के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr Sharayu Maknikar
एफीड्रा एक जड़ी बूटी है जिसका चाइनीज 5000 सालों से कोल्ड, कफ, फ्लू, सिर दर्द और अस्थमा के इलाज के लिए इस्तेमाल करते आ रहे हैं। इसका वानस्पातिक नाम Ephedra Sinica है। एफीड्रा Ephedraceae परिवार से ताल्लुख रखता है। इसका इस्तेमाल ओबेसिटी, मेटाबॉलिक डिसऑर्डर और वजन घटाने करने के लिए किया जाता है। हालांकि, साल 2004 में यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) ने संयुक्त राज्य अमेरिका में एफीड्रा या एफीड्रा युक्त किसी भी खाद्य पदार्थ की बिक्री पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है।
एफीड्रा एक सदाबहार झाड़ी जैसा पौधा होता है जो मध्य एशिया और मंगोलिया में मूल रूप से पाया जाता है। एफीड्रा के पौधे के सूखे तने और पत्तियों का उपयोग कैप्सूल, टैबलेट, अर्क और चाय बनाने के लिए किया जाता था।
1940 और 1950 के दशक के दौरान एफीड्रा का इस्तेमाल बड़ी मात्रा में अस्थमा की दवा बनाने के लिए की गई थी। इसके अलावा इसके सेवन से एथलेटिक प्रदर्शन में काफी बदलाव देखा गया था और एफीड्रा वजन घटाने के और ऊर्जा बढ़ाने की औषधि के रूप में भी कारगर देखा गया।
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चूहों पर किए गए एक शोध के अनुसार एफीड्रा में एंटी हाइपर-ग्लाइसेमिक और एंटी-ओबेसिटी प्रॉपर्टीज होती हैं। ये वजन को कम कर ट्राइग्लीसिराइड्स के स्तर को भी कम करता है। इसके अलावा ये एचडीएल कोलेस्ट्रॉल लेवल में सुधार करता है जो ग्लूकोज लेवल और वजन के कंट्रोल करता है।
इसमें एंटी-ओबेसिटी प्रॉपर्टीज होती हैं जो मेटाबॉलिक डिसऑर्डर को मेंटेन करने में मददगार है।
इसमें ऐसे सप्लीमेंट होते हैं जो इंसोम्निया और क्रोनिक फेटीग से निजात दिलाता है। ये शरीर में एनर्जी लेवल को बढ़ाकर हमें दिनभर एक्टिव बनाता है।
इसमें कई ऐसे गुण होते हैं जो इम्यून सिस्टम को बूस्ट करते हैं और हमें मौसमी बीमारियों से दूर रखते हैं।
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इसमें एफेड्रिन ई- टाइप (Ephedrine E-Type) नामक अल्कलॉइड (Alkaloid) होते हैं जिस पर फार्माकोलॉजिकल और टॉक्सिकोलॉजिकल प्रभाव निर्भर करते हैं। एफेड्रिन हृदय गति और रक्तचाप बढ़ाने के साथ ब्रोन्कोडायलेशन को बढ़ावा देता है। इसके साथ ही ये केंद्रीय तंत्रिका तंत्र (सीएनएस) पर स्पष्ट प्रभाव दिखाता है। इस बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से कंसल्ट करें।
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अपने डॉक्टर से कंसल्ट करें, यदि:
इसको अधिक मात्रा में लेना आपके लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। प्रत्येक दिन 32 मिलीग्राम से ज्यादा डोज लेने से ब्रेन में ब्लीडिंग होने का खतरा होता है। इसके फायदे होने से कई ज्यादा खतरे होने की संभावना है।
कई रिपोर्ट्स के अनुसार, युक्त डायटरी सप्लीमेंट्स को सेफ नहीं माना गया है। इन सप्लिमेंट्स में एफीड्रा के साथ कई प्राकृतिक उत्तेजक होते हैं और सभी में अच्छी मात्रा में कैफीन होता है। इसका सेहत पर बुरा असर पड़ता है। कई लोगों में इसे लेने के बाद साइड इफेक्ट्स और मौत का कारण बनते देखा गया है। यही कारण है कि 2004 में अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने एफीड्रा युक्त सप्लिमेंट्स पर प्रतिबंध लगा दिया है। एफीड्रा एक्सट्रैक्ट जिसमें एफीड्रीन नहीं है उसे एफडीए द्वारा प्रतिबंधित नहीं किया गया है।
इन दवाओं के साथ न करें एफीड्रा का सेवन
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जरूरी नहीं सभी में ये साइड इफेक्ट्स दिखाई दें। इनसे अलग साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं। अगर आपको इसकी अधिक जानकारी चाहिए तो एक बार किसी चिकित्सक या हर्बलिस्ट से कंसल्ट करें।
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व्यस्कों के लिए:
एलर्जिक नेजल सिंप्टम्स के लिए
चार हफ्तों तक हर 48 घंटे में 1% एफेड्राइन-सलाइन लिक्वीड को नाक धोने के रूप में प्रयोग करें।
ब्लड प्रेशर को कम करने के लिए:
नस में या मसल्स में 5-45 मिलीग्राम एफेड्रिन का इंजेक्शन लें
कामोत्तेजना के लिए:
संबंध बनाने से पहले 50 मिलीग्राम एफेड्राइन सल्फेट की दवा का सेवन किया जा सकता है।
वजन कम करने के लिए:
2 ग्राम एफेड्राइन एक्सट्रेक्ट को आठ हफ्ते तक दिन में तीन बार लें। 20-25 मिलीग्राम एफेड्राइन को रोजाना दो से तीन महीने तक दिन में तीन बार लें।
बच्चों में अस्थमा के लिए:
24-25 मिलीग्राम एफेड्राइन और 0.65-2.1 मिलीग्राम एफेड्राइन प्रति किलोग्राम को हर छह से आठ घंटे में एक से आठ हफ्ते तक दे सकते हैं।
यहां दी हुई जानकारियों का इस्तेमाल डॉक्टरी सलाह के विकल्प के रूप में न करें। डॉक्टर या हर्बलिस्ट की राय के बिना इस दवा का इस्तेमाल नहीं करें।
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