यदि आपने लॉकडाउन शुरू होने से ठीक पहले एक कुत्ते का बच्चा यानी पिल्ला लिया है तो आप भाग्यशाली हैं। क्योंकि, डॉग ट्रेनिंग काफी समय लेने वाला काम है और शुरुआती महीने उसे सही व्यवहार सीखाने में काफी महत्वपूर्ण होते हैं और आप लॉकडाउन में डॉग ट्रेनिंग आसानी से कर सकते हैं। छोटा कुत्ता शुरुआत में अपने दांतों से कई चीजों को काटता है, इसलिए आप घर में अलग-अलग मैटेरियल से बने कुल 4-5 खिलौने रख सकते हैं। इसके अलावा, आप कुछ-कुछ दिनों में वह खिलौने बदल सकते हैं, जिससे वह उनसे बोर न हो। इसी तरह आइए, जानते हैं कि, कुत्ते की ट्रेनिंग के लिए हम और किन-किन बातों का ध्यान रख सकते हैं।
लॉकडाउन में डॉग ट्रेनिंग – कुत्ते से फर्नीचर काटना कैसे छुड़वाएं
कुत्ते की ट्रेनिंग करते हुए जब आप पपी को चीजें काटता हुआ देखें, तो उसे डांटें और उसका ध्यान उसके खिलौनों की तरफ दिलाएं और जब वह खिलौने काटे तो उसे पुचकारें। इस सकारात्मक बदलाव को पहचानकर वह अपने खिलौने काटना सीखेगा और आपका फर्नीचर या अन्य चीजें सुरक्षित रहेंगी। यदि आप खिलौने खरीदने में असमर्थ हैं, तो घर में ही पड़ी प्लास्टिक बोतल या बॉक्स जैसी कुछ चीजों का उपयोग करें। लेकिन, ध्यान रखें कि उसके रिंग या कैप जैसी चीजों को हटा लें। पुरानी टीशर्ट से भी आप कुछ बॉल जैसा बनाकर उसे खेलने के लिए दे सकते हैं।
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लॉकडाउन में डॉग ट्रेनिंग के लिए आराम से निकलेगा समय
पपी को बेसिक ट्रेनिंग देने में कुछ महीने लग सकते हैं। इसके लिए आप लॉकडाउन में मिल रहे फ्री टाइम में दिन में 2 से 3 बार पपी को सेशन दें। आप शुरुआत में बेसिक ट्रेनिंग जैसे- उसे बुलाना, बैठाना, रुकना या चलना की कमांड समझना सीखा सकते हैं। अपने कुत्ते की ट्रेनिंग के लिए आप ऑनलाइन क्लास भी ले सकते हैं या फिर नेट पर वीडियोज भी देख सकते हैं। लेकिन, ध्यान रखें कि ट्रेनिंग देने के लिए प्यार और सकारात्मकता का प्रयोग करें और आप डांटना, पीटना, मारना आदि जैसे बुरे व्यवहार न करें। क्योंकि, इससे आपका और आपके कुत्ते के बीच का रिश्ता बिगड़ सकता है।
कुत्ते और खुद के बीच कैसे बनाएं एक मजबूत रिश्ता
लॉकडाउन के दौरान आप कुत्ते और अपने बीच रिश्ता मजबूत बना सकते हैं। रिश्ता बनाने का मतलब यह नहीं है कि, आप उसके साथ कितनी देर बिता रहे हैं। बल्कि, मात्रा से ज्यादा गुणवत्ता पर ध्यान दें। आप जितनी भी देर अपने कुत्ते के साथ रहें, उसे पूरा ध्यान दें। उसे घूमाते हुए अपने फोन या किसी और चीज पर ध्यान न दें, बल्कि अपने कान और आंख अपने कुत्ते पर रखें, कुत्ते की ट्रेनिंग के दौरान इससे काफी प्रभाव पड़ता है। उसके साथ फैच एंड टग जैसे गेम खेलें और उसे आपके साथ खेलने के लिए दांतों के बजाय खिलौने का प्रयोग करना सीखाएं।
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कुत्ते की ट्रेनिंग में लॉकडाउन का बुरा असर
