कुछ लोगों का कहना है कि वो गम मिटाने के लिए एल्कोहॉल का सेवन करते हैं, लेकिन आप जानते हैं अगर एल्कोहॉल के सेवन की आदत लगने पर आप मानसिक परेशानी के शिकार भी हो सकते हैं। इसलिए आज इस आर्टिकल में आपके साथ एल्कोहॉल और एंग्जाइटी (Alcohol and Anxiety) से जुड़ी जानकारी शेयर करेंगे। एल्कोहॉल और एंग्जाइटी (Alcohol and Anxiety) को इसलिए भी समझना जरूरी है, क्योंकि एल्कोहॉल और एंग्जाइटी दोनों का ही व्यक्ति पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
एंग्जाइटी क्या है?
एल्कोहॉल और एंग्जाइटी, क्या है दोनो का आपसी तालमेल?
एल्कोहॉल का सेवन कितना करना ज्यादा माना जाता है?
एल्कोहॉल का सेवन ज्यादा करना क्यों खतरनाक माना गया है?
कैसे समझें की एल्कोहॉल का सेवन ज्यादा किया जा रहा है?
एल्कोहॉल यूज डिसऑर्डर की समस्या होने पर क्या करें?
एल्कोहॉल के सेवन से कैसे बचें?
एंग्जाइटी से बचाव के लिए क्या करें?
चलिए अब एल्कोहॉल और एंग्जाइटी (Alcohol and Anxiety) से जुड़े इन सवालों का जवाब जानते हैं।
एंग्जाइटी (Anxiety) क्या है?
एंग्जाइटी यानी चिंता अगर कुछ बातों के लिए चिंता होती है जैसे किसी नए जगह पर जाना, नए कामकाज की शुरुआत करना या किसी परीक्षा में हिस्सा लेना तो ऐसी स्थिति में चिंता होना स्वाभाविक है। शायद ऐसी स्थिति आपको कठिन परिश्रम के लिए प्रेरित कर सकती है, लेकिन भविष्य में क्या होगा या भविष्य की बातों से जुड़ी परेशानियां अगर लगातार मन में घर कर ले तो ऐसी स्थिति चिंता का कारण बन सकती है। वहीं कुछ लोगों का मानना है कि अपनी एंग्जाइटी (Anxiety) को कम करने के लिए एल्कोहॉल का सेवन करना अच्छा होता है, जबकि यह धारणा पूरी तरह से गलत है।
एल्कोहॉल और एंग्जाइटी (Alcohol and Anxiety): क्या है दोनो का आपसी तालमेल?
नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (National Center for Biotechnology Information) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार एल्कोहॉल और एंग्जाइटी (Alcohol and Anxiety) का आपसे कनेक्शन देखा गया है। रिसर्च रिपोर्ट में इस बात की चर्चा की गई है कि एल्कोहॉल और एंग्जाइटी के कारण व्यक्ति में हेल्थ डिसऑडर से जुड़ी समस्या का खतरा बना रहता है। अब अगर इसे आसान शब्दों में समझें तो एल्कोहॉल के सेवन से बॉडी में सेरोटोनिन लेवल (Serotonin levels) में बदलाव आता है और ब्रेन के न्यूरोट्रांसमीटर्स में भी बदलाव देखा जाता है। ऐसी स्थिति व्यक्ति को और भी ज्यादा चिंता में डालने के लिए काफी है। एल्कोहॉल की वजह से एंग्जाइटी की समस्या कुछ घंटे या फिर ज्यादा वक्त तक भी बनी रह सकती है। वहीं जिन लोगों में डिप्रेशन और एंग्जाइटी (Depression and anxiety) की समस्या पहले से रहती है, तो उनमें एल्कोहॉल का सेवन और ज्यादा खतरनाक हो सकता है।
एल्कोहॉल का सेवन ज्यादा करना ब्रेन में सायकोलॉजिकल बदलाव लता है। दरअसल जब ड्रिंक किया जाता है, तो गामा एमिनोब्यूटिरिक एसिड (Gamma Aminobutyric Acid [GABA]) का निर्माण ज्यादा होने लगता है, जिससे व्यक्ति रिलैक्स महसूस कर सकता है। हालांकि जैसे ही एल्कोहॉल का सेवन बंद किया जाता है तो व्यक्ति जरूरत से ज्यादा परेशान और डिप्रेशन जैसे लक्षणों को महसूस करने लगता है। इसलिए भी एल्कोहॉल और एंग्जाइटी (Alcohol and Anxiety) का आपसे कनेक्शन देखा गया है।
एल्कोहॉल और एंग्जाइटी (Alcohol and Anxiety): एल्कोहॉल का सेवन कितना करना ज्यादा माना जाता है?
