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Valley fever (coccidioidomycosis) : वैली फीवर क्या है?

Valley fever (coccidioidomycosis) : वैली फीवर क्या है?

परिचय

वैली फीवर क्या है?

वैली फीवर फंगल इंफेक्शन है जो कोकिडायोइड्स जीवों के कारण होती है। कोकिडायोइड्स कवक की दो प्रजातियां वैली फीवर का कारण बनती है। यह फंगल आमतौर पर मिट्टी में पाया जाता है। कुछ मामलों में यह वायरस छोटे बच्चों के लिए गंभीर हो सकता है और उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ सकता है। वेले फीवर का इलाज समय रहते जरूरी है। इसके कुछ लक्षण हैं, जिसे वक्त रहते ध्यान दिया जाए तो स्थिति से निपटा जा सकता है। डॉक्टरों के अनुसार, यह फंगस सांस लेने के दौरान शरीर में प्रवेश करता है और बुखार का कारण बनता है। मेडिकल की भाषा में इस तीव्र कोकिडायोमाइकोसिस भी कहा जाता है।

कितना सामान्य है वैली फीवर होना?

वैली फीवर के सबसे ज्यादा मामले 2017 में एरिजोना और कैलिफोर्निया में सामने आए थे। यह फीवर एक रेयर डिसॉर्डर है। यह महिला और पुरुष दोनों में सामान प्रभाव डालता है। यह फीवर आमतौर पर 60 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लोगों पर ज्यादा पाया जाता है। इस फीवर से संबंधित किसी भी तरह का कोई सवाल अगर आपके मन में है तो अपने डॉक्टर या स्पेशलिस्ट से संपर्क करें। 

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लक्षण

वैली फीवर के क्या लक्षण हैं?

वैली फीवर, कोकिडायोमाइकोसिस संक्रमण का प्रारंभिक रूप है। इस बीमारी में शुरुआती तौर पर सामान्य बुखार हो सकता है। जैसे-जैसे वायरस आपके शरीर में प्रवेश करता है, वैसे-वैसे बुखार ज्यादा हो जाता है। वैली फीवर के सामान्य लक्षणों में शामिल हैः

वैली फीवर के साथ होने वाले बुखार में मरीज को अक्सर लाल रंग के चकत्ते हो जाते हैं। यह चकत्ते पैरों के निचले हिस्सों पर दिखाई देते हैं। हालांकि कुछ मामलों में यह चकत्ते चेहरे, हाथ, पैर और होंठो में हो सकते हैं।  

वैली फीवर के अन्य लक्षणों में शामिल हैःकोकिडायोइड्स

  • वजन घटना
  • खांसी
  • रक्त-थूकयुक्त बलगम 
  • फेफड़ों में नोड्यूल्स

मुझे डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?

ऊपर बताएं गए लक्षणों में किसी भी लक्षण के सामने आने के बाद आप डॉक्टर से मिलें। इस बात का ध्यान रखें कि वैली फीवर हर किसी व्यक्ति पर अलग-अलग प्रभाव डालता है। इसलिए जरूरी है कि इनमें से कोई भी प्रभाव दिखने पर तुरंत अपने डॉक्टर से बातचीत करें। वैली फीवर को लेकर आपके मन में किसी भी तरह का कोई सवाल है तो इस बारे में अपने डॉक्टर से सलाह लें।

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कारण

वैली फीवर होने के कारण क्या है?

वैली फीवर होने का आम कारण कोकिडायोइड्स बीजाणु युक्त हवा में सांस लेना है। इस वायरस के अत्यंत दुर्लभ मामलों में अन्य कारणों से भी संक्रमण हो सकता है, जिनमें निम्मलिखित चीजें शामिल हैः

  • ऑर्गन ट्रांसप्लांट
  • किसी वैली फीवर संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से.

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जोखिम

वैली फीवर के साथ मुझे क्या समस्याएं हो सकती हैं?

जैसा कि वैली फीवर एक प्रकार की आनुवंशिक बीमारी है। इस वायरस से बुखार, सिर में दर्द, डिप्रेशन, स्किन पर लाल चकते होना जैसी समस्याएं हो सकती हैं।  इस बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर या नजदीकी अस्पताल में संपर्क करें।

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उपचार

वैली फीवर के लिए क्या उपचार है?

