्ति करता है, ताकि यह पुष्टि हो सके कि लाल रक्त कोशिकाओं में आवश्यक ऑक्सिजन प्रॉप्त हो सके।
- यह हम सभी को पता है कि रक्त हमारे पूरे शरीर में रक्त को पंप करता है। लकिन पहले यह लंग में सप्लाई करता है यह पुष्टि करने के लिए कि लाल रक्त कोशिकाओं में आवश्यक ऑक्सिजन प्राप्त हो रहा है।
- जब आप सांस लेते हैं, तो यह फेफड़ों में ऑक्सिजन रक्तप्रवाह में चली जाती है और लाल रक्त कोशिकाओं में हीमोग्लोबिन से जुड़ जाती है। इसके अलावा, ऑक्सिनेटिड ब्लड आपके आपके हृदय में लौटता है। जहां इसे शरीर के अंगों और ऊतकों के आसपास की रक्त वाहिकाओं के माध्यम से पंप किया जाता है। इस प्रकार, कोशिकाओं द्वारा ऑक्सिजन (Oxygen) का उपयोग किया जाता है और मौजूद रक्त में मौजूद कार्बन डायऑक्साइड को वापस हृदय में ले जाता है।
- हदय का सीधा हिस्सा फेफड़ों से डिऑक्सिजिनेटिड ब्लड को पंप करने का काम करता है।
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सांस लेने में तकलीफ तब देखी जा सकती है, जब हार्ट संबंधित कोई प्रॉब्लम हो जाती है। हम हृदय और श्वसन प्रणाली (Respiratory system) की समस्याओं के बीच संबंध को डिकोड करते हैं। यानि कि होने वाली उन समस्याओं को बताते हैं, जैसे कि:
हृदय और फेफड़ों में संबंध :हार्ट फेल्योर (Heart Failure)
ऐसी स्थिति कुछ कंडिशन में हो सकती है, जैसे कि कोरोनरी आर्टरी डिजीज (Coronary artery disease), हार्ट अटैक (Heart Attack) या कुछ स्थितियां, जिसमें आपके दिल को पर्याप्त रक्त पंप करने कठनाई हो रही हो। इससे हृदय पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है और हार्ट कमजोर होने लगता है। इस प्रकार, आपका हृदय कमजोर होने के साथ, पूरे शरीर में रक्त को प्रभावी ढंग से पंप करने में असमर्थ होने लगता है। फिर रक्त शरीर में जमा होने लगता है, जिसे हम क्लाॅट कहते हैं। जिससे सूजन हो जाती है और व्यक्ति को हृदय गति रुकने के खतरे बढ़ जाते हैं। ऐसा होने पर व्यायाम करते समय या चलने या कपड़े पहनने जैसी साधारण गतिविधियाें के दौरान भी सांस फूलने की समस्या हो सकती है।
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हृदय और फेफड़ों में संबंध : हार्ट अटैक (Heart Attack)
हार्ट की मुख्य आर्टरी में जब क्लॉटेज की समस्या हो जाती है, तो उस दौरान हार्ट का रिस्क बढ़ जाता है। जिसके कारण सांस लेने में दिक्कत भी हाे सकती है। यहा ब्लॉकेज भी कई बार हार्ट फेल्योर का कारण भी बन सकती है।
हृदय और फेफड़ों में संबंध : पल्मोनरी एडिमा (Pulmonary edema)
यदि आपको फेफड़ों में अधिक फ्लूइड उपलब्ध है, तो भी आपको सांस लेने में दिक्कत (Breathing Problem) हो सकती है। यदि हृदय को क्षति पहुंचती है, तो उस दौरान हार्ट फेफड़ों से प्राप्त होने वाले रक्त को पंप करने में सक्षम नहीं हो पाता है। हृदय पर दबाव के कारण, द्रव क्लॉज का रूप ले लेता है और जिससे सांस लेने में समस्या होती है।
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हृदय और फेफड़ों में संबंध : ऐसा होने पर क्या करें, जानिए एक्सपर्ट राय
हृदय और फेफड़ों में संबंध के बारे में जाना आपने यहां। सांस लेने में दिक्कत, तेज हार्ट बीट और सीने में दर्द के लिए भी तत्काल चिकित्सा की आवश्यकता है आपको। ऐसे में बिल्कुल भी लेट न करें। दिल की समस्याओं का तुरंत निदान करना और फेफड़ों को भी बचाना जरूरी है। लेकिन, याद रखें कि ओवर-द-काउंटर दवा का उपयोग करके स्वमं कोई मेडिकेशन न करें। यह आपके लिए खतरनाक हो सकता है। अपने चिकित्सक से परामर्श करें और हृदय की अंतर्निहित स्थिति की जांच करवाएं।
हार्ट या फेफड़े से संबंधित किसी प्रकार की समस्या होने आपको घरेलू मेडिकेशन की बजाए तुरंत हॉस्पिटल जाना चाहिए। थोड़ी सी लापरवाही भी आपके जान के लिए खतरा बन सकती है। सांस में होने वाली दिक्कत फेफड़ों की समस्या की वजह से भी हो सकती है। अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से संपर्क करें।
हार्ट, लंग्स या फिर पूरे शरीर को स्वस्थ्य रखने के लिए हेल्दी डायट के साथ-साथ नियमित योगासन भी लाभकारी माना गया है। इसलिए नीचे दिए इस वीडियो लिंक पर क्लिक कर योगाएक्सपर्ट से जानिए योग करने की सही विधि एवं इसके फायदे।
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