परिचय
मिनिस्कस टियर क्या है?
Meniscus Tear घुटने की चोट का एक प्रकार है। घुटने की यह चोट बहुत दर्दनाक और शरीर को कमजोर कर देने वाली होती है। मिनिस्कस टियर घुटने की नरम हड्डी यानि उपास्थि (cartilage) की चोट होती है। मिनिस्कस घुटने में उपास्थि (Cartilage) का एक टुकड़ा होता है जो ज्वाइंट को स्थिर रखता है यह हड्डियों को घिसने और फटने से बचाता है। कई बार Meniscus Tear खेल जैसे फुटबॉल, वॉलीबॉल खेलने से या कूदने और अन्य तरह की खेल की गतिविधि से भी हो जाता है। ऐसा तब भी होता है जब किसी प्रकार की गतिविधि की जाती है जैसे दौड़ रहे है तो अचानक दिशा बदलने से घुटने में चोट लग जाती है जैसे कि एसीएल की चोट। मिनिस्कस उम्र के साथ कमजोर हो जाता है इसलिए मिनिस्कस टियर की समस्या उन लोगों में ज्यादा होती है जो पुराने एथलीट होते है। Meniscus Tear होने पर घुटने में दर्द, सूजन और कठोरता हो जाती है। जिससे घुटने की गतिविधि करने में अवरोध महसूस हो सकता है और घुटने को पूरी तरह से फैलाने में परेशानी होती है।
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लक्षण
घुटने की मिनिस्कस टियर के लक्षण क्या है?
जब Meniscus Tear होता है तो घुटने के जोड़ के आसपास एक पॉपिंग ध्वनि यानी ‘चटाक’ की आवाज सुनने में आती है। यदि घुटने में चटाक ध्वनि के साथ ही निम्न लक्षण दिखाई देते है तो मिनिस्कस टियर की समस्या हो सकती है। Meniscus Tear के सामान्य लक्षण इस प्रकार है:
- घुटने के आसपास दर्द होता है।
- घुटने की Meniscus Tear के कारण सूजन होती है।
- घुटने की किसी प्रकार की गतिविधि करने में समस्या आती है।
- घुटने को सहारा देने में मुश्किल होती है।
कई बार Meniscus Tear में चटाक महसूस होने के साथ घुटने के जोड़ में अवरुद्ध भी महसूस होता है, इसमें उपास्थि का एक टुकड़ा ढीला महसूस होने लगता है। इस तरह के लक्षणों का ज्यादा समय तक रहना घुटने की गंभीर समस्या का सूचक हो सकता है। यदि इस तरह के लक्षण दिखाई देने लगें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
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कारण
घुटने की मिनिस्कस टियर के कारण क्या है?
घुटने में मौजूद मिनिस्कस उम्र के साथ कमजोर हो जाती है। 30 साल से अधिक उम्र के लोगों में मिनिस्कस टियर होने की संभावना अधिक होती हैं। स्क्वैटिंग या स्टेपिंग जैसी गतिविधियों और कमजोर मिनिस्कस के कारण चोट लग सकती है। यदि आपको पहले से ही ऑस्टियोआर्थराइटिस है, तो आपके घुटने के चोटिल होने मिनिस्कस टियर होने की संभावना ज्यादा होती है। उम्र के साथ ऑस्टियोआर्थराइटिस समस्या बढ़ा देता है, इससे मिनिस्कस टियर होने पर जोड़ों में दर्द और कठोरता बढ़ जाता है। इन निम्न कारणों से लोगों में मिनिस्कस टियर की समस्या होती है-
- मिनिस्कस टियर घुटने की कुछ गतिविधियों के कारण हो जाता है, इन गतिविधियों में एक मजबूत मोड़ या रोटेशन से सीधे संपर्क या दबाव शामिल है।
- एथलीटों को सबसे ज्यादा घुटने की मिनिस्कस टियर का खतरा रहता है। अचानक मोड़, गहरी स्क्वाटिंग, या भारी वजन उठाने से भी घुटने में मिनिस्कस टियर होने की संभावना रहती है।
- फुटबॉल, बास्केटबॉल और टेनिस जैसे खेलों से भी मिनिस्कस टियर की समस्या हो सकती है।ऐसे खेल जिनमें अचानक मोड़ और रुकने की आवश्यकता होती है, उन खेलों से भी मिनिस्कस टियर होने के सबसे ज्यादा जोखिम रहते है।
- बच्चों में भी घुटने की मिनिस्कस टियर के केस आदजकल ज्यादा बढ़ गए है, इसका कारण यह है कि बच्चे कम उम्र में ही खेलों में भाग ले रहे हैं। बच्चों का सिर्फ एक ही खेल पर ध्यान केंद्रित करना भी उनमें मिनिस्कस टियर होने का कारण बन सकता है।
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जांच
घुटने की मिनिस्कस टियर की जांच कैसे की जाती है ?
