परिचय
क्रैबस क्या है ?
शरीर के बालों में पायी जाने वाली जुओं को क्रैब जुएं या क्रैबस कहा जाता है। यह वो परजीवी कीड़े हैं जो खून पी कर जीवित रहते हैं। यह बहुत जल्दी बढ़ते व, फैलते हैं और मनुष्य के गुप्तांगों को प्रभावित करते हैं। जिनके कारण खुजली, संक्रमण और लाल दाने जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इनसे होने वाले संक्रमण को भी क्रैबस कहा जाता है।
गुप्तांगों के अलावा क्रैब जुएं शरीर के हिस्सों पर भी असर ड़ाल सकते हैं जैसे पलकें, भौं, दाढ़ी, मूछ, पीठ और पेट के बालों में। यह कीड़े नंगी आंखों से देखे जा सकते हैं। क्रैब जुएं समान्यतया दो मिलीमीटर लम्बे होते हैं और देखने में ग्रे-भूरे रंग के होते हैं। क्रैबस एक व्यक्ति से दूसरे में आसानी से फैल सकता हैं जैसे शारीरिक संबंधों से, दूसरे व्यक्ति को चूमने या गले लगाने से। इसके साथ ही दूसरे व्यक्ति के कपड़े, तौलिया, बिस्तर आदि शेयर करने से भी यह कीड़े एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक पहुंच सकते हैं।
बच्चों को भी इन कीड़ों से नुकसान हो सकता है। शारीरिक संबंधों के दौरान इन कीड़ों का दूसरे व्यक्ति तक पहुंचने की संभावना अधिक रहती है। इसके उपचार के लिए कुछ क्रीमों या लोशन को लगाने की सलाह दी जाती है ताकि इन परजीवियों और उनके अंडों को मारा जा सके।
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लक्षण
क्रैबस के लक्षण क्या है ?
- क्रैबस को प्यूबिक लाइस के नाम से भी जाना जाता है। अगर आपको जुओं या क्रैबस की समस्या है, तो आप गुप्तागों में खुजली की समस्या को महसूस कर सकते हैं।
- इस इंफेक्शन के मुख्य लक्षण प्रभावित स्थान पर खुजली और जलन होना ही है।
- जिन लोगों को क्रैबस की समस्या है, उन्हें रात के समय खुजली अधिक होती है।
- अधिक देर या लम्बे समय तक खुजली करने से त्वचा में घाव हो सकता है जिससे बैक्टीरियल इंफेक्शन होने की संभावना बढ़ सकती है।
- क्रैबस इंफेक्शन शरीर के उन अंगों तक आसानी से फैल सकता है जहां बाल हैं: जैसे टांगे, छाती, बगल, दाढ़ी और मूछ आदि।
निम्नलिखित स्थितियों में आपको तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए अगर आप:
- गर्भवती हों।
- अगर आपको त्वचा संबंधी कोई समस्या हो।
- अपनी इच्छा से किसी भी लोशन या क्रीम का प्रयोग करने से बचे।
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कारण
क्रेब्स का कारण क्या है?
- जुओं के कारण होने वाले इंफेक्शन का मुख्य स्रोत है किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आना। जुएं न तो जंप कर सकती हैं या ही उड़ सकती हैं। हालांकि, इनके फैलने की संभावना शारीरिक संबंध बनाते समय अधिक रहती है लेकिन यह सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज (STD) नहीं है।
- संक्रमित व्यक्ति की चीज़ों को शेयर करने से भी क्रैबस इंफेक्शन होने का जोखिम बढ़ता है: जैसे तौलिया, बेडशीट, कपडे, बिस्तर आदि।
- कुत्ते, बिल्ली या अन्य पालतू जानवर जुओं को फैलाने के जिम्मेदार नहीं होते। यही नहीं, पालतू जानवर मनुष्यों में पायी जाने वाली जुओं के संक्रमण का कारण भी नहीं बनते और यह संक्रमण या जीवों को एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक फैलाने का कारण भी नहीं होते। यह जीव केवल रेंगते हुए ही एक व्यक्ति के शरीर से दूसरे के शरीर तक पहुंच सकते हैं।
- एक दूसरे को चूमना या गले लगाने से भी यह जुएं एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति के शरीर तक पहुंच सकती हैं।
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जोखिम
क्रैबस के जोखिम क्या है ?
क्रैबस की समस्या होने या जुओं के फैलने का जोखिम इन स्थितियों में बढ़ सकता है:
- अगर आप सेक्सुअली एक्टिव हों, विशेष कर किशोर।
- अगर आपके एक या एक से ज्यादा पार्टनर हों।
- ऐसे व्यक्ति से शारीरिक संबंध बनाना जो संक्रमित हो।
- अन्य व्यक्तियों के साथ चीज़ों को शेयर करना
क्रैबस से होने वाली समस्या इन स्थितियों में और भी अधिक बढ़ सकती हैं अगर:
- अगर आपकी त्वचा का रंग नीला हो जाए तो यह जटिलता की निशानी हो सकती है।
- जुओं के काटने से त्वचा पर घाव हो सकता है, जिससे संक्रमित होने की संभावना अधिक रहती है।
- बच्चों को यह समस्या पलकों के ऊपर होने की संभावना अधिक रहती है जिससे उन्हें कंजंक्टिवाइटिस हो सकता है।
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उपचार
क्रेब्स का उपचार क्या है?
