एडीएचडी और एंजायटी (ADHD and anxiety) दोनों अलग-अगल कंडिशन हैं, लेकिन कई लोगों के लिए ये दोनों एक साथ आती हैं। एडीएचडी का पूरा नाम अटेंशन डेफिसिट हायपरएक्टिविटी डिसऑर्डर (Attention deficit hyperactivity disorder)है। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि अमेरिका में आधे से ज्यादा लोगों को एडीएचडी और एंजायटी डिसऑर्डर साथ-साथ होता है। अगर आप भी इनमें से एक है तो सही ट्रीटमेंट आपको इन दोनों परेशानियों से राहत दिला सकता है। इन दोनों के बीच के संबंध को जानने से पहले जान लेते हैं कि एडीएचडी और एंजायटी डिसऑर्डर क्या है?
एडीएचडी (ADHD) क्या है?
इस बीमारी से बच्चे और बड़े दोनों प्रभावित हो सकते हैं। यह मेंटल डिसऑर्डर का एक समूह है जो व्यक्ति के व्यवहार को बुरी तरह प्रभावित करता है। मेंटल डिसऑर्डर का ग्रुप इसलिए कहा गया है, क्योंकि इसमें पीड़ित कोई एक मानसिक समस्या नहीं होती, बल्कि कई तरह की समस्याएं होती हैं। वह ध्यान केंद्रित नहीं कर पाता, किसी की बातों को ध्यान से नहीं सुन पाता, बहुत जल्दी बोर हो जाता है आदि। ऐसे लोग हाइपरएक्टिव होते हैं। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के मुताबिक, एडीएचडी की समस्या ज्यादातर प्री-स्कूल या छोटी कक्षाओं के बच्चों में होती है, लेकिन यह समस्या वयस्कों में भी हो सकती है। बचपने से ही इस बीमारी का इलाज करवाना जरूरी होता है। ताकि इस कंडिशन को मैनेज किया जा सके। व्यस्कों में इसके लक्षणों में निम्न शामिल हैं।
- अस्त-व्यस्त रहना
- हमेशा उदास और डिप्रेशन में रहना
- बातें और काम भूल जाना
- आत्मविश्वास की कमी
- किसी भी बात पर बेचैन हो जाना
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एंजायटी (Anxiety) क्या है?
एंजायटी या चिंता तनाव की नैचुरल प्रतिक्रिया है। जहां पर आप डर या आशंका महसूस करते हैं। यदि आप हमेशा चिंतित रहते हैं, आगे क्या होगा ऐसा सोचते रहते हैं, तो आप एंजायटी का शिकार हैं। वहीं अगर एंजायटी 6 महीने से ज्यादा समय तक रहती है और डेली रूटीन और रिलेशनशिप को प्रभावित कर रही है तो आप एंजायटी डिसऑर्डर (Anxiety disorder) का शिकार हो सकते हैं। हालांकि इस कंडिशन को मैनेज किया जा सकता है। थेरिपीज के अलावा लाइफस्टाइल में बदलाव करके भी काफी हद तक इस कंडिशन को मैनेज किया जा सकता है। योगा, ध्यान, वॉक जैसी जेल्दी हैबिट्स भी एंजायटी को मैनेज कर सकती हैं। एंजायटी के लक्षण निम्न प्रकार हैं।
- नींद आने में परेशानी
- किसी काम में ठीक से ध्यान न लगना
- ज्यादा पसीना आना
- कमजोरी महसूस होना
- सांस लेने में समस्या
- हार्ट रेट का बढ़ना
- सिर चकराना
- भूख न लगना
एडीएचडी और एंजायटी के बारे में जानने के बाद अब जान लेते हैं कि दोनों कैसे एक दूसरे से संबंधित हैं।
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एडीएचडी और एंजायटी (ADHD and Anxiety)
ऐसा कि हम पहले ही बता चुके हैं कि कई लोग एचडीएचडी की वजह से एंजायटी का अनुभव करते हैं। कई बार एचडीएचडी के परिणामस्वरूप एंजायटी का अनुभव हो सकता है। एडीएचडी के साथ एंजायटी इसके लक्षणों को और बुरा बना सकती है। एडीएचडी के बारे में चिंतित होने पर एंजायटी डिसऑर्डर के लक्षण भी सामने आ जाते हैं। जब आपका एंजायटी डिसऑर्डर एडीएचडी के ऊपर हावी हो जाता है, तो आप सिर्फ एडीएचडी के बारे में चिंता नहीं करते आपको अन्य प्रकार की चिंताएं भी सताने लगती हैं। ऐसा होने पर डॉक्टर से सलाह लें ताकि वे आपकी एंजायटी का कारण पता कर सकें। इस दौरान वे आपसे निम्न सवाल पूछ सकते हैं।
- क्या आप ऐसी चीजों के बारे में चिंता करते हैं जिनका कोई मतलब नहीं होताक्या आपको इन चिंताओं को नियंत्रित करने में कठिनाई होती है?