यदि किसी व्यक्ति के घुटने में मिनिस्कस टियर के लक्षण दिखाई दे रहे है तो उसमें मिनिस्कस टियर की समस्या हो सकती है। किसी व्यक्ति में घुटने की मिनिस्कस टियर की जांच निम्न प्रकार से की जाती है-
1.शारीरिक परीक्षा (Physical Exam)-
डॉक्टर को लक्षण बताने पर वे आपके घुटने की जांच करते है, इसमें घुटने की गतिविधि और मोशन का परिक्षण किया जाता है। घुटने में जहां हड्डी के पास मिनिस्कस होता है उसे नजदीक से देखने के साथ ही डॉक्टर मैकमरे टेस्ट (McMurray test) कर सकता है। इस टेस्ट में घुटने को झुका कर उसे सीधा किया जाता है और घुमा कर देखा जाता है। इस परिक्षण के दौरान चटाक यानी पॉपिंग सुनाई दे तो यह घुटने की मिनिस्कस टियर होने का संकेत होगा।
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2.इमेजिंग परीक्षण (Imaging Test)-
मिनिस्कस टियर होने की पुष्टि करने के लिए इमेजिंग परीक्षण किया जा सकता है। इसमें निम्न शामिल है:
- घुटने का एक्स-रे (X-Ray of Knee)
इस परिक्षण में Meniscus Tear नहीं दिखाई देता, यह इसलिए किया जाता है, ताकि ये निर्धारित किया जा सके की घुटने में दर्द का कारण ऑस्टियोआर्थराइटिस तो नहीं।
- एमआरआई (MRI)
एमआरआई में घुटने की कई छवियों को लेने के लिए एक चुंबकीय क्षेत्र का उपयोग किया जाता है। एमआरआई से उपास्थि (cartilage) और लिगामेंट की तस्वीरें ली जाती है, ताकि निर्धारित किया जा सकें कि Meniscus Tear है या नहीं।
- अल्ट्रासाउंड (Ultrasound)
अल्ट्रासाउंड में शरीर के अंदर छवि लेने के लिए ध्वनि तरंगों का उपयोग किया जाता है। इससे यह निर्धारित किया जाता है कि घुटने में कोई ढीला उपास्थि तो नहीं।
3.आर्थ्रोस्कोपी (Arthroscopy)-
डॉक्टर आर्थोस्कोपी का सुझाव तब देते है जब उपरोक्त तकनीकों से घुटने के दर्द का कारण पता नही चल पाता है।
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इलाज
घुटने की मिनिस्कस टियर का इलाज कैसे किया जाता है?
यदि किसी व्यक्ति में घुटने की Meniscus Tear की समस्या के लक्षण दिखाई दे रहे है तो शुरुआत में आराम, बर्फ से सिकाई, पट्टी जैसी चीजों से इलाज करना चाहिए। जो गतिविधि घुटने के दर्द को और बढ़ाएं, वह न करें। यदि दर्द में आराम न मिलें तो घुटने की मिनिस्कस टियर का पता लगाने के लिए डॉक्टर से संपर्क करें। घुटने की Meniscus Tear चोट की पुष्टि होने के बाद डॉक्टर आपको दवाएं दे सकता है, इसके साथ ही घुटने के आसपास की मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए भौतिक चिकित्सा की सलाह भी दे सकते है। शारीरिक चिकित्सा दर्द को कम करने और घुटने की गतिशीलता और स्थिरता को बढ़ाने में मदद कर सकती है। डॉक्टर या फिजियोथेरेपिस्ट भी सूजन और कठोरता को कम करने के लिए मालिश जैसी तकनीकों का उपयोग कर सकता है।
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सर्जरी
यदि दवाई और फिजियोथेरेपी असर नहीं दिखा रही तो घुटने की मिनिस्कस टियर को ठीक करने के डॉक्टर आर्थोस्कोपिक सर्जरी की सलाह दे सकते है। सर्जरी के बाद जांचो के आधार पर डॉक्टर डाइट, एक्सरसाइज और दवाई लेने की सलाह देते है।
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हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की कोई भी मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है, अधिक जानकारी के लिए आप डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।