यू.एस. डिपार्टमेंट ऑफ हेल्थ एंड ह्यूमन सर्विसेस (U.S. Department of Health and Human Services) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार ब्लड एल्कोहॉल कंसन्ट्रेशन (Blood Alcohol Concentration) 0.08 प्रतिशत होता है। वहीं अगर कम समय में जरूरत से ज्यादा एल्कोहॉल का सेवन किया जाए, तो स्थिति बिगड़ सकती है और व्यक्ति एल्कोहॉल यूज डिसऑर्डर (Alcohol Use Disorder [AUD]) की समस्या का शिकार हो सकता है।
नोट: ऐसा नहीं है कि एल्कोहॉल का सेवन करने वाले हर व्यक्ति में एल्कोहॉल यूज डिसऑर्डर (Alcohol Use Disorder) की समस्या होती है, बल्कि उनमें एल्कोहॉल यूज डिसऑर्डर का खतरा ज्यादा रहता है।
इन बीमारियों के साथ-साथ अगर गर्भावस्था में एल्कोहॉल का सेवन किया जाए तो इससे मिसकैरिज का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए एल्कोहॉल का सेवन ना करना शारीरिक परेशानियों के साथ-साथ मानसिक परेशानियों का भी खतरा बना रहता है।
एल्कोहॉल और एंग्जाइटी (Alcohol and Anxiety): कैसे समझें की एल्कोहॉल का सेवन ज्यादा किया जा रहा है?
एल्कोहॉल और एंग्जाइटी दोनों का शरीर पर बुरा प्रभाव पड़ता है। यहां हम आपके साथ कुछ टिप्स शेयर कर रहें जिससे यह समझने में मदद मिल सकती है कि एल्कोहॉल का सेवन ज्यादा हो रहा है। जैसे:
ना चाहते हुए भी एल्कोहॉल का सेवन करना।
ज्यादा से ज्यादा समय एल्कोहॉल के सेवन में गुजरना।
एल्कोहॉल की लत लगना।
शराब के सेवन से खतरनाक स्थितियों जैसे गिर जाना, एक्सिडेंट हो जाना या फिर किसी डेंजरस सिचुएशन में पड़ जाना।
इन स्थितियों के अलावा कुछ गंभीर केसेस में व्यक्ति को बुखार (Fever) आना, दौरे पड़ना (Seizures) या फिर मतिभ्रम (Hallucinations) होना।
एल्कोहॉल यूज डिसऑर्डर (Alcohol Use Disorder) की समस्या होने पर क्या करें?
अगर आपको ऐसा लग रहा है कि आप एल्कोहॉल यूज डिसऑर्डर (Alcohol Use Disorder) के शिकार हैं, तो ऐसी स्थिति में डॉक्टर से संपर्क करें। ट्रीटमेंट के दौरान डॉक्टर द्वारा दी गई एडवाइस (Advice) एवं मेडिकेशन (Medication) को ठीक तरह से फॉलो करें। इलाज के दौरान बिलकुल भी लापरवाही ना बरतें।
एल्कोहॉल के सेवन से कैसे बचें? (Tips to avoid Alcohol consumption)
एल्कोहॉल के सेवन से बचने के लिए निम्नलिखित टिप्स फॉलो किये जा सकते हैं। जैसे:
शराब के सेवन से पहले तय करें की आप कम से कम इसका सेवन करेंगे।
जिन लोगों के साथ आप शराब का सेवन करते हैं उन्हें सचेत करें कि आप अपनी सेहत को ध्यान में रखकर ही इसका सेवन करेंगे और अब इसके सेवन से बचेंगे भी।
जबभी ड्रिंक करें तो धीरे-धीरे और कम करें।
शराब की जगह अन्य पौष्टिक तरल पदार्थों का सेवन करें।
अपने घर में शराब ना रखें।
इन टिप्स को फॉलो करने से एल्कोहॉल के सेवन को कम किया जा सकता है।
एंग्जाइटी से बचाव के लिए क्या करें? (Tips to manage anxiety)
कैफीन (Caffeine) और एल्कोहॉल (Alcohol) का सेवन ना करने या कम से कम करें।
उम्मीद करते हैं कि आपको इस आर्टिकल में दी गई जानकारी पसंद आई होगी और एल्कोहॉल और एंग्जाइटी (Alcohol and Anxiety) से जुड़ी सभी जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अगर आपके मन में एल्कोहॉल और एंग्जाइटी (Alcohol and Anxiety) से जुड़े अन्य कोई सवाल हैं, तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे।
शारीरिक बीमारी हो या मानसिक परेशानी दोनों से ही दूर रहें। इस बदलते वक्त में तनाव की वजह से कई शारीरिक समस्या अपने आप मनुष्य को शरीर को अपना आशियाना बना लेती है। जबकि इन स्थिति से अपने आपको बचाये रखें। जानिए मेंटल हेल्थ को हेल्दी रखने के लिए मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल दिल्ली के मेंटल हेल्थ डिपार्टमेंट के डायरेक्टर एवं हेड डॉ. समीर मल्होत्रा की क्या है राय इस नीचे 👇 दिए लिंक में।
डिस्क्लेमर
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Stress Reactivity as a Determinant in Co-occurring Alcohol Use and Anxiety Disorder: Diagnosis and Alcohol Use Outcomes/https://clinicaltrials.gov/ct2/show/NCT03056872/Accessed on 29/06/2022