परिचय
अफ्रीकी आम क्या है?
अफ्रीकी आम भारतीय आम जैसा ही फल है। इसका वानस्पतिक नाम Irvingia gabonensis है। इसके छाल, गुठली, पत्ते और जड़ों का प्रयोग दवाओं में किया जाता है। इसे बुश मैंगो और डिका नट भी कहते हैं। यह स्वाद में खट्टा मीठा होता है। वजन कम करने के लिए इसे बेहद उपयोगी माना जाता है। इसका इस्तेमाल फूड, कॉस्मेटिक और फार्मास्यूटिकल इंडस्ट्री में किया जाता है।
अफ्रीकी आम में फाइबर, एमिनो एसिड, एसेंशियल फैटी एसिड और मिनरल्स होते हैं। यह सभी खनिज तत्व शरीर को जरूरी पोषण प्रदान करते हैं। हालांकि इसके सेवन से पहले डॉक्टर से अवश्य सलाह लें। किसी भी दवा या हर्बल दवाइयों का सेवन अपनी मर्जी से न करें।
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उपयोग
अफ्रीकी आम का उपयोग किस लिए किया जाता है?
डायबिटीज: कुछ शोध बताते हैं कि इसका सेवन करने से ब्लड शुगर, कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लीसिराइड्स को कम करता है। इसके अलावा ये हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन को बढ़ाता है। इसलिए अगर आप डायबिटीज के पेशेंट हैं या आपके कोई करीबी हैं तो उन्हें इसके सेवन से लाभ मिल सकता है।
हाई कोलेस्ट्रॉल: एक स्टडी के अनुसार, अफ्रीकी आम के बीज का सेवन करने से बेड कोलेस्ट्रॉल कम होता है और गुड कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है। हाई कोलेस्ट्रॉल की वजह से हार्ट से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए गुड कोलेस्ट्रॉल हार्ट की बीमारियों समेत कई अन्य शारीरिक परेशानी से बचाता है।
वजन कम करने में मददगार: अफ्रीकी आम के बीज के एक्सट्रेक्ट वजन कम करने में मदद करते हैं। लो कैलोरी डायट के लिए ये एक अच्छा ऑप्शन है। हालांकि, इस पर शोध होने की जरूरत है। अगर आप वजन कम करने के लिए इसका सेवन करना चाहते हैं, तो डॉक्टर के सलाह अनुसार ही करें।
कब्ज से राहत: अफ्रीकी आम में अच्छी मात्रा में सॉल्युबल फाइबर होता है, जो कब्ज से निजात दिलाने में मदद करता है। अगर आपको कब्ज की समस्या है तो इसका सेवन आपके लिए लाभकारी होगा। हालांकि कब्ज की परेशानी अगर इन उपायों या घरेलू उपचार से ठीक नहीं हो रहा है तो बिना देरी किये डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए क्योंकि कब्ज की परेशानी की वजह से बवासीर (पाइल्स) का खतरा भी बढ़ जाता है।
एंटी-ऑक्सिडेंट्स से भरपूर: इनमें एंटी-ऑक्सिडेंट्स भरपूर मात्रा में होते हैं, जो कई बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करते हैं। एक शोध के अनुसार, इसकी पत्तियां लिवर के लिए बेहद फायदेमंद होती हैं। इसलिए अगर आपको लिवर से जुड़ी कोई बीमारी या परेशानी है तो आप इसका सेवन डॉक्टर से सलाह अनुसार कर सकते हैं।
एंटीबायोटिक और एंटी-पैरासिटिक गुण: इसकी पत्तियां, तने और जड़ बैक्टीरिया और फंगस के इलाज में काम आती हैं। इसमें एंटी-पैरासिटिक गुण होते हैं, जो शरीर में मौजूद कीड़ों को नष्ट करने में मदद करते हैं।
कैसे काम करता है अफ्रीकी आम?
100 ग्राम अफ्रीकी आम में 78 ग्राम पानी, 1.1 ग्राम प्रोटीन, 1.1 ग्राम फैट, 17.8 ग्राम कार्बोहाइड्रेट, 0.4 ग्राम फाइबर, 56 मिलीग्राम विटामिन-सी, 262 मिलीग्राम कैल्शियम होता है। इसमें एंटी-ऑक्सिडेंट्स होते हैं, जो शरीर में पोषक तत्वों की कमी को पूरा करने में मददगार है। इसके अलावा इसमें एंटीबायोटिक और एंटी-पैरासिटिक प्रोपर्टीज होती हैं, जो कई तरह से हमारे स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होती है।
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साइड इफेक्ट्स
अफ्रीकी आम के सेवन से मुझे क्या साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं?
