ब्रोंकाइटिस और निमोनिया (Bronchitis and Pneumonia) दोनों ही गंभीर और जानलेवा हो सकते हैं। इसलिए सबसे पहले इनकी पहचान करना और इनके ब्रीदिंग से जुड़े लक्षणों को गंभीरता से लेना जरूरी है। लोगों को इन स्थितियों में तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए, अगर:
- रोगी को सांस लेने में समस्या हो (Patient have Difficulty Breathing)
- रोगी को खांसी रोकने में परेशानी हो (It Feels Impossible to stop Coughing)
- रोगी को अधिक बुखार हो (Patient have a Very High Fever)
- उपचार के बाद भी ब्रोंकाइटिस या निमोनिया के लक्षण ठीक न हो रहे हों या यह समस्या बार-बार हो रही हो (Symptoms of Pneumonia or Bronchitis do not get better with Treatment, or Symptoms are Happening Again and Again)
- अगर रोगी को कोई और गंभीर बीमारी और सांस लेने में समस्या हो (Patient have Another Chronic Illness and Breathing Difficulties)
- बलगम में खून आए (Blood in the Phlegm)
- सांस लेने में परेशानी हो रही हो (Shortness of Breath)
- छाती में दर्द हो (Chest Pain)
- बहुत अधिक कमजोरी हो (Extreme Weakness)
ब्रीदिंग इश्यूज बहुत जल्दी बदतर हो सकते हैं। अगर रोगी को ब्रीदिंग इश्यूज हों और डॉक्टर को एक दिन के अंदर रोगी में ब्रोंकाइटिस या निमोनिया के संकेत न मिले, तो रोगी को इमरजेंसी रूम में ले जा कर तुरंत उपचार कराना अनिवार्य हो जाता है।
ब्रोंकाइटिस और निमोनिया का निदान कैसे किया जाता है? (Diagnosis of bronchitis and pneumonia)
ब्रोंकाइटिस और निमोनिया (Bronchitis and Pneumonia) का निदान करने के लिए डॉक्टर सबसे पहले इनके लक्षणों के बारे में जानेंगे। इसके साथ ही यह जानना भी जरूरी है कि यह लक्षण किन स्थितियों में बेहतर और बदतर होते हैं। प्रभावित व्यक्ति की मेडिकल हिस्ट्री भी जानी जाती है। इसके बाद डॉक्टर स्टेथोस्कोप की मदद से रोगी जब सांस लेता है, तो उसके फेफड़ों को सुनते हैं। क्योंकि, यह आवाज इस बात का लक्षण हो सकता है कि यह रोग ब्रोंकाइटिस है या निमोनिया। इन लक्षणों के अनुसार कुछ टेस्ट्स के लिए कहा जा सकता है, जैसे:
- स्प्यूटम कल्चर (Sputum Culture) : स्प्यूटम कल्चर टेस्ट में खांसी से निकलने वाली कफ का नमूना लिया जाता है और किसी खास जर्म्स के लिए इसकी जांच की जाती है।
- चेस्ट एक्स-रेज (Chest X-rays) : चेस्ट एक्स-रेज से डॉक्टर को प्रभावित व्यक्ति के फेफड़ों में इंफेक्शन के बारे में पता चलता है और इससे भी ब्रोंकाइटिस और निमोनिया (Bronchitis and Pneumonia) में अंतर पता चल सकता है।
- पल्स ऑक्सीमीट्री (Pulse Oximetry) : इस टेस्ट के लिए डॉक्टर रोगी के उंगलियों में एक डिवायस लगाते हैं, ताकि खून में ऑक्सीजन की मात्रा को मापा जा सके।
- पल्मोनरी फंक्शन टेस्ट्स (Pulmonary Function Tests) : पल्मोनरी फंक्शन टेस्ट्स में रोगी को एक डिवायस में फूंकना होता है। जिसे स्पैरोमीटर कहा जाता है। इससे मापा जाता है कि रोगी के फेफड़ों में कितनी हवा है।
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ब्रोंकाइटिस और निमोनिया का उपचार (Treatment of Bronchitis and Pneumonia)
ब्रोंकाइटिस और निमोनिया दोनों का उपचार इसके अंडरलाइंग कारकों पर निर्भर करता है। जैसे यह कारण बैक्टीरियल है या वायरल। जानिए कैसे किया जाता है है ब्रोंकाइटिस का इलाज :
अधिकतर मामलों में एक्यूट ब्रोंकाइटिस वायरल होता है। जिसका उपचार एंटीबायोटिक्स से नहीं किया जा सकता है। इस स्थिति में उपचार के तरीके इस प्रकार हैं:
- आराम करना (Take Rest)