इस लॉकडाउन का एक बुरा असर यह है कि, आप कुत्ते को सोशलाइज होना नहीं सीखा सकते। सोशलाइजेशन का मतलब है कि, लोगों के साथ अपने कुत्ते को व्यवहार करने का तरीका सीखाना। चूंकि, कुछ समय के लिए पार्टी और बाहर जाना बंद है, इसलिए आपको उसे बाहरी लोगों के साथ सहज बनाने के लिए लॉकडाउन के खुलने का इंतजार करना होगा। सोशलाइजेशन का मतलब यह भी है कि, आप अपने कुत्ते को विभिन्न आवाज और अनुभवों की आदत डालते हैं। आप घर में ही विभिन्न तरह की आवाज चला सकते हैं, जैसे- तेज ट्रैफिक की आवाज, एंबुलेंस साइरन, ट्रक और बस की आवाज, कंस्ट्रक्शन साइट की आवाज आदि। घर में हेयर ड्रायर और वैक्यूम क्लीनर को चालू करके अपने कुत्ते की प्रतिक्रिया देखें। शुरुआत में हो सकता है वह डर जाए, लेकिन धीरे-धीरे वह इस वातावरण का आदि हो जाएगा।
शुरुआती 6 महीने जरूरी
शुरुआती 6 महीने पपी की जिंदगी का काफी अहम समय होता है, अगर इस दौरान उसे इन अनुभवों से वाकिफ नहीं करवाया गया, तो आगे चलकर वह इन आवाजों से डर सकता है। उदाहरण के लिए, अगर आपके पपी ने कभी स्कार्फ पहने हुई महिला नहीं देखी, तो वह ऐसी महिला दिखने पर काफी असहज हो सकता है। इसलिए, थोड़ा क्रिएटिव रहें और विभिन्न कपड़े या अन्य सामान पहनें।
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इसके अलावा, शुरुआती कुछ महीने पपी की जिंदगी में सोशल होने में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इस दौरान आप उसे एक अच्छे व्यवहार वाले बड़े कुत्ते के साथ समय बिताने का मौका दें। हालांकि, यह लॉकडाउन में संभव नहीं है, अगर आपके यहां पहले से कोई कुत्ता नहीं है। इसलिए, जल्दबाजी न करें और लॉकडाउन के खुलने का इंतजार करें।
कुत्ते की ट्रेनिंग में उसकी पसंद को पहचानें
चूंकि, लॉकडाउन में आपके पास काफी समय है, इसलिए एक्सपेरिमेंट से जानें कि आपके पपी को खाने में क्या पसंद और क्या नापसंद आ रहा है। इसके लिए आप उसे विभिन्न आहार दे सकते हैं। हालांकि, आहार देते हुए कुत्ते के शारीरिक स्वास्थ्य का भी ध्यान रखें, जिसके लिए आप जानवर विशेषज्ञ की मदद ले सकते हैं। उसे कुछ भी देते हुए एक बार में एक नयी चीज दें और वह भी बहुत थोड़ी मात्रा में। क्योंकि, उसका पाचन तंत्र अभी नया है और धीरे-धीरे कार्य करता है। उसे अपने हाथों या चम्मच से खाना खिलाने की आदत न डालें, इससे वह आत्मनिर्भर नहीं हो पाएगा।
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अपने स्पर्श की डलवाएं आदत
अपने डॉगी को कम उम्र से ही उसके शरीर पर आपके स्पर्श की आदत पड़ने दें। वरना बाद में आपको उसे हैंडल और ग्रूम करने में काफी मुश्किल हो सकती है। इसके लिए उसे शरीर पर सिर से लेकर पूंछ तक हल्के हाथों से थपकी करना शुरू करें। उसके पेट पर भी हाथ फेरें, इससे वह आगे चलकर वेटेनरी डॉक्टर को भी खुद को छूने देगा। अपने कुत्ते की रोजाना ब्रशिंग करें, इससे आपका रिश्ता मजबूत होगा। इसके अलावा, डेली ब्रश करने से उसका ब्लड सर्कुलेशन भी सही रहेगा।
मतलब यही है कि, आपको अपने पपी के साथ एक रुटीन फॉलो करना चाहिए। उसके घूमने और खाने का समय आपके घर आने के समय के बाद का ही फिक्स करें, ताकि उसे लॉकडाउन के बाद समन्वय बैठाने में दिक्कत न हो। इसके अलावा, उसे थोड़ी-थोड़ी देर अकेला रहने की भी आदत डालें, जिससे वह लॉकडाउन के बाद एकदम पैनिक न करें और उसे अकेला रहने की आदत पहले से ही हो।
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हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है। अगर आपको किसी भी तरह की समस्या हो तो आप अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लें।
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