शरीर और मस्तिष्क को आराम के लिए पर्याप्त मात्रा में नींद चाहिए होती है। अगर नींद पर्याप्त मात्रा में नहीं मिलती है, तो शरीर में एक नहीं बल्कि कई बीमारियां जन्म लेती हैं। कुछ बीमारियां ऐसी भी होती हैं, जिसके कारण नींद ना आने की समस्या पैदा हो जाती है। नींद न आने की समस्या में स्लीप एप्निया (Sleep apnea) का नाम भी शामिल है। स्लीप एप्निया (Sleep apnea) एक डिसऑर्डर है। एक स्टडी के दौरान ये बात सामने आई है कि स्लीप एप्निया के साथ बच्चों में बीपी का खतरा (Kids with sleep apnea High BP Risk) बढ़ जाता है।
ये बीमारी सांस से भी संबंधित है। सांस लेने के दौरान समस्या होने पर नींद में खलल पैदा होता है। समय से पहले जन्म लेने वाले बच्चों में ये बीमारी आम होती है। इस बीमारी से अन्य कारण भी जुड़े हो सकते हैं। ऑब्सट्रेक्टिव स्लीप एप्निया (Obstructive sleep apnea) वाले बच्चे, जिनमें किशोरावस्था में ये बीमारी नहीं बढ़ाती है, उनमें सांस की समस्या वाले लोगों की तुलना में हाय ब्लड प्रेशर का जोखिम लगभग तीन गुना अधिक होता है। इस बात का खुलासा एक स्टडी के दौरान हुआ है। वहीं जिन बच्चों का स्लीप एप्निया किशोरावस्था में खत्म हो जाता है, उनमें कोई बढ़ा हुआ जोखिम नहीं होता है। स्टडी के दौरान अन्य बातें भी सामने आई। आइए जानते हैं स्लीप एप्निया के साथ बच्चों में बीपी का खतरा (Kids with sleep apnea High BP Risk) का आखिर क्या संबंध है।
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स्लीप एप्निया के साथ बच्चों में बीपी का खतरा (Kids with sleep apnea High BP Risk)
ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया (Obstructive sleep apnea) की समस्या के दौरान नींद के दौरान सांस रुक जाती है और ब्लड प्रेशर की समस्या भी पैदा हो सकती है। स्टडी के प्रमुख लेखक जूलियो फर्नांडीज-मेंडोजा ने कहा कि अभी कुछ रिचर्सर्स को बच्चों में समस्या पर पूरी तरह से विचार करने की जरूरत है ताकि लॉन्ग टर्म समस्याओं के बारे में पता चल सके। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन की ओर से स्लीप एप्निया के साथ बच्चों में बीपी का खतरा (Kids with sleep apnea High BP Risk) संबंधित समीक्षा में जानकारी दी गई कि ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया में वायुमार्ग में रुकावट आ जाती है। करीब 10 मिलियन वयस्क इस बीमारी से प्रभावित हो चुके हैं और ज्यादातर मामलों में बीमारी का डायग्नोज नहीं हुआ है। स्लीप एप्निया के साथ बच्चों में बीपी का खतरा (Kids with sleep apnea High BP Risk) बढ़ जाता है। स्लीप एप्निया के साथ बच्चों में बीपी का खतरा (Kids with sleep apnea High BP Risk) क्यों बढ़ता है, इससे संबंधित स्टडी की गई हैं।
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एक नई स्टडी के दौरान 5 से 12 साल की उम्र के 421 बच्चों निगरानी की गई, जिनकी नींद की स्लीप लैब में रात भर निगरानी की गई। उन बच्चों में से, लगभग 12% को माइल्ड ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया (Mild obstructive sleep apnea) था। सात साल से अधिक समय तक फॉलो-अप करने के बाद, जब अधिकांश बच्चों की उम्र 12 से 19 वर्ष की थी, उनमें से आधे से अधिक में स्लीप एप्निया की समस्या गायब हो चुकी थी। रिसर्चर्स ने पाया कि जिन बच्चों की स्लीप एप्निया किशोरावस्था में बनी रही है, उनमें अन्य बच्चों की तुलना में हाय ब्लड प्रेशर होने की संभावना 2.9 गुना अधिक होती है। यदि स्लीप एप्निया उनकी किशोरावस्था में शुरू हुआ, तो हाय ब्लड प्रेशर होने की संभावना 1.7 गुना अधिक हो जाती है। स्लीप एप्निया के साथ बच्चों में बीपी का खतरा (Kids with sleep apnea High BP Risk) इंक्रीज हो जाता है।