परिचय
टोरटिकोलिस (Torticollis) क्या है?
टोरटिकोलिस एक दुर्लभ बीमारी है, जिसमें गर्दन की मांसपेशियां कॉन्ट्रैक्ट हो जाती हैं। इससे सिर एक तरफ मुड़ जाता है, जिससे एक तरफ आपका सिर नीचे झुक जाता है और आपकी चिन ऊपर उठ जाती है। टोरटिकोलिस जन्मजात बीमारी हो सकती है या परिवार के किसी सदस्य से अनुवांशिक रूप से हो सकती है। कई बार गर्दन की मांसपेशियों के क्षतिग्रस्त होने या ब्लड सप्लाई न होने पर टोरटिकोलिस हो जाती है। कई बार यह टोरटिकोलिस बिना इलाज के अपने आप ठीक हो जाती है। हालांकि, इसके दोबारा होने की संभावना होती है।
क्रॉनिक टोरटिकोलिस में दर्द और दिनचर्या के कार्यों को पूरा करने में परेशानी हो सकती है। सौभाग्य से इस बीमारी में गर्दन दर्द और अकड़न को दवाइयों और थेरेपी के जरिए ठीक किया जा सकता है। जीवन के लिए टोरटिकोलिस बीमारी खतरा नहीं होती है और न ही इससे औसत जीवन कम होता है। हालांकि, क्रॉनिक दर्द और सर्वाइकल स्पाइन के मुड़ने जैसी जटिलताएं सामने आ सकती हैं।
टोरटिकोलिस होना कितना सामान्य है?
टोरटिकोलिस किसी को भी हो सकती है। यहां तक कि यह बीमारी नवजात शिशु को भी हो सकती है। अक्सर टोरटिकोलिस मध्यम आयु वर्ग के लोगों को होती है। यह बीमारी पुरुषों की तुलना में महिलाओं को ज्यादा होती है।
लक्षण
टोरटिकोलिस के क्या लक्षण हैं?
टोरटिकोलिस के लक्षण निम्नलिखित हैं:
- टोरटिकोलिस के प्रारंभिक लक्षण में मांसपेशियों की ऐंठन शामिल है, जिसकी वजह से आप मसल मूवमेंट पर नियंत्रण खो देते हैं। इससे स्ट्रेचिंग के दौरान गर्दन और सिर का असामान्य पॉश्चर बनने से सीजर्स (Seizures) आते हैं।
- टोरटिकोलिस में सिर एक तरफ मुड़ जाता है और चिन दूसरे कंधे की तरफ ऊपर हो जाती है।
- टोरटिकोलिस से प्रभावित करीब 75% बच्चों में उनका दांया हिस्सा प्रभावित होता है।
- इस बीमारी में सिर एक तरफ से दूसरी तरफ नहीं मुड़ता है या ऊपर नीचे आसानी से नहीं जाता है।
- इस समस्या में पीढ़ित की गर्दन में एक हल्की सूजन नजर आ सकती है। यह खतरनाक नहीं होती है। छह महीने के भीतर यह स्वतः ही ठीक हो जाती है।
- टोरटिकोलिस से प्रभावित व्यक्ति सामने वाली चीजों को कंधे के ऊपर से देखा सकता है। उसकी आंखें वस्तु को फॉलो नहीं कर सकती हैं, जिसमें उसे सिर को मोड़ने की जरूरत पड़ती है।
- इस समस्या में उसे एक तरफ से ब्रेस्टफीडिंग करने में समस्या आ सकती है या वह एक तरफ से ही फीडिंग करना पसंद कर सकता है।
- टोरटिकोलिस से पीड़ित बच्चे को आपको देखने के लिए मुड़ना पड़ेगा, जिसमें उसे परेशानी आएगी।
- इससे पीढ़ित बच्चे का सिर एक ही स्थिति में लेटे रहने से एक या दोनों तरफ समतल हो सकता है।
मुझे डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?
