क्या सिंपल किडनी सिस्ट को मॉनिटर करना जरूरी है?
यह बहुत महत्वपूर्ण है कि एक्सपर्ट के द्वारा किडनी की सिस्ट के प्रकार और स्थान का मूल्यांकन किया जाए। अक्सर कुछ अलग लक्षण दिखाई देते हैं जैसे कि वॉल की थिकनेस (wall thickness), फ्लूइड की डेंसिटी, सिस्ट के आसपास की जगह का असामान्य होना जो कि किडनी कैंसर (Kidney cancer) के साथ जुड़े हो सकते हैं। यूरोलॉजिस्ट सिस्ट के लिए एक ग्रेडिंग सिस्टम का उपयोग करते हैं जिसे बोजनियाक स्कोरिंग सिस्टम (Bozniak Scoring System) कहा जाता है। हायर बोजनियाक ग्रेड किडनी कैंसर की संभावना को दर्शाता है। ग्रेड 1 का मतबल बिनायन (benign) है कैंसर नहीं।
क्या किडनी सिस्ट को होने से रोका जा सकता है? (Prevention for kidney cysts)
सिम्पल किडनी सिस्ट को रोका नहीं जा सकता। आप बहुत सारा पानी पीकर और सोडियम (sodium) की कम मात्रा लेकर इसके रिस्क को कम कर सकते हैं। सोडियम की ज्यादा मात्रा ब्लड प्रेशर बढ़ाती है जिससे लॉन्ग टर्म किडनी डिजीज होती हैं। इसके साथ ही PKD (पॉलिसिस्टिक किडनी डिजीज) की समस्या आगे जाकर किडनी को डैमेज कर सकती है। आधे से ज्यादा लोग जो इस समस्या से ग्रसित हैं उनकी किडनी 60 की उम्र में फैल हो जाती है।
किडनी सिस्ट का ट्रीटमेंट (Kidney cysts treatments)
अगर किडनी सिस्ट किसी लक्षण और जोखिम का कारण नहीं है तो आपको किसी ट्रीटमेंट की जरूरत नहीं होती। सिम्पल किडनी सिस्ट के लिए ट्रीटमेंट की आवश्यकता नहीं होगी। रेयर केसेज में लक्षण दिखने पर ट्रीटमेंट की जरूरत होगी। आपका डॉक्टर स्केलेरोथेरिपी (sclerotherapy) या सर्जरी रिकमंड कर सकता है। जिसकी प्रक्रिया निम्न प्रकार होती है।
और पढ़ें: Chronic Kidney Disease: क्रोनिक किडनी डिजीज क्या है? जानें इसके लक्षण, कारण और इलाज
स्केलेरोथेरिपी (Sclerotherapy)
इस प्रक्रिया में डॉक्टर पहले सिस्ट को एक लंबी नीडल्स से पंक्चर (Puncture) करते हैं। जिसे स्किन के जरिए डाला जाता है। यह फ्लूइड को सुखाने का काम करती है। इसमें अल्टासाउंड (ultrasound) की मदद लेनी पड़ती है। डॉक्टर सिस्ट के अंदर स्ट्रॉन्ग सॉल्यूशन इंसर्ट करते हैं ताकि इसे सुखाया जा सके। अगर जरूरी होता है तो प्रॉसीजर को रिपीट किया जाता है। कुछ मामलों में सिस्ट वापस आ जाती है और फ्लूइड से भर जाती है। ऐसे में डॉक्टर सर्जरी कर सकते हैं। इसके लिए आपको नींद की दवा या एनेस्थिसिया दिया जा सकता है और सर्जरी की प्रक्रिया शुरू की जाती है। प्रक्रिया के दौरान सर्जन एक पतला, लाइटेड ट्यूब जिसे लेप्रोस्कोप (laparoscop) कहते हैं इंसर्ट करते हैं। फ्लूइड को सुखाने के बाद सिस्ट को रिमूव या बर्न कर दिया जाता है ताकि फिर से होने की आशंका को कम कर दिया जाए। इसके लिए मरीज को हॉस्पिटल में एक या दो दिन रुकना होगा। इस तरह पूरी प्रक्रिया को पूरा किया जाता है। किडनी हमारे शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग है ऐसे में उसका हेल्दी रहना बेहद जरूरी है।
किडनी को हेल्दी रखने के लिए क्या करना चाहिए? (how to keep healthy kidney)
निम्न बातों का ध्यान रख आपने किडनी को हेल्दी रख सकते हैं।