फर्नाडीज-मेंडोजा की मानें तो ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया (Obstructive sleep apnea) कुछ बच्चों में बढ़े हुए टॉन्सिल या एडेनोइड जैसी समस्याओं के कारण हो सकता है, लेकिन मोटापा एक महत्वपूर्ण फैक्टर है।
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स्लीप एप्निया के साथ बच्चों में बीपी का खतरा: इस कारण से हो सकती है हार्ट संबंधी समस्याएं
अगर बच्चों को प्रॉपर ट्रीटमेंट नहीं मिल पाता है, तो बड़े होने पर हार्ट संबंधी समस्याओं का सामना भी करना पड़ सकता है। नींद की समस्या, हाय ब्लड प्रेशर और मोटापा आगे चलकर हार्ट संबंधी समस्याओं को पैदा करते हैं। अगर सही समय पर ट्रीटमेंट कराया जाए, तो कई समस्याओं से बचा जा सकता है। हाय ब्लड प्रेशर एक नहीं बल्कि कई बीमारियों का कारण बनता है और शरीर को गंभीर नुकसान पहुंचाता है। बच्चे की नींद की गुणवत्ता खराब होने पर शरीर में कई क्रियाएं प्रभावित होती हैं। इस बीमारी को नजरअंदाज करना कई बीमारियों को न्यौता देना जैसा है। ऐसे में बच्चे को चिड़चिड़ेपन की समस्या का भी सामना करना पड़ता है।
कुछ समस्याओं में बच्चे के टॉन्सिल को हटाने की जरूरत पड़ती है लेकिन ट्रीटमेंट सावधानी पूर्वक अपनाया जाता है और वजन को भी कंट्रोल किया जा सकता है। पॉजिटिव एयरवे प्रेशर थेरिपी की भी मदद ली जा सकती है, जिससे एयरवे ओपन करने में मदद मिलती है।
बाल रोग विशेषज्ञों का मानना है कि अगर बच्चे का जन्म समय से पहले हुआ है या फिर बच्चे में मोटापे की समस्या है या बच्चा सोते समय खर्राटे लेता है, तो इन सब बातों को ध्यान में रखना चाहिए और डॉक्टर को जरूर बताना चाहिए। अगर बच्चा सही से सो नहीं पा रहा है या उसको सांस लेने में तकलीफ हो रही है, तो ऐसी समस्याओं को नजरअंदाज करने की भूल ना करें।
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स्लीप एप्निया के साथ बच्चों में बीपी का खतरा: इन बातों का जरूर रखें ध्यान!
जिन बच्चों का जन्म समय से पहले होता है, उनमें स्लीप एप्निया की बीमारी का खतरा अधिक बना रहता है। आपको डॉक्टर से समय से पहले जन्म लेने वाले बच्चे और स्लीप एप्नीया के संबंध में जानकारी जरूर लेनी चाहिए। डॉक्टर ऐसे बच्चों के न्यूट्रिशन का विशेष ध्यान रखने की सलाह देते हैं और साथ ही समय-समय पर बच्चे की जांच की सलाह भी दे सकते हैं। आपको डॉक्टर की सलाह पर ध्यान देना चाहिए। स्लीप एप्निया के साथ बच्चों में बीपी का खतरा (Kids with sleep apnea High BP Risk) होने पर किन बातों पर खास रखने की जरूरत होती है, आपको इसके बारे में जानकारी जरूर होनी चाहिए।
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इस आर्टिकल में हमने आपको स्लीप एप्निया के साथ बच्चों में बीपी का खतरा (Kids with sleep apnea High BP Risk) के बारे में जानकारी दी है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस संबंध में अधिक जानकारी चाहिए, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्स्पर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे।
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