वैली फीवर का केवल संकेतों और लक्षणों के आधार पर निदान करना मुश्किल है, क्योंकि वे आमतौर पर अस्पष्ट हैं और अन्य बीमारियों में होने वाले लक्षणों के साथ ओवरलैप करते हैं। अधिक गंभीर मामलों में गहन अस्पताल देखभाल की आवश्यकता होती है। कुछ मामलों में डॉक्टरों द्वारा खास तरह की दवाईयां और ट्रीटमेंट दिया जाता है, ताकि वायरस किसी दूसरे व्यक्ति के शरीर में प्रवेश न करें। 

थूक का टेस्टः वैली फीवर के अधिक गंभीर मामलों में डॉक्टरों द्वारा थूक का टेस्ट करवाया जाता है। 

ब्लड टेस्टः कुछ मामलों में डॉक्टरों द्वारा एक खास तरह का ब्लड टेस्ट कराने की सलाह दी जाती है। अगर ब्लड टेस्ट पॉजिटिव आता है, तो कई सप्ताह तक वैकसीन लेने की सलाह दी जाती है। इसके साथ ही कुछ दवाओं का सेवन भी करने के लिए कहा जाता है। 

लेख में वैली फीवर के बारे में जो जानकारी दी गई है उसे किसी भी तरह के मेडिकल सलाह के तौर पर ना लें। इस वायरस से संबंधित अगर कोई भी सवाल और ज्यादा जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें। 

वैली फीवर का निदान कैसे किया जाता है? 

किसी इंसान को वैली फीवर है या नहीं  इसका पता लगाने के लिए मरीज को डॉक्टर के पास ले जाएं और सभी टेस्ट को विस्तार पूर्वक करवाएं। 

  • बिना किसी काम के घर से ज्यादा लंबे समय के लिए बाहर जानें से बचें। 
  • अगर, आप वायरस से पीड़ित हैं तो खुले आसमान में निकलते वक्त लंबी बाजू वाली शर्ट, पैंट पहनें। बाहर निकलते वक्त ध्यान रहें कि आपके शरीर के किसी हिस्से पर मच्छर न काटे।
  • मच्छरों से बचने के लिए दवाओं का इस्तेमाल करें।
  • मच्छरों के अलावा किटाणुओं से बचने की कोशिश करें। ऐसा इसलिए है, ताकि किसी अन्य तरह का वायरस आपके शरीर में प्रवेश न कर सके। 

वैली फीवर का इलाज कैसे होता है?

वैली फीवर का कोई सटीक इलाज नहीं है। कई दशकों से वैज्ञानिकों द्वारा इस बीमारी के इलाज में किस तरह की दवा का इस्तेमाल किए जाए, इस पर शोध किया जा रहा है। हालांकि कुछ थेरिपी और दवाओं से संक्रमित व्यक्ति या मरीज में इस संक्रमण के असर को कम किया जाता है। 

अधिक गंभीर मामलों में गहन अस्पताल देखभाल की आवश्यकता होती है। कुछ मामलों में डॉक्टरों द्वारा खास तरह की दवाईयां और ट्रीटमेंट दिया जाता है।

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घरेलू उपचार

जीवनशैली में होने वाले बदलाव क्या हैं, जो मुझे वैली फीवर को ठीक करने में मदद कर सकते हैं?

कुछ मामलों में समय अनुसार दवा का सेवन करने के बाद भी वायरस के लक्षण कम नहीं हो सकते है। इससे राहत पाने के लिए आपको रोजाना के लाइफस्टाइल में थोड़ा सा बदलाव करने की आवश्यकता है। 

  • इस वायरस से ग्रसित मरीजों को अपने कमरे को हल्का सा गर्म करने की आवश्यकता होती है। बैक्टीरिया और मोल्ड्स ज्यादा एक्टिव न हो इसके लिए ह्यूमिडिफायर को साफ रखें। 
  • वायरस के लक्षणों को कम करने के लिए बॉडी में पानी के स्तर को हमेशा बनाएं रखें। सूप जैसे गर्म तरल पदार्थ का ज्यादा सेवन करें, इससे गाढ़े स्राव को कम करने में मदद मिलेगी।

हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की कोई भी मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है, अधिक जानकारी के लिए आप डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।

डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

Valley Fevr:  https://www.mayoclinic.org/diseases-conditions/valley-fever/diagnosis-treatment/drc-20378765 Accessed 31 December 2019

Valley Fevr: https://www.cdc.gov/fungal/diseases/coccidioidomycosis/index.html Accessed 31 December 2019

Valley Fevr: https://www.webmd.com/a-to-z-guides/valley-fever#1 Accessed 31 December 2019

Valley Fevr: https://medlineplus.gov/valleyfever.html Accessed 31 December 2019

Current Version

09/03/2020

Anoop Singh द्वारा लिखित

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील

Updated by: Niharika Jaiswal


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डॉ. प्रणाली पाटील

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Anoop Singh द्वारा लिखित · अपडेटेड 09/03/2020

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