जल ही जीवन है ‘यह एक वैश्विक टैगलाइन है और वास्तव में यह सच भी है। इसमें कोई दो राय नहीं है। पानी हमारी प्यास ही नहीं मिटाता है, बल्कि हमारे शरीर की महत्वपूर्ण जरूरतों को भी पूरा करता है। इसलिए स्वच्छ पानी ही पीने की सलाह दी जाती है। यही कारण है कि कुछ देशों में जलजनित रोग (जलजनित रोग) एक बड़ी चुनौती है। डब्ल्यूएचओ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में तीन हजार से अधिक लोग दूषित पानी पीने से होने वाली बीमरियों के कारण दम तोड़ देते हैं। संगठन का ही अनुमान है कि जलजनित बीमारियों के 80 प्रतिशत से ज्यादा का कारण हमारे आसपास के दूषित पानी और धुएं का होना है। हेलो स्वास्थ्य के इस लेख में जानिए आखिर क्या है जलजनित रोग, कारण, लक्षण और निवारण और इसके उपचार।
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वॉटर बोर्न डिजीज क्या है?
वॉटर बोर्न डिजीज होने के दो मुख्य कारणों में बांटा जा सकता है, आइए जानते हैं:
पहले है प्रदूषण: जैसे कि औद्योगिक प्रदूषण, पानी में बढ़ता रसायन का स्तर। कृषि रसायनों के अधिक उपयोग के कारण निकलने वाला रसायनल जो तालाब और नदियों में चलते गिरता है।
दूसरा है संक्रमण, गंध, अस्वच्छता: जैसे कि वायरस, बैक्टीरिया और परजीवी जीव पानी को अप्रत्यक्ष रूप में दूषित करते हैं। जो जलजनित टाइफाइड, हेपेटाइटिस और जियार्डिया जैसे बीमारी का कारण बनते हैं। पानी से होने वाली अनेको बीमारियां हैं, जिसमें विशेष रूप से हैजा, पोलियो, उल्टी, दस्त और दिमागी बुखार है। आइए जानते हैं कि आखिर जलजनित रोग और उनके लक्षण क्या हैं?
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1- टाइफाइड बुखार (Typhoid Fever)
यह एक गंभीर बीमारी है। यह बीमारी ‘साल्मोनेला एन्टेरिका सेरोटाइप टायफी’ बैक्टीरिया से फैलती है। यह बैक्टीरिया भोजन और पानी के माध्यम से लोगों के शरीर में प्रवेश करता है।
टाइफाइड (Typhoid Fever) के लक्षण
- सिरदर्द
- बॉडी पेन
- भूख का बढ़ना
- जी मिचलाना
- 104 डिग्री से ज्यादा बुखार
- डिहायड्रेशन और कब्ज
- पेट में तेज दर्द
- खांसी
- थकान
- ज्यादा वापस आना
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उपचार
उन लोगों को वैक्सीनेशन की सलाह दी जाती है, जो लोग दूषित पानी पीते हैं। इसलिए इससे बचने के लिए बोतल और सील वाला ही पानी पीने को कहा जाता है। बता दें कि टाइफाइड का इलाज औषधीय दवाओं से किया जाता है।
हैजा (Cholera)
हैजा के बारे में कहा जाता है कि इसके पनपने की संभावना गांवों और गरीब लोगों में ज्यादा होती है। इसका कारण यहां अस्वच्छता और दूषित पानी है। हैजा में लोगों को दस्त और डिहायड्रेशन की समस्या हो जाती है।
- जी मिचलाना
- उल्टी
- डिहायड्रेशन
- मांसपेशियां में दर्द
उपचार
हैजा एक जलजनित रोग है और इसकी रोकथाम आसानी से की जा सकती है। हमेशा अपने हाथ साबुन से सही तरीके से धोएं। गर्म और पूर्ण पका हुआ खाना ही खाएं और साथ ही साफ पानी पिएं। विकासशील देशों में जैसे कि इथियोपिया में एक आंकड़े के अनुसार 40 प्रति घर पर रहने वाले लोग स्वच्छ और सुरक्षित रूप से अपने हाथ नहीं धोते हैं क्योंकि वहां साफ पानी और पीसीवॉश जैसे लीक्विड की कमी है।
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जियार्डिया (Giardia)
जियार्डिया भी दूषित पानी से फैलने वाला एक रोग है। यह रोग शहर में सप्लाई होने वाले पानी, स्विमिंग पुल के पानी, तालाब और नदियों के पानी से फैलता है। इस बीमारी में संक्रमण एक परजीवी के कारण होता है जिसके लक्षण एक सप्ताह के अंदर दिखने लगते हैं। इससे आंतों से संबंधित समस्याएं सामने आती हैं।
- पेट में तेज दर्द
- ऐंठन और सूजन
- जी मिचलाना
- वजन घटना
