42 वर्षीया माया जो एक कॉरपोरेट एडवाइज़र है, उसे अक्सर गंभीर सिरदर्द के कारण काम छोड़ना पड़ता था। पिछले 7 साल से माया को सिर के दाहिनी तरफ और चेहरे पर गंभीर रूप से दर्द होता है। माया हमेशा से एक्टिव व करियर ओरिएंटेड महिला रही है।
के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya
42 वर्षीया माया जो एक कॉरपोरेट एडवाइज़र है, उसे अक्सर गंभीर सिरदर्द के कारण काम छोड़ना पड़ता था। पिछले 7 साल से माया को सिर के दाहिनी तरफ और चेहरे पर गंभीर रूप से दर्द होता है। माया हमेशा से एक्टिव व करियर ओरिएंटेड महिला रही है।
एक दिन मीटिंग के दौरान वह प्रेजेंटेशन दे रही थी तभी अचानक उसके सिर में तेज़ दर्द होने लगा और वह थोड़ी भी आवाज़ और रोशनी बर्दाशत नहीं कर पा रही थी। माया पसीने-पसीने हो गई और उसकी आंखों से पानी आने लगा, किसी तरह वह वहां से निकलकर घर पहुंची। दर्द पूरे दिन रहा। माया बिना किसी डिस्टर्बेंस के बस अंधेरे कमरे में सोना चाहती थी।
कुछ दिनों बाद जब वह अपनी सहेली समायरा के साथ शॉपिंग के लिए गई, तो फिर उसे उसी तरह का दर्द हुआ। उसकी हालत देखकर समायरा डर गई और वह माया को नज़दीकी अस्पताल ले गई। पूरी जांच और केस को विस्तृत रूप से देखने पर पता चला की उसे माइग्रेन है। ये सिरदर्द काम के तनाव और सूर्य के संपर्क में ज़्यादा रहने से होता है।
माया के माइग्रेन का इलाज होम्योपैथी से किया गया और एक महीने के अंदर वह पहले से बेहतर महसूस करने लगी। उसने उन कारणों की लिस्ट बनाई जिसकी वजह से सिरदर्द होता था, जैसे- नींद की कमी, प्रज़ेंटेशन बनाने से पहले बहुत तनाव लेना। साथ ही उसने यह भी देखा कि धूप में ज़्यादा देर रहने से भी सिरदर्द होता था। माया ने इन कारणों के बारे में अपने डॉक्टर से बात की और इनसे दूर रहने की कोशिश की। नियमित इलाज और कुछ परहेज करके माया को माइग्रेन अटैक से छुटकारा मिल गया और अब वह अपना काम ज़्यादा अच्छी तरह से कर पाती है।
और पढ़ें: माइग्रेन में खाना क्या चाहिए जिससे मिलेगी जल्दी राहत
माइग्रेन न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है, जिसके लक्षणों में तेज़ सिरदर्द, मतली, उल्टी, फोटोफोबिया (प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता) और फोनोफोबिया (आवाज़ के प्रति संवेदनशीलता) शामिल हैं। माइग्रेन अक्सर आनुवंशिक होता है और यह परिवार में किसी भी उम्र के सदस्य को हो सकता है।
माइग्रेन का निदान क्लिनिकल हिस्ट्री, लक्षणों और सिरदर्द के अन्य ज्ञात कारणों के आधार पर किया जाता है।
माइग्रेन के सही कारण का पता नहीं चल पाया है, हालांकि ऐसा माना जाता है कि यह मस्तिष्क में असामान्य गतिविधियों की वजह से होता है। यह नसों के संचार के तरीके पर असर डालता है और इस तरह से मस्तिष्क के केमिकल्स और रक्त वाहिकओं को प्रभावित करता है। माइग्रेन के लिए ये कारण ज़िम्मेदार हो सकते हैं –
लगातार होने वाले हार्मोनल बदलावों की वजह से महिलाओं को पुरुषों की तुलना में माइग्रेन अधिक होता है।
भावनात्मक कारण जैसे, तनाव, डिप्रेशन, एंग्ज़ाइटी, उत्तेजना, सदमा आदि के कारण से भी माइग्रेन का अटैक आता है।
बहुत ज़्यादा थकान, अपर्याप्त नींद, कंधा और गर्दन का तनाव, गलत पॉश्चर, बहुत ज़्यादा शारीरिक दबाव आदि के कारण भी माइग्रेन हो सकता है। लो बल्ड शुगर लेवल और जेट लैग भी माइग्रेन की वजह हो सकते हैं।
तेज़ गंध, तेज़ रोशनी, फ्लिकरिंग स्क्रीन, धुआं, तेज़ आवाज़ आदि माइग्रेन के लिए ज़िम्मेदार हो सकते हैं।
एलकोहॉल, चॉकलेट, चीज़, खट्टी चीज़ें आदि माइग्रेन की संभावना बढ़ा देती है। अनियमित खानपान, समय से न खाना और डीहाइड्रेशन भी माइग्रेन की वजह हो सकते हैं।
[mc4wp_form id=’183492″]
आधुनिक चिकित्सा में माइग्रेन का कोई इलाज नहीं है। चिकित्सा का उद्देशय इसके लक्षणों से राहत देना और माइग्रेन अटैक को रोकना है। होम्योपैथिक दवाओं से माइग्रेन से पूरी तरह छुटकारा पाया जा सकता है। लक्षणों और संकेतों के आधार पर आपके लिए कौन सा उपचार सही रहेगा, इस बारे में डॉक्टर से परामर्श करें।
माइग्रेन का दर्द या माइग्रेन अटैक से निम्नलिखित तरह से बचा जा सकता है। जैसे:-
माइग्रेन का दर्द दूर करने के लिए निम्नलिखित घरेलू नुस्खे अपनाये जा सकते हैं। जैसे:-
माइग्रेन का दर्द न करे आपको परेशान इसलिए क्या खाएं?
माइग्रेन का दर्द न हो इसलिए अपने आहार में निम्नलिखित खाद्य पदार्थ रोजाना शामिल करें। जैसे:-
इन ऊपर बताये गए खाद्य पदार्थों के सेवन से माइग्रेन का दर्द दूर रह सकता है। लेकिन, इस दर्द को ज्यादा वक्त तक नजरअंदाज न करें।
अगर आप भी माइग्रेन का दर्द झेल रहें हैं और इससे जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा। हैलो हेल्थ ग्रुप किसी भी तरह की मेडिकल एडवाइस, इलाज और जांच की सलाह नहीं देता है।
डिस्क्लेमर
हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।