यदि आपने महाभारत पढ़ी या फिर देखी है तो आपको श्रीकृष्ण का किरदार जरूर याद होगा। श्रीकृष्ण ने महाभारत युद्ध के दौरान न सिर्फ अर्जुन को ज्ञान दिया बल्कि अपनी सीख से आज भी लोगों का मार्गदर्शन कर रहें हैं। श्रीकृष्ण हिंदुओं के आध्यात्मिक गुरू के साथ ही अपने व्यवहारिक ज्ञान के लिए जाने जाते हैं। जन्माष्टमी के अवसर पर हम आपको बता रहे हैं भगवान श्रीकृष्ण से सीखने लायक पांच बातें
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सचेतन
श्रीकृष्ण ने हमें आज में जीने का ज्ञान दिया है। श्रीकृष्ण भविष्य के बारें में जानते थे लेकिन उनका मानना था कि हमें अपने आने वाले कल को लेकर परेशान नहीं होना चाहिए। यदि हम आने वाले कल की चिंता करेंगे तो हम अपने वर्तमान को सही ढंग से नहीं जी पाएंगे। भविष्य में जो होगा उसे आज रोका नहीं जा सकता है लेकिन वर्तमान में जी कर हम अपनी समस्याओं को आसानी से हल कर सकते हैं। साथ ही परेशानी को अपने ऊपर हावी न होने देने से हमारा मानसिक स्वास्थ्य भी बेहतर रहता है। सचेतन की अवस्था हमें कई परेशानियों से निकलने में मदद करती है।
श्रीकृष्ण ने सिखाया क्रोध पर काबू
जीवन में असफल होने या फिर खुश न रह पाने के कारण मनुष्य जरा-जरा सी बातों पर क्रोधित हो जाता है। क्रोध की वजह से कई बार न चाहते हुए भी मनुष्य ऐसे फैसले ले लेता है जो भविष्य में उसे अधिक परेशानी में डाल देते हैं। जब भी मन में क्रोध होता है, उस दौरान मन में नकारात्मक ख्याल ही आते हैं और लिया गया फैसला अकसर गलत साबित होता है। श्रीकृष्ण के अनुसार मन को शांत रखकर बड़ी से बड़ी विपदा को टाला जा सकता हैं।
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सफलता के लिए त्याग
श्रीकृष्ण ने कहा है कि यदि आपको सफलता चाहिए तो आपको त्याग करना ही पड़ेगा। सफलता को प्राप्त करने के लिए आपको मन का डर, आराम, समय, पैसा, सुरक्षा आदि त्याग करना पड़ेगा। सफलता बिना त्याग के प्राप्त नहीं होती है। जब सफलता आपके कदम चूमती है तो मन के एहसास को बयां करना मुश्किल होता है। मन खुश होने से मानसिक स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है।
नम्रता
अपने बड़ो या फिर छोटे से नम्र होकर बात करना आपके मनसिक स्थिति को बयां करता है। श्रीकृष्ण के सदैव ही सभी से नम्रता पूर्वक व्यवहार करते थे। हम सभी को इस गुण को अपनाना चाहिए। यदि आप नम्रतापूर्वक व्यवहार करते हैं तो आपके आस-पास का वातावरण खुशनुमा रहता है और अच्छे लोगों के साथ आपका रिलेशन बनता है। अच्छी मेंटल हेल्थ के लिए ये बहुत जरूरी है।
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कर्म करो
कर्म करो फल की चिंता न करो। कर्म के बारे में दिया गया श्रीकृष्ण का ये ज्ञान आज भी लोगों में प्रिय है। श्रीकृष्ण कहते हैं कि बिना किसी रुकावट के अपना काम करो। कर्म के फल की इच्छा करने पर काम में रुकावट आ सकती है। बिना इच्छा के काम पूरी और मेहनत के साथ काम करो। यदि आप ऐसा करेंगे तो परिणाम हमेशा ही सकारात्मक होंगे। बेहतर मानसिक स्वास्थ्य के लिए ये अच्छा उपाय है।
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