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पिंपल ने अब पीठ का भी कर दिया है बुरा हाल? तो करना होगा ये उपाय

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Bhawana Awasthi द्वारा लिखित · अपडेटेड 09/11/2021

    पिंपल ने अब पीठ का भी कर दिया है बुरा हाल? तो करना होगा ये उपाय

    हो सकता है कि आज तक आपने केवल फेस के पिंपल के बारे में ही सुना हो, लेकिन पीठ में भी पिंपल हो सकते हैं। शरीर के जिन भागों में ऑयल ग्लैंड्स होती हैं, वहां पिंपल होने की संभावना रहती है। पिंपल शरीर के किसी भी भाग में हों, दर्द के साथ ही सूजन की समस्या भी होती है। ओवरएक्टिव ऑयल ग्लैंड्स जिन भी व्यक्तियों में होती है, उन्हें पीठ में पिंपल की समस्या का सामना कर पड़ सकता है। साथ ही डेड स्किन सेल्स के कारण भी पीठ में पिंपल की समस्या हो सकती है। कई बार डैंड्रफ की समस्या के कारण भी पीठ में पिंपल हो सकते हैं। अगर आपको भी पीठ में पिंपल या बैक एक्ने की समस्या है तो इस आर्टिकल के माध्यम से जानें इनसे बचाव के कुछ उपाय।

    पीठ में पिंपल कई कारणों से हो सकते हैं। पिंपल का ट्रीटमेंट लेने से पहले ये जानना बहुत जरूरी होता है कि पिंपल किस कारण से हो रहे हैं। कारण पता लगने के बाद उपाय करने में आसानी होती है। पीठ के पिंपल निम्न कारणों से हो सकते हैं,

    • जिन व्यक्तियों की ऑयल ग्लैंड्स ओवरएक्टिव हों
    • डेड स्किन सेल्स
    • एक्ने कॉजिंग बैक्टीरिया (प्रोपिनियोबैक्टीरियम)
    • डैंड्रफ के कारण
    • हार्मोनल इम्बैलेंस के कारण
    • प्रीवियस हार्मोनल ट्रीटमेंट के कारण
    • शेविंग और वैक्सीन के कारण
    • इनग्रोन हेयर
    • फ्रिक्शन या हीट के कारण

    पीठ के पिंपल के प्रकार क्या हैं ?

    सभी व्यक्तियों की स्किन अलग तरह की होती है। पिंपल को दो तरह से बांटा जा सकता है। पहला नॉन-इंफ्लामेट्री और दूसरा इंफ्लामेट्री।

    नॉन-इंफ्लामेट्री

    नॉन-इफ्लामेट्री पिंपल में ब्लैकहेड्स और वाइटहैड्स आते हैं। ब्लैकहेड्स तब होते हैं जब स्किन पोर्स डेड स्किन के कारण बंद हो जाती है। वहीं वाइटहेड्स क्लोज कॉमेडोन के कारण होते हैं जो कि डेड सेल्स की वजह से होते हैं।

    पैप्युलस (Papules)

    स्किन पोर्स में सूजन के कारण पिंपल की समस्या होने लगती है।

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    पस्ट्यूल्स ( Pustules)

    स्किन पोर्स में सूजन और पस भर जाने के कारण पिंपल की समस्या होने लगती है।

    नोड्यूल्स (Nodules)

    इरिटेटेड और बंद पोर्स के कारण मुहांसे पैदा होना।

    सिस्ट (Cysts)

    त्वचा के अंदर मुहांसे पैदा होना। ऐसे पिंपल के कारण रेड बम्प्स दिखाई देते हैं, जो देखने में बड़े और दर्दनाक होते हैं।

    पीठ के पिंपल दूर करने के घरेलू उपाय

     बैक एक्ने से राहत के लिए करें टी ट्री ऑयल का यूज

    बैक एक्ने

    स्टडी में ये बात सामने आई है कि टी ट्री ऑयल में एक्ने बैक्टीरिया को खत्म करने की क्षमता होती है। कुछ बॉडी वॉश प्रोडक्ट में टी ट्री ऑयल होता है। पीठ के पिंपल को खत्म करने के लिए ऐसे प्रोडक्ट का यूज किया जा सकता है जिसमें टी ट्री ऑयल हो। टी ट्री ऑयल में एंटीइंफ्लामेट्री प्रॉपर्टी होती है और साथ ही एंटीमाइक्रोबियल प्रॉपर्टी भी होती है। सात ड्रॉप ऑयल में एक चम्मच कोकोनट ऑयल को मिलाएं। अब इस मिक्चर को पूरी पीठ में लगाएं। रात भर के लिए ऑयल को पीठ में लगा रहने दें। सुबह इसे साफ कर लें। पीठ के पिंपल में टी ट्री ऑयल यूज करने से आपको कुछ ही दिनों बाद असर दिखने लगेगा।

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    पीठ के पिंपल से राहत के लिए एलोवेरा