- क्या आपको अच्छी नींद आ रही है?
- क्या आपके डर और चिंताएं आपको अपनी नियमित गतिविधियां करने से रोक रही हैं?
- क्या आप सप्ताह में कम से कम तीन से पांच बार दिन में एक घंटे या अधिक के लिए चिंतित महसूस करते हैं?
- क्या हाल ही में आपके जीवन में कोई बड़ी घटना घटी है?
- क्या आपके परिवार के किसी सदस्य की एंजायटी हिस्ट्री है?
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एडीएचडी और एंजायटी का इलाज कैसे किया जाता है? (How are ADHD and Anxiety Treated?)
एडीएचडी और एंजायटी का एक साथ इलाज करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है क्योंकि एडीएचडी के लिए कुछ दवाएं चिंता के लक्षणों को बढ़ा सकती हैं। हालांकि, दोनों स्थितियों का इलाज किया जाना चाहिए। आपका डॉक्टर पहले उस स्थिति पर फोकस कर सकता है जो आपके जीवन की गुणवत्ता सबसे बुरी तरह प्रभावित कर रही है। वे दूसरी स्थिति को मैनेज करने के तरीकों के लिए सुझाव भी दे सकते हैं। एडीएचडी और एंजायटी दोनों के लिए आपके डॉक्टर जो टीट्रमेंट रिकमंड कर सकते हैं उनमें शामिल हैं:
- कॉन्गिनिटिव और बिहेवियरल थेरिपी (Cognitive and behavioral therapy)
- रिलैक्सेशन टेक्निक (Relaxation techniques)
- मेडिटेशन (Meditation)
- प्रिस्क्राइब मेडिकेशन (Prescription medication)
लक्षणों के बारे में अपने डॉक्टर को पूरी तरह बताना महत्वपूर्ण है। खास कर जब आप विशेष रूप एक साथ दो स्थितियों का अनुभव कर रहे हैं। आपका डॉक्टर जानना चाहेगा कि क्या कोई ट्रीटमेंट आपकी एक या दोनों स्थितियों को बदतर बना रहा है। इससे उन्हें आपके इलाज में मदद मिलेगी। अगर डॉक्टर आपको एचडीएचडी के लिए ट्रीटमेंट देते हैं तो निम्न चीजों में मदद मिलेगी
- तनाव कम होगा
- अटेंशन में सुधार होगा जिससे आप अपने कामों को बेहतर तरीके से मैनेज कर पाएंगे।
- वे आपको मोटिवेट करेंगे ताकि आप एंजायटी के लक्षणों को बेहतर तरीके से हैंडल कर सकें।
एडीएचडी और एंजायटी के लिए लाइफस्टाइल चेंजेस (Lifestyle Changes for ADHD and Anxiety)
एडीएचडी और एंजायटी के लिए आपको डॉक्टर निम्न लाइफस्टाइल चेंजेस सजेस्ट कर सकते हैं।
- शेड्यूल बनाएं- खुद के लिए एक शेड्यूल बनाएं। खासकर खाने और सोने के लिए।
- रोज एक्सरसाइज करें- एक्सरसाइज करने के कई फायदे हैं जिसमें फिजिकल हेल्थ से लेकर मेंटल हेल्थ और मूड में सुधार भी शामिल है।
- पर्याप्त नींद लें- रात की अच्छी नींद बेहतर मूड के लिए जरूरी है। नींद की कमी मूड को प्रभावित कर सकती है।
- हेल्दी खाएं- बैलेस्ड, हेल्दी डायट आपके मूड में सुधार कर सकती है। साथ ही ओवरऑल हेल्थ के लिए भी अच्छी है।
- तनाव से बचें- यह कहना आसान है, लेकिन ध्यान, योग, म्यूजिक, रीडिंग आदि से तनाव को मैनेज किया जा सकता है। इसके साथ ही आप किसी क्रिएटिव एक्टिविटी का सहारा भी ले सकते हैं। जैसे पेंटिंग, पॉयट्री।
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उम्मीद करते हैं कि आपको एडीएचडी और एंजायटी (ADHD and Anxiety) संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में एडीएचडी और एंजायटी के बारे में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।