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उपचार
जियार्डिया के लिए हालांकि कोई वैक्सीन उपलब्ध नहीं है लेकिन इसके संक्रमण से आसानी से खुद को सक्षम किया जा सकता है। इसके लिए आप अपने हाथ साबुन से अच्छी तरह धोएं। हमेशा बोतल या सील वाला ही पानी पिएं। समय के साथ इम्यून सिस्टम मजबूत होने पर जियार्डिया के लक्षण खत्म होने लगेंगे। समस्या बढ़ने पर डॉ. एंटी-परेसाइटिक(PARACYTIC) दवा लेने की भी सलाह देते हैं।
पेचिश (DYSENTERY)
पेंचिश बड़े आंत और पेट में संक्रमण के कारण फैलता है और यह संक्रमण दूषित पानी के शरीर में जाने से होता है।
- पेट में दर्द
- उल्टी
- खूनी दस्त
- कांपना
- पेट में ऐंठन
- मल के साथ बलगम आना
उपचार
गंदे हाथ से खाना खाने के कारण पैरासाइटिस शरीर में चले जाते हैं जो संक्रमण का कारण बनते हैं। इसलिए हमेशा साबुन से अच्छी तरह से हाथ धोएं। रेहड़ी और पटरी पर से खरीद खरीदकर न खाएँ। हमेशा सील वाला पानी ही पिएं। छिलकर खाने वाले फल अधिक खाए जाते हैं।
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हेपेटाइटिस ए (हेपेटाइटिस ए)
हेपेटाइटिस ए लीवर संबंधित रोग है, जो वायरस हेपेटाइटिस ए के कारण फैलता है। इसका सबसे ज्यादा खतरा आपके हाइजीन न रहने यानि अस्वच्छ रहने पर बढ़ जाता है। यह लोगों के दूषित पानी और गंदे हाथों से भोजन आदि खाने से शरीर के अंदर प्रवेश करता है।
- अत्यधिक थकान
- भूख में कमी
- पेट में दर्द
- पलिया
- जी मिचलाना
- उल्टी
- मिट्टी के रंग का मल त्याग
उपचार
इसमें सबसे पहले ब्लड टेस्ट कराने की सलाह दी जाती है, क्योंकि इसका ऐसा कोई उपचार नहीं है जो इसका इलाज कर सके। इसमें डॉ। मरीज के जिगर की कार्यक्षमता की नियमित जांच होती है। डॉ ही आपको इसके ठीक होने के बारे में बता देंगे। हेपेटाइटिस ए से पीड़ित 10 से 15 प्रति लोगों को लंबे समय तक रहने वाले लक्षण होते हैं। हेपेटाइटिस ए के कुछ लक्षण ऐसे भी हैं, जो 6 से 9 महीने के बाद वापस आने लगते हैं। इसमें उन रोगियों को टीकाकरण कराने की सलाह दी जाती है जो हेपेटाइटिस ए से सतर्क होने वाले देश में यात्रा कर रहे हैं। जो लंबे समय से इससे पीड़ित है और जिसमें गंभीर रक्त के थक्के जम जाते हैं। इसमें सबसे ज्यादा ध्यान देने वाली बातें हैं, यह है कि शौचालय के बाद हाथों को साबुन से अच्छी तरह धोएं। साथ ही कुछ भी खाने से पहले हाथ धोना ना।
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साल्मोनेला (साल्मोनेला)
साल्मोनेला संक्रमण एक सामान्य बैक्टीरियल रोग है, जो आंतों को नुकसान पहुंचता है। यह व्यक्ति के मल से फैलता है। यह खराब पानी भी लोगों में फैलता है। कुछ लोगों में इसके कोई लक्षण नजर नहीं आते हैं और कई लोगों में इस बीमारी के लक्षण 8 से 72 घंटे के बीच दिखने लगते हैं। साल्मोनेला को पेट में होने वाला संक्रमण कहा जाता है।
- पेट में दर्द
- मल में खून आना
- सिरदर्द
- मतली
- उल्टी
- पेडू में दर्द
- ठंड लगना
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उपचार
इस बीमारी में शरीर में पानी की कमी होने लगती है। यही कारण है कि इस बीमारी में रोगी को नियमित रूप से तरल पदार्थ और इलेक्ट्रोलाइट लेने की सलाह दी जाती है। कई बार डॉ। यह बीमारी रोकने के लिए दवाई लेने की सलाह देते हैं। इस बीमारी के बैक्टीरिया के खून में जाने और इम्यून सिस्टम के कमजोर होने पर डॉ। आपको बता दें कि साल्मोनेला बैक्टीरिया मनुष्य के साथ-साथ जानवर और पक्षियों की आंतों में भी होता है। इसलिए पक्षी सरीसृपों को छूने से साबुन से अच्छी तरह हाथ धोते हैं।
आपको इनमें से किसी प्रकार की समस्या होने पर तुरंत डॉक्टर से मिलें। बहुत से लोग वाॅटर बॉर्न डिजीज के शिकार होते हैं, लेकिन उन्हें पता नहीं होता है।