इस बीमारी से आपको क्रॉनिक दर्द और सर्वाइकल स्पाइन गोलाकार हो सकती है। यदि आपको टोरटिकोलिस के लक्षण नजर आते हैं तो तत्काल अपने डॉक्टर से संपर्क करें। आपको गर्दन में कॉन्ट्रैक्शन या दर्द या गर्दन एक तरफ मुड़ने का अहसास हो सकता है। यदि आपको उपरोक्त लक्षणों और संकेतों में से किसी एक का अनुभव होता है तो डॉक्टर से सलाह लें। हालांकि, हर बीमारी में प्रत्येक व्यक्ति की बॉडी अलग ढंग से प्रतिक्रिया देती है। आपकी स्थिति के लिए सबसे बेहतर क्या है, इसके लिए डॉक्टर से परामर्श लेना हमेशा उचित रहता है।
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टोरटिकोलिस के प्रकार
अस्थाई टोरटिकोलिस
इस प्रकार का टोरटिकोलिस अपने आप एक या दो दिनों के बाद ठीक हो जाता है।
इसके कारण निम्नलिखित हैं:
- लिंफ नोड्स में सूजन
- कान का इंफेक्शन
- सिर या गर्दन में चोट आने से सूजन आना
फिक्सड टोरटिकोलिस (Fixed torticollis)
फिक्सड टोरटिकोलिस को एक्यूट टोरटिकोलिस या स्थाई टोरटिकोलिस कहा जाता है। आमतौर पर यह मसक्युलर या हड्डियों के ढांचे में समस्या होने पर होता है।
मसक्युलर टोरटिकोलिस (Muscular torticollis)
फिक्सड टोरटिकोलिस का यह सबसे सामान्य प्रकार है। गर्दन के एक तरफ मांसपेशियों के टाइट या क्षतिग्रस्त होने पर यह समस्या पैदा होती है।
क्लिपेल-फेइल सिंड्रोम (Klippel-Feil syndrome)
यह टोरटिकोलिस का एक दुर्लभ प्रकार है। शिशु की गर्दन की हड्डियां गलत तरीके से बन जाती हैं, जिसमें गर्दन की दो वर्टिब्रा एक साथ संगलित होजाती हैं। क्लिपेल-फेइल सिंड्रोम के साथ जन्म लेने वाले बच्चों को सुनने और देखने में समस्या आती है।
सर्वाइकल डायस्टोनिया (Cervical dystonia)
यह एक दुर्लभ समस्या है, जिसे स्पासमोडिक टोरटिकोलिस (spasmodic torticollis) के नाम से जाना जाता है। यह गर्दन की मांसपेशियों को ऐंठन में कॉन्ट्रैक्ट कर देता है। यदि आपको सर्वाइकल डायस्टोनिया है तो आपका सिर मुड़ जाता है या एक तरफ सिर घुमाने में दर्द हो सकता है। साथ ही इसमें आपका सिर आगे या पीछे की तरफ मुड़ सकता है। सर्वाइकल डास्टोनिया कई बार बिना इलाज के ठीक हो जाता है, लेकिन इसके दोबारा होने का खतरा रहता है।
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कारण
टोरटिकोलिस का क्या कारण है?
इस संबंध में अभी तक इसका सटीक कारण अज्ञात है, लेकिन कुछ लोगों का मानना है कि स्टॉक टोरटिकोलिस मस्तिष्क में न्यूरोट्रांसमीटर बनाने की क्षमता में दोष आने पर होता है।
इससे सेरेब्रल हेमिस्फेरेस (cerebral hemispheres) के भीतर भूरा पदार्थ प्रभावित होता है। यह भूरा पदार्थ मांसपेशियों के लिए संकेत उप्तन्न करने का कार्य करता है।
कुछ लोग यह तर्क देते हैं कि टोरटिकोलिस के जन्मजात होने के सुबूत हो सकते हैं। साथ ही सिर या गर्दन में चोट आने के बाद टोरटिकोलिस हो सकता है। कई बार इसके लक्षण दुर्घटना होने के कई महीनों बाद सामने आते हैं।
जोखिम
किन कारकों से मुझे टोरटिकोलिस होने का जोखिम बढ़ता है?
