पीनस की हेल्थ का पुरुषों की ओवरऑल हेल्थ पर विशेष प्रभाव पड़ता है। पुरुष पीनस को बॉडी का सबसे महत्वपूर्ण अंग बताते हैं और ये सही भी है क्योंकि पीनस इंटीमेट रिलेशनशिप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। साथ ही बेहतर पीनस हेल्थ से पुरुष कॉन्फिडेंट फील करते हैं, लेकिन आज इरेक्शन ना होना या कम होना पुरुषों की कॉमन प्रॉब्लम बन गई है। पीनस में प्रॉपर इरेक्शन ना होना पार्टनर्स के बीच तनाव का कारण बन सकता है। पीनस में इरेक्शन की समस्या में सुधार करने के लिए दवाओं के साथ ही कई थेरिपीज का उपयोग किया जाता है जिसमें से एक है पी शॉट (P-Shot)।
पी शॉट के अंतर्गत प्लेटलेट रिच प्लाज्मा (Platelet rich plasma) (PRP) को बॉडी के ब्लड से लेकर पीनस में इंजेक्ट किया जाता है। इसका मतलब है कि डॉक्टर बॉडी की कोशिकाओं (Cells) और ऊतकों (tissues) को लेकर पेनिल टिशूज (penile tissues) में इंजेक्ट्स करते हैं ताकि पीनस के टिशूज की ग्रोथ अच्छी तरह हो सके। जिससे इरेक्शन अच्छी तरह हो। इसके सबसे पॉपुलर फॉर्म को पियरापस शॉट (Priapus Shot) कहा जाता है। यह नाम सेक्शुअल हेल्थ के ग्रीव देवता के नाम पर पड़ा है। हालांकि पी शॉट पर अभी काफी कम रिचर्स हुईं हैं इसलिए अगर आप इस तरह के किसी ट्रीटमेंट को लेने का प्लान कर रहे हैं तो एक बार इस बारे में अच्छी तरह जानकारी प्राप्त कर लें जो इस आर्टिकल में दी जा रही है।
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पी शॉट का यूज किसलिए किया जाता है? (P-Shot uses)
पी शॉट (P-Shot) पीआरपी थेरिपी पर आधारित होता है। यह मसल्स और जॉइंट इंजरी की रिकवरी में भी उपयोग किया जाता है। इसके साथ ही यह क्रोनिक हेल्थ कंडिशन के इलाज में भी इस्तेमाल होता है। ज्यादातर केसेज में इसे एक्सपेरिमेंटल ट्रीटमेंट के तौर पर यूज किया जाता है। निम्न हेल्थ कंडिशन में पी शॉट का उपयोगी है।
- इरेक्टाइल डिसफंक्शन (Erectile dysfunction ED)
- पेरोनी डिजीज (Peyronie’s disease) (ऐसी बीमारी जिसमें स्कार टिशूज इरेक्शन के समय पीनस को कर्वी बना देते हैं)
- पीनस इनहांसमेंट (Penis enhancement)
- जनरल सेक्शुअल फंक्शन, परफॉर्मेंस और बेहतर ऑर्गैज्म के लिए
- पीनस की लंबाई बढ़ाने के लिए
- पीनस में सेंसिटिवटी बढ़ाने के लिए
- पीनस में ओवरऑल अच्छे ब्लड फ्लो के लिए
क्या पी शॉट (P-Shot) उपयोगी है?
पी शॉट (P-Shot) कितना लाभदायक है ? यह सेक्शुअल फंक्शन (sexual function) को सही में इनहांस करता है या नहीं इस पर अभी पुख्ता प्रमाण मौजूद नहीं है। अगर यह सेक्शुलअ फंक्शन इनहांस भी करता है तो कैसे करता है इस पर भी अभी शोध जारी है। ऑर्गैज्म (Orgasms) का होना और ना होना कई सारे फिजिकल, मेंटल और इमोशनल कारणों पर निर्भर करता है। सिर्फ एक शॉट से बर्षों पुरानी इरेक्शन की परेशानी दूर हो जाएगी इसमें शंका है। पी शॉट (P-Shot) के फायदों में निम्न हैं जो सेक्शुअल फंक्शन को सुधारने में मदद कर सकते हैं।
- ब्लड फ्लो का बढ़ना
- कुछ सेल्स और टिशूज के रिपेयर में मदद
हालांकि 2019 में एनसीबीआई में छपी एक स्टडी के अनुसार पीआरपी (PRP) का इरेक्टाइल डिसफंक्शन (Erectile dysfunction) पर पॉजिटिव इंपेक्ट बताया है। वहीं सेक्शुअल मेडिसिन रिव्यूज (Sexual Medicine Reviews) के अनुसार पीआरपी का मेल सेक्शुअल फंक्शन पर असर को लेकर जो स्टडीज हुईं हैं वे बहुत छोटी और अच्छी तरह डिजाइन नहीं की गईं हैं। इस तरह हम कह सकते हैं पीआपी का पुरुषों की सेक्शुअल हेल्थ पर असर को लेकर और स्टडीज की जरूरत है।
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मैं पी शॉट थेरिपी कैसे ले सकता हूं?