    एलोवेरा जेल में नैचुरल एंटी-इंफ्लामेट्री प्रॉपर्टी होती हैं जो पिंपल के कारण आई सूजन और जलन को कम करने का काम करता है। एलोवेरा न सिर्फ मुहांसों को कम करने का काम करता है बल्कि मुहांसे के लिए ली जाने की मेडिसिन जैसे कि ट्रेटिनोइन के प्रभाव को भी बढ़ाने का काम करता है। आप एलोवेरा जेल को एलोवेरा की पत्तियों से आसानी से निकाल सकते हैं। अब इसे प्रभावित स्थान पर लगाएं। करीब आधे घंटे बाद इसे धो लें। ऐसा करने से मुहांसे की जगह में ठंडक का एहसास होगा और साथ ही मुहांसे कम हो जाएंगे।

    करें एंटी-इंफ्लामेट्री फूड का सेवन

    आप क्या खा रहे हैं, इस बात का असर आपकी स्किन पर भी पड़ता है। जिन लोगों की स्किन ज्यादा ऑयली होती है, उन्हें खानपान के दौरान ध्यान देने की जरूरत है। पीठ के पिंपल से छुटकारा पाने के लिए खाने में एंटी-इंफ्लामेट्री फूड को शामिल करें। कुछ फूड जैसे कि बैरीज, नट्स, होल ग्रेन और बींस को खाने में शामिल करें। ऐसा करने से भविष्य में पिंपल की समस्या से राहत मिल सकती है।

    स्ट्रेस मैनेजमेंट टेक्नीक का लें सहारा

    ये बात सच है कि स्ट्रेस के कारण भी पिपंल की समस्या हो सकती है। आर्काइव ऑफ डर्मेटोलॉजी में छपी रिपोर्ट के मुताबिक कॉलेज गोइंग स्टूडेंट में एक्जाम के समय अधिक पिंपल की समस्या देखने को मिली। आप योगा और मेडिटेशन की हेल्प से स्ट्रेस को कम कर सकते हैं। साथ ही सकारात्मक सोच भी स्ट्रेस को कम करने में मदद करती है। भले ही आपको ये छोटी बात लग रही हो, लेकिन इस टेक्नीक के फायदे बहुत होते हैं क्योंकि स्ट्रेस कई बीमारियों को जन्म देता है।

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    लेमन जूस भी करेगा हेल्प

    लेमन में भी एंटी-इंफ्लामेट्री प्रॉपर्टी होती हैं, जो पिपंल की समस्या को दूर करने में हेल्प करती हैं। पीठ में जहां भी पिंपल की समस्या हो, वहां कॉटन की हेल्प से नींबू के रस (करीब आधा चम्मच) को लगाएं। आप चाहें तो नींबू को काट कर आधा नींबू हल्के हाथों से पीठ में लगा सकते हैं। करीब आधे घंटे तक नींबू को लगा रहने दें और फिर धुल लें। ऐसा करने से कुछ ही दिनों बाद असर दिखना शुरू हो जाएगा।

    कोकोनट ऑयल का करें यूज

    कोकोनट ऑयल हमेशा से ही स्किन के लिए अच्छा माना गया है। कोकोनट ऑयल में फैटी एसिड जैसे कि लॉरिक एसिड होता है। लॉरिक एसिड में एंटी-इंफ्लामेट्री और एंटी-माइक्रोबियल प्रॉपर्टी होती है जो कि मुहांसे पैदा करने के जिम्मेदार बैक्टीरिया को खत्म करने का काम करती है। नहाने से पहले कोकोनट ऑयल से पीठ में मसाज करें। करीब आधे घंटे तक पीठ में कोकोनट ऑयल लगा रहने दें। फिर पीठ को साफ कर लें।

    करें ग्रीन टी का यूज

    ग्रीन टी में कैटेचिन (catechins) नामक पॉलीफेनोल एंटीऑक्सिडेंट (polyphenol antioxidants ) होता है। एंटीऑक्सिडेंट की हेल्प से बॉडी के वेस्ट प्रोडक्ट ब्रेकडाउन होते हैं। वेस्ट प्रोडक्ट हेल्दी सेल्स को डैमेज करने का काम करते हैं। ग्रीन टी पीने से पीठ के पिंपल में राहत मिल सकती है। ग्री टी स्किन सीबम के प्रोडक्शन को कम करता है। सीबम पिंपल के लिए जिम्मेदार होता है। साथ ही सूजन भी कम होती है। ग्रीन टी पीने से ब्लैक हेड्स और वाइटहेड्स की समस्या भी कम होती है।

    डॉक्टर की जरूर लें सलाह

    अगर आपको पीठ में थोड़े से पिंपल हैं तो घरेलू उपाय को अपनाया जा सकता है। पीठ में अधिक पिंपल होने की स्थिति में डॉक्टर से जरूर संपर्क करें। कई बार ये कोई मेडिकल कंडीशन भी हो सकती है। डॉक्टर आपको दर्द से छुटकारे के लिए मेडिसिन दे सकता है। साथ ही पिंपल का कारण पता लगाकर लोशन या क्रीम भी सजेस्ट कर सकता है। बेहतर होगा कि डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

    हैलो स्वास्थ्य किसी प्रकार की मेडिकल एडवाइज, उपचार और निदान प्रदान नहीं करता।

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