क्रैबस के निदान के लिए डॉक्टर आपके शरीर में जुओं और इन से होने वाले संक्रमण के बारे में जानेंगे। इसके लिए वो आपके शरीर की जांच कर सकते हैं। जुओं की आपके शरीर में उपस्थिति इंफेक्शन का पहला संकेत है।
इस संक्रमण का उपचार इन तरीको से किया जा सकता है:
-
जुओं और उनके अंडों को शरीर से निकालना
- जुओं और उनके अंडों को शरीर से निकालने के लिए डॉक्टर आपको एंटी-लाइस शैंपू या लोशन दे सकते हैं। इन उत्पादों के उपयोग से पहले इनके लेवल पर दी सलाहों का पूरी तरह से पालन करें।
- शैंपू जुओं को मार सकता है लेकिन इसके अंडे व लीखें बालों में ही रह जाते हैं। इसलिए उपचार के बाद इन लीखों को अपने नाखूनों आदि से बाहर निकाल दें।
अगर डॉक्टर द्वारा दिए लोशन या शैम्पू प्रभावी न हों, तो वो आपको निम्नलिखित उपचार की सलाह भी दे सकते हैं:
- मैलाथियान (Ovide) : इस लोशन को प्रभावित स्थान पर लगाना है और आठ से बारह घंटे इसे लगा के रखने के बाद उसे धो लेना है।
- इवेर्मेक्टिन (स्ट्रोमेक्टोल) : इस दवाई के एक डोज में दो टेबलेट लेने की सलाह दी जाती है। अगर शुरुआत में उपचार सफल न हो तो दस दिन बाद इसकी दूसरी डोज दी जाती है।
- लिंडेन (Lindane): इस दवाई की विषाक्तता के कारण इस दवाई की सलाह केवल तभी दी जाती है जब अन्य उपचार सफल नहीं होते। इसे प्रभावित स्थान पर लगाया जाता है और चार मिनटों के बाद ही धो दिया जाता है। इस दवाई की सलाह गर्भवती महिलाओं या स्तनपान कराने वाली महिलाओं को नहीं दी जाती। इसके साथ ही शिशुओं, छोटे बच्चों, बुजुर्गों या उन लोगों को यह दवाई नहीं दी जाती जिनका वजन 50 किलोग्राम से कम हो।
2. क्रैबस फैलने से रोकें
- अपने परिवार के अन्य लोगों में भी जांचें कि कहीं उन्हें भी जुएं या संक्रमण तो नहीं है। अगर आपको यह समस्या है तो जो लोग आपके साथ बेड या अन्य सामान शेयर करते हैं, उन्हें भी यह परेशानी हो सकती है।
- उपचार से दो दिन पहले अपने सभी कपड़ों, बिस्तर या तौलिये आदि को धोएं। धोने के लिए गर्म पानी का प्रयोग करें।
- जिन चीज़ों को धोया नहीं जा सकता। उन्हें ड्राई-क्लीन कराएं और प्लास्टिक बैग में स्टोर करें।
3. फॉलो-अप
- डॉक्टर द्वारा किये गए उपचार को हर दो या दस दिन के बाद फिर से दोहराएं और डॉक्टर से फॉलो-अप लेना न भूलें।
- ऐसे व्यक्ति से यौन संपर्क करने से बचे, जिन्होंने अपना इलाज कराया हो।
4. डॉक्टर से मिलें
निम्नलिखित स्थितियों में तुरंत डॉक्टर से मिले:
- यौन संचारित रोगों की जांच के लिए ।
- अगर यह उपचार प्रभावी न हो ।
- अगर आपने प्रभावित स्थान पर खुजली कर के संक्रमित कर दिया हो।
- अगर भौं और पलकों में जुओं या लीखों को निकालने के लिए उंगली या कंघी काफी न हो। डॉक्टर इसके लिए आपको ग्रेड पेट्रोलियम जेली लगाने की सलाह दे सकते हैं।
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घरेलू उपचार
क्रेब्स का घरेलू उपचार क्या है?
जुओं और क्रैबस से बचने के लिए सब्र की आवश्यकता होती है। इसके साथ ही साफ़-सफाई का भी खास ख्याल रखना पड़ता है। कुछ सावधानियों और घरेलू उपाय अपना कर आप इस समस्या से राहत पा सकते हैं।
- ऐसे शैंपू या लोशन का प्रयोग करें जो खासतौर पर जुओं और लीखों को मारने के लिए बनाये गए हों।
- अपने बिस्तर, कपड़ों, तौलिये आदि को गर्म पानी से धोएं और धूप में सुखाएं ।
- अगर आपको यह समस्या है तो दूसरे लोगों को इससे बचाएं। अन्य लोगों के साथ अपनी चीज़ों को शेयर न करें।
- शारीरिक संबंध बनाने से बचे। इससे दूसरे लोगों को यह समस्या होने का जोखिम बढ़ सकता है।
- जुओं और इससे होने वाले संक्रमण से बचने के लिए नियमित रूप से डॉक्टर से चेकअप कराना न भूलें।