इसके लिए सबसे पहले यूरोलॉजिस्ट (urologist) से संपर्क करना चाहिए। वे आपको इसके बारे में अपने अनुभव के आधार पर सही सलाह दे सकते हैं। अगर वे खुद पी शॉट थेरिपी नहीं देते तो वे इसके लिए किसी स्पेशलिस्ट के बारे में आपको बता सकते हैं। इस थेरिपी के लिए किसी डॉक्टर या इंस्टिट्यूट का चुनाव करते वक्त निम्न बातों का विशेष ध्यान रखें।
- डॉक्टर हो या इंस्टिट्यूट दोनों के पास मेडिकल लाइसेंस होना जरूरी है साथ ही उन्हें किसी प्रतिष्ठित मेडिकल बोर्ड से सर्टिफाइड होना चाहिए।
- उनका क्लाइंटेल अच्छा हो। साथ ही उनके बारे में लोगों के रिव्यूज पॉजिटिव हों।
- उनकी वेबसाइट पर प्रॉसीजर, कॉस्ट आदि के बारे में संतोषजनक जानकारी हो
- वे फोन, मेल आदि पर आसानी से उत्तर देते हो
- वे कंसल्टेशन देने के लिए तैयार रहते हैं
पी शॉट प्रॉसेस के लिए मुझे क्या तैयारी करनी होगी?
आपको इसके लिए कुछ खास करने की आवश्यकता नहीं है। डॉक्टर इससे पहले आपसे कुछ ब्लड टेस्ट करवाने के लिए कह सकते हैं जो आपकी ओवरऑल हेल्थ के बारे में बताएगा। डॉक्टर यह सुनिश्चित करेंगे कि ब्लड, प्लाज्मा और प्लेटलेट्स हेल्दी हों। इसलिए अगर कोई व्यक्ति इस ट्रीटमेंट को लेने का प्लान करता है तो वह उसे तुरंत ले सकता है।
पी शॉट थेरिपी की प्रॉसेस कैसी होती है? (Process of P-Shot)
यह एक सामान्य प्रोसीजर है जिसके लिए आपको बहुत ज्यादा टाइम देने और तनाव लेने की जरूरत नहीं है। कुछ घंटों में ही यह प्रक्रिया पूरी हो जाती है। आप अगर उस दिन काम से छुट्टी लेना चाहते हैं तो ले सकते हैं वैसे तो इसकी जरूरत नहीं पड़ती है।
- जब आप क्लिनिक या हॉस्पिटल पहुंचेंगे तो आपसे टेबल पर लेटने के लिए कहा जा सकता है जब तक डॉक्टर प्रॉसेस शुरू नहीं करता
- इसके बाद जेनिटल एरिया पर क्रीम या ऑइंटमेंट को लगाया जाएगा ताकि उस हिस्से को सुन्न किया जा सके। इसके साथ ही आपको एनेस्थिसिया भी दिया जा सकता है
- बॉडी से ब्लड का सेंपल दिया जाएगा। पुरुषों के लिए अक्सर आर्म्स से ये सेंपल लिया जाता है।
- इसके बाद टेस्टिंग ट्यूब को कुछ मिनट के लिए रखकर उसमें ब्लड के कंपोनेंट को अलग किया जाता है और उसमें से प्लेटलेट रिच प्लाज्मा (PRP) को अलग किया जाता है।
- एक्सट्रेक्ट किए गए पीआरपी को दो अलग-अलग सिरिंज में डालकर इंजेक्शन को तैयार किया जाता है।
- अब इस पीआरपी को पीनस के ऊपरी भाग, या क्लिरोटिस में इंजेक्ट किया जाता है। प्रक्रिया कुछ मिनटों में कंपलीट हो जाती है। इसमें 4-5 इंजेक्शन दिए जाते हैं। प्रक्रिया पूरी होने के बाद आप लगभग एक घंटे के बाद घर जा सकते हैं।
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रिकवर होने में कितना समय लगता है?