- अधिक से अधिक तरल पदार्थों का सेवन (Drinking Plenty of Fluids)
- दर्द से राहत पाने के लिए ओवर द काउंटर दवाईयों का प्रयोग (Over-the-Counter Pain Relievers)
- खांसी की दवाई (Cough Medication)
- रात में खांसी से छुटकारा पाने के ह्युमिडिफायर का प्रयोग भी किया जा सकता है (Use Humidifier at Home)
अगर ब्रोंकाइटिस का कारण बैक्टीरियल इंफेक्शन है तो डॉक्टर एंटीबायोटिक्स की सलाह दे सकते हैं। क्रॉनिक ब्रोंकाइटिस का इलाज संभव नहीं है। हालांकि कई तरीकों से प्रभावित व्यक्ति को सांस लेने में आसानी हो सकती है। इसके लिए डॉक्टर इनहेलर्स(Inhalers), पल्मोनरी रिहेबिलेशन थेरेपी (Pulmonary Rehabilitation Therapy) और अन्य दवाईयां दे सकते हैं। जिनकी मदद से एयरवेज की सूजन कम हो सकती है। एक्यूट और क्रॉनिक ब्रोंकाइटिस उन लोगों में बहुत ही सामान्य है, जो धूम्रपान करते हैं। धूम्रपान करना छोड़ने से आप ब्रोंकाइटिस की समस्या को कम कर सकते हैं और इससे एयरवेज के नुकसान को भी रोका जा सकता है।
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निमोनिया का उपचार (Treatment of Pneumonia)
निमोनिया का उपचार इसके प्रकार पर निर्भर करता है। बैक्टीरियल निमोनिया का उपचार एंटीबायोटिक्स के साथ हो सकता है और एंटीफंगल दवाइयां फंगल निमोनिया का उपचार के लिए प्रयोग में लाई जाती हैं। हालांकि, वायरल बैक्टीरिया के लिए कोई खास उपचार मौजूद नहीं है।
इसके साथ ही कुछ अन्य तरीके भी निमोनिया के उपचार में लाभदायक सिद्ध हो सकते हैं, जैसे:
- दर्द या बुखार को कम करने के लिए दवाईयां (Medicines to Reduce Pain and Control fever)
- अधिक तरल पदार्थों को लेना (Drinking Plenty of Fluids)
- पर्याप्त आराम करना (Getting Lots of Rest)
- ह्यूमिडिफायर या स्टीम का प्रयोग कर के बलगम को लूज करना (Using a Humidifier or Steam to Help Loosen Mucus)
- स्मोकिंग को नजरअंदाज करना (Avoid Smoking)
इस दौरान होने वाली खासी से बचने के लिए कुछ लोग खांसी से राहत दिलाने वाली दवाईयों का प्रयोग कर करते हैं। लेकिन, इस दवाई का प्रयोग करने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लें। निमोनिया से पीड़ित कुछ लोगों को गंभीर स्थितियों में अस्पताल में भी भर्ती होना पड़ सकता है जैसे अधिक बुखार होना। ऐसे में किसी भी स्थिति या लक्षण को नजरअंदाज न करें।
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निमोनिया और एक्यूट ब्रोंकाइटिस बहुत जल्दी ठीक होने वाले इंफेक्शन होते हैं। अधिकतर मामलों में घर पर ही रोगी का ध्यान रखकर और उपचार से रोगी एक या दो हफ्तों में स्वस्थ हो जाता है। ब्रोंकाइटिस और निमोनिया (Bronchitis and pneumonia) दोनों का उपचार संभव है। खासतौर, पर अगर इन समस्याओं के लक्षणों को तुरंत पहचान कर इलाज कराया जाए। दोनों स्थितियों के लक्षण भी एक जैसे होते हैं। अधिकतर मामलों में लोग बिना डॉक्टर के निदान के इनमें अंतर नहीं बता पाते हैं। ब्रोंकाइटिस और निमोनिया (Bronchitis and pneumonia) दोनों में ही जल्दी मेडिकल केयर से रोगी की जान बच सकती है। यही नहीं, इससे रोगी की रिकवरी भी जल्दी होती है और वो जल्दी सामान्य जीवन जीने में सक्षम होते हैं।
अगर आप हेल्दी रहना चाहते हैं तो संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए हेल्दी आदतों को अपनाना भी बहुत जरूरी है। जैसे सही और संतुलित आहार का सेवन, व्यायाम, तनाव से बचना आदि। स्वास्थ्य को कभी भी हलके में न लें, क्योंकि स्वास्थ्य के बिना जीवन की हर खुशी अधूरी है।