टोरटिकोलिस के जोखिम के कारक कई हैं, जिनमें से कुछ निम्नलिखित हैं:
- परिवार की मेडिकल हिस्ट्री में टोरटिकोलिस की समस्या होना।
- ऐसी दवाइयों का इस्तेमाल जो शरीर को प्रभावित करती हों।
- गर्दन या सिर में चोट आना।
उपचार
यहां प्रदान की गई जानकारी को किसी भी मेडिकल सलाह के रूप ना समझें। अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
टोरटिकोलिस का निदान कैसे किया जाता है?
इस बीमारी का पता लगाने के लिए डॉक्टर आपकी पारिवारिक मेडिकल हिस्ट्री देख सकता है। इसके अतिरिक्त, वह फिजिकल जांच भी कर सकता है। इस समस्या का पता लगाने के लिए एक्स-रे और शरीर के मूवमेंट पर स्टडी भी की जा सकती है। इसके अलावा, इसकी गहन जांच के लिए आपको डॉक्टर आपको न्यूरोलॉजिस्ट और हड्डी रोग विशेषज्ञ के पास जाने की सलाह भी दे सकता है।
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टोरटिकोलिस का इलाज कैसे किया जाता है?
निम्नलिखित तरीकों से इस समस्या का इलाज किया जा सकता है:
- मांसपेशियों की ऐंठन और दर्द को कम करने के लिए विभिन्न प्रकार की थेरेपी अपनाई जाती हैं। फिजिकल थेरेपी, नेक ब्रेस (Neck Brace), कंट्रोल स्ट्रेस और बाइयोफीडबैक इसमें मददगार साबित होती हैं।
- दवाइयां मांसपेशियों की ऐंठन में राहत दे सकती हैं और न्यूरोट्रांसमीटर को रेग्युलेट कर सकती हैं।
- बोटुलिनुम टोक्सिम (Botulinum toxin) की कम मात्रा में प्रभावित मांसपेशियों में डाला जाता है, जो इसका एक बेहतर उपचार है।
- टॉक्सिन मांसपेशियों की ऐंठन को रोकता है। यह न्यूरोट्रांसमीटर एसेटायलहोलाइन (acetylholine) को इकट्ठा होने से ब्लॉक कर देता है। इस दवा का असर कई महीनों तक रहता है। इसके बाद अतिरिक्त दवा दी जाती है।
- इलाज के अन्य तरीके कारगर न साबित होने पर आप सर्जरी पर विचार कर सकते हैं।
घरेलू उपाय
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जीवन शैली में होने वाले बदलाव क्या हैं, जो मुझे इस रोग को ठीक करने में मदद कर सकते हैं?
निम्नलिखित दिनचर्या और घरेलू उपाय आपको इस बीमारी से लड़ने में मदद कर सकते हैं:
- गर्दन की मसाज करना।
- गर्दन की स्ट्रेचिंग करना।
- गर्दन पर गर्माहट लगाना।
- डॉक्टर की सलाह पर दवाइयों का सेवन करें। लक्षणों में राहत मिलने पर बिना डॉक्टर की मंजूरी के दवाइओं का सेवन बंद न करें।
- गर्दन में और दर्द या ऐंठन होने पर सीधे डॉक्टर से संपर्क करें।
- यदि आप डिप्रेशन का सामना कर रहे हैं तो डॉक्टर से मदद मांगे।
इस संबंध में आप अपने डॉक्टर से संपर्क करें। क्योंकि आपके स्वास्थ्य की स्थिति देख कर ही डॉक्टर आपको उपचार बता सकते हैं।
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हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है। अगर आपको किसी भी तरह की समस्या हो तो आप अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लें।