रिकवरी बहुत जल्दी हो जाती है। आप अपनी नॉर्मल एक्टिविटीज जैसे कि काम, कॉलेज जाना आदि उसी दिन या एक दिन बाद शुरू कर सकते हैं। इस प्रॉसेस के बाद कुछ दिनों के लिए सेक्शुअल इंटरकोर्स (sexual intercourse) को अवॉइड करें ताकि इस दौरान होने वाली स्वेटिंग और स्क्रेचिंग उस एरिया को इरिटेट ना करें।
पी शॉट या पीआरपी थेरेपी के साइड इफेक्ट्स क्या हो सकते हैं? (Side effects of P-Shot)
इस थेरिपी के दौरान दिए जाने वाले इंजेक्शन से माइनर साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं जो चार से छ: दिन में ठीक हो जाते हैं। जिसमें निम्न शामिल हैं।
- सूजन आना
- त्वचा में लालिमा
- त्वचा का नीला पड़ना
इसके साथ ही कुछ इंफेक्शन भी हो सकते हैं जिनमें निम्न शामिल हैं:
- स्किन इंफेक्शन
- घाव होना
- कोल्ड सोर अगर आपकी हिस्ट्री हर्पीस (herpes) की रही हो तो
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पी शॉट के बाद इसका रिजल्ट कितने दिनों में दिखाई देगा?
रिजल्ट ओवरऑल हेल्थ और दूसरे फैक्टर्स जो सेक्शुअल फंक्शन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं पर निर्भर करता है। कुछ लोगों में एक ट्रीटमेंट के बाद ही तुरंत ही इसका असर दिखने लगता है तो कुछ को कई महीनों तक ट्रीटमेंट लेने पर भी असर नहीं होता। ट्रीटमेंट का असर दिखने वाले लोगों को तीन बकेट में बांटा गया है।
- एक जिन्हें 24 घंटे के अंदर असर दिखने लगता है
- दूसरे जिन्हें तीन से छ: ट्रीटमेंट्स के बाद असर दिखना शुरू होता है। दूसरे ट्रीटमेंट के बाद वे रिस्पॉन्स में बदलाव का अनुभव करते हैं। एक से दो महीने में वे डिजायर रिजल्ट पर पहुंच जाते हैं।
- तीसरे होते हैं लेट रिस्पॉन्डर जिन्हें 3 से 4 महीने में रिजल्ट मिलता है।
आपको बता दें कि पी शॉट (P-shot) थेरिपी पर अभी और रिसर्च करने की आवश्यकता है। अगर आप इस ट्रीटमेंट को लेने की रूचि रखते हैं तो पहले डॉक्टर से इस बारे में कंसल्ट करें। इसके अलावा आप एक ऐसे डॉक्टर से भी बात कर सकते हैं जो सिर्फ पी शॉट प्रदान करता है।
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इसके अलावा एक बात का और ध्यान रखें कि इरेक्शन और ऑर्गैज्म ब्लड फ्लो, हॉर्मोन और शरीर की मानसिक और शारीरिक स्थितियों पर निर्भर करता है, जो मेंटल और इमोशनल हेल्थ से प्रभावित हो सकता है। इसलिए पॉजिटिव सोच रखें। हेल्दी डायट लें और अगर किसी प्रकार की कोई दवा ले रहे हैं तो उसे समय लें। स्मोकिंग करते हैं और एल्कोहॉल का सेवन करते हैं तो इसे पूरी तरह बंद कर लें क्योंकि इन दोनों का सेक्शुअल हेल्द पर पुरा प्रभाव पड़ता है। अगर अगर आपको पी शॉट लेने के बाद भी किसी प्रकार सकारात्मक अनुभव नहीं हो रहा है तो आप थेरेपिस्ट, काउंसलर और सेक्शुअल हेल्थ स्पेशलिस्ट से संपर्क कर सकते हैं। वे आपको सही राय देंगे।
उम्मीद करते हैं कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा और पी शॉट से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।