जैसे-जैसे किडनी की समस्या बढती है, किडनी शरीर से अशुद्धियों को बाहर नहीं निकाल पाती। नतीजतन, शरीर में ये अशुद्धियां विष का निर्माण करना शुरू कर देती हैं। इस स्थिति को यूरीमिया (Uremia) के नाम से जाना जाता है।
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डायबिटीज से किडनी को कैसे बचाएं
डॉक्टर इन सारी बातों का ध्यान रखते हुए आपके लिए मील प्लान (Meal plan) बना सकते हैं। जो कि मुख्य रूप से आपके शुगर लेवल पर निर्भर करता है। इसके अलावा आप किसी अच्छे नेफ्रोलॉजिस्ट (Nephrologist) यानि किडनी के डॉक्टर से भी संपर्क कर सकते हैं। एक अनुशासित रहन-सहन के साथ आप डायबिटीज को नियंत्रित कर किडनी को बचा सकते हैं।
अपने ब्लड शुगर का ध्यान रखें
किडनी को किसी भी प्रकार की क्षति से बचाने के लिए सबसे बढ़िया रास्ता है ब्लड शुगर को नियंत्रण में रखना। ब्लड शुगर को नियंत्रण में रखने के लिए समय-समय पर ब्लड शुगर की जांच करते रहें। इसके अलावा एक अनुशासित जीवनशैली को अपनाएं। नियमित रूप से व्यायाम करें और नुक्सान पहुंचाने वाले भोजन का सेवन न करें।
ब्लड प्रेशर को नियंत्रण में रखें
बढ़ा हुआ ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर के साथ किडनी को क्षति पहुंचाने में ज्यादा सक्रीय हो सकता हैं। डॉक्टर से इस बारे में सलाह करें कि ब्लड प्रेशर का लेवल कितना होना चाहिए। साथ ही नियमित रूप से ब्लड प्रेशर की जांच करवाते रहें।
किडनी को बचाने के लिए दवाएं (ACE inhibitors)
डॉक्टर आपकी स्थिति के अनुसार ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने के लिए एंजियोटेनसिन-कंवर्टिंग एंजाइम (Angiotensin-converting enzyme (ACE) सम्बंधित दवाएं दे सकते हैं। ये दवाएं ब्लड प्रेशर को कम कर के किडनी को सुरक्षा देती हैं।
प्रोटीन सेवन की मात्रा निश्चित करें
रिसर्च के अनुसार, डायबिटीज से ग्रसित लोगों को प्रोटीन अच्छी मात्रा में लेना चाहिए। लेकिन साथ ही ज्यादा प्रोटीन का सेवन भी किडनी को नुकसान पहुंचा सकता हैं। इसलिए जरुरी हैं कि प्रोटीन लेने की सही मात्रा तय की जाए। इसके लिए आप अपने डॉक्टर से सलाह ले सकते हैं। डायटीशियन भी इसमें आपकी मदद कर सकती हैं। सुनिश्चित करें कि जो भोजन आप ले रहे हैं, वो आपके शरीर को पोषण प्रदान करे, क्षति नहीं।
मूत्र सम्बंधित समस्या को तुरंत डॉक्टर को बताएं
अगर आपको किसी भी प्रकार से मूत्र निकासी में समस्या आ रही है, जैसे कि मूत्र मार्ग में जलन होना, बहुत ज्यादा बार मूत्र के लिए जाना, मूत्र के साथ खून के अंश दिखाई देना अथवा तीव्र गंध अनुभव करना। ऐसी किसी भी स्थिति में तुरंत डॉक्टर को संपर्क करें। सही समय पर इलाज शुरू होने से किसी भी प्रकार की क्षति को टाला जा सकता हैं।
नमक का कम सेवन करें