अफ़्रीकी आम को खाने से ज्यादातर मामलों में नुकसान नहीं पहुंचता है। लेकिन इसके गलत या अधिक इस्तेमाल के कारण कुछ दुष्प्रभाव सामने आ सकते हैं।
इसके सेवन से निम्नलिखित साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। जैसे-
हालांकि, हर किसी को ये साइड इफेक्ट हो ऐसा जरूरी नहीं है। कुछ ऐसे भी साइड इफेक्ट हो सकते हैं, जो ऊपर बताए नहीं गए हैं। अगर आपको इनमें से कोई भी साइड इफेक्ट महसूस हों या आप इनके बारे में और जानना चाहते हैं, तो नजदीकी डॉक्टर से संपर्क करें।
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सावधानियां और चेतावनियां
कितना सुरक्षित है अफ्रीकी आम?
कुछ रिपोर्ट बताती हैं कि अफ्रीकी आम का सेवन आमतौर पर व्यस्कों के लिए सेफ है। इसके बीज को अगर चार हफ्ते तक लेते हैं, तो ये सुरक्षित है। इसके बीज के एक्सट्रेक्ट को 10 हफ्तों तक लिया जा सकता है।
यहां दी हुई जानकारियों का इस्तेमाल डॉक्टरी सलाह के विकल्प के रूप में न करें। डॉक्टर या हर्बलिस्ट की राय के बिना इस दवा का इस्तेमाल नहीं करें।
अपने डॉक्टर या फार्मासिस्ट या हर्बलिस्ट से सलाह लें, यदि:
- आप प्रेग्नेंट हैं या ब्रेस्ट फीडिंग करा रही हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि इस दौरान गर्भवती मां की इम्यूनिटी काफी कमजोर होती है, ऐसे में किसी भी तरह की दवाई लेने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर सलाह लेनी चाहिए।
- आप पहले से ही दूसरी दवाइयां ले रहे हैं या बिना डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन वाली दवाइयां ले रहे हैं।
- आपको दूसरी दवाओं या फिर हर्ब्स से एलर्जी है।
- आपको कोई दूसरी तरह की बीमारी, डिसऑर्डर या मेडिकल कंडिशन है।
- आपको किसी तरह की एलर्जी है, जैसे किसी खास तरह के खाने से, डाय से, प्रिजर्वेटिव या फिर जानवर से।
- डायबिटीज के मरीज इसका सेवन ध्यानपूर्वक करें। ये लोग समय-समय पर अपनी शुगर चैक करते रहें।
- अगर आपकी कोई सर्जरी होने वाली है, तो इसका सेवन दो हफ्ते पहले और दो हफ्ते बाद तक एवॉइड करें।
हर्बल सप्लिमेंट के उपयोग से जुड़े नियम, दवाओं के नियमों जितने सख्त नहीं होते हैं। इनकी उपयोगिता और सुरक्षा से जुड़े नियमों के लिए अभी और शोध की जरूरत है। इस हर्बल सप्लिमेंट के इस्तेमाल से पहले इसके फायदे और नुकसान की तुलना करना जरूरी है। इस बारे में और अधिक जानकारी के लिए किसी हर्बल विशेषज्ञ या आयुर्वेदिक डॉक्टर से संपर्क करें।
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डोसेज
अफ्रीकी आम को लेने की सही मात्रा क्या है?
इस हर्बल सप्लिमेंट की खुराक हर मरीज के लिए अलग हो सकती है। आपके द्वारा ली जाने वाली खुराक आपकी उम्र, स्वास्थ्य और अन्य कई चीजों पर निर्भर करती है। हर्बल सप्लिमेंट हमेशा सुरक्षित नहीं होते हैं। इसलिए सही खुराक की जानकारी के लिए हर्बलिस्ट या डॉक्टर से चर्चा करें।
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उपलब्ध
किन रूपों में उपलब्ध है?
यह निम्नलिखित रूपों में उपलब्ध है। जैसे-
- लिक्विड एक्सट्रेक्ट
- पाउडर
- कैप्सूल
- रॉ फ्रूट
अगर आप अफ्रीकी आम से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा। हैलो हेल्थ ग्रुप किसी भी तरह की मेडिकल एडवाइस, इलाज और जांच की सलाह नहीं देता है।
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