के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya
कॉडा इक्वाईना सिंड्रोम एक दुर्लभ डिसऑर्डर है। जो सर्जरी से ही ठीक होता है। कॉडा इक्वाईना सिंड्रोम में व्यक्ति के स्पाइनल नर्व की रूट डैमेज हो जाती है। अगर कॉडा इक्वाईना सिंड्रोम का तुरंत इलाज नहीं किया गया तो यह बेकाबू हो जाएगा और पैरों में पैरालिसिस हो जाता है। कॉडा इक्वाईना सिंड्रोम कमर में उपस्थित नर्व रूट के बंडल, जिसे कॉडा इक्वाईना कहा जाता है, उसे प्रभावित करता है। कॉडा इक्वाईना स्पाइनल कॉर्ड के निचले हिस्से लम्बोसैक्रल स्पाइन में स्थित होता है। वे पैर और कमर के अंगों का संदेश ब्रेन तक पहुंचाते और ले जाते हैं।
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कॉडा इक्वाईना सिंड्रोम एक असामान्य सिंड्रोम है। जो बच्चों की तुलना में ज्यादातर बड़ों को होता है। लेकिन, ये उस बच्चे में पाया जाता है जन्म से जिसका स्पाइनल कॉर्ड विकृत हो या उसके स्पाइनल कॉर्ड में चोट लगी हो। ज्यादा जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
कॉडा इक्वाईना सिंड्रोम के लक्षण अलग-अलग होते हैं और ये धीरे-धीरे सामने आते हैं। जैसे :
इसके अलावा कॉडा इक्वाईना सिंड्रोम के ज्यादा लक्षणों की जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से बात करें।
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अगर आप में ऊपर बताए गए लक्षण सामने आ रहे हैं तो डॉक्टर को दिखाएं। साथ ही कॉडा इक्वाईना सिंड्रोम से संबंधित किसी भी तरह के सवाल या दुविधा को डॉक्टर से जरूर पूछ लें। क्योंकि हर किसी का शरीर कॉडा इक्वाईना सिंड्रोम के लिए अलग-अलग रिएक्ट करता है।
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कॉडा इक्वाईना सिंड्रोम होने के निम्न कारण हैं :
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कॉडा इक्वाईना सिंड्रोम के जोखिम को जानने के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
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यहां प्रदान की गई जानकारी को किसी भी मेडिकल सलाह के रूप ना समझें। अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
कॉडा इक्वाईना सिंड्रोम का पता लगाने के लिए डॉक्टर निम्न तरह से जांच करते हैं :
अगर आपकी जांच में कॉडा इक्वाईना सिंड्रोम की पुष्टि होती है तो आपको तुरंत इलाज की जरूरत पड़ेगी। क्योंकि आप इलाज में जितना देरी करंगे आपके नर्वस पर उतवना ज्यादा दबाव बढ़ता जाएगा। समय से इलाज न कराने पर आपके पैरों में पैरालिसिस भी हो सकता है। इसलिए बेहतर यही होगा कि कॉडा इक्वाईना सिंड्रोम के लक्षण सामने आने के 48 घंटे के अंदर ही आप इलाज करा लें।
वहीं, डॉक्टर कॉडा इक्वाईना सिंड्रोम के इलाज के लिए कॉर्टिकोस्टेरॉइड दवाएं देते हैं। अगर स्पाइनल कॉर्ड में संक्रमण होता है तो एंटीबायोटिक्स के द्वारा इलाज करते हैं। अगर किसी भी तरह का ट्यूमर दिखाई देता है तो सर्जरी के बाज कीमोथेरिपी भी की जाती है। जरूरी नहीं है कि ट्रीटमेंट से आप पूरी तरह से ठीक ही हो जाएं। आपका ट्रीटमेंट इस बात पर निर्भर करता है कि आपका स्पाइन कितना डैमेज हुआ है। अगर आपकी सर्जरी सफल हो जाती है तो कुछ सालों में आप पेट और आंत संबंधी समस्याओं से निजात पा जाएंगे।
कॉडा इक्वाईना सिंड्रोम के कारण अगर स्थाई रूप से स्पाइन डैमेज हो गया है और सर्जरी से भी ठीक नहीं होता है तो लाइफस्टाइल में बदलाव कर के सामान्य जीवन व्यतीत किया जा सकता है। क्योंकि पैरालिसिस के बाद मरीज भावनात्मक रूप से टूट जाता है तो ऐसे में उसे भावनात्मक सहारे की बहुत ज्यादा जरूरत होती है। मरीज की मदद निम्न लोग कर सकते हैं :
इसके अलावा मरीज को कॉडा इक्वाईना सपोर्ट ग्रुप में शामिल कराएं। जिससे उसे आत्मबल मिलेगा।
अगर पेट और आंत संबंधी समस्या है तो आप निम्न टिप्स को अपना सकते हैं :
इस संबंध में आप अपने डॉक्टर से संपर्क करें। क्योंकि आपके स्वास्थ्य की स्थिति देख कर ही डॉक्टर आपको उपचार बता सकते हैं।
हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है। अगर आपको किसी भी तरह की समस्या हो तो आप अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लें।
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