दांतों की समस्या तब तक बड़ी नहीं लगती है, जब तक आपको खाने या पीने में समस्या न हो। अक्सर लोग दांतों की समस्या को इग्नोर करते हैं और फिर बाद में इसके कारण उन्हें बड़ी समस्या का सामना करना पड़ता है। एक साल पहले मेरा टूथ एक्सट्रेक्शन हुआ था। कारण था अकल दाढ़ में इंफेक्शन। वैसे तो अकल दाढ़ का होना या न होना कोई खास मायने नहीं रखता है लेकिन अगर आपका विशडम टीथ आ चुका है, तो उसे ज्यादा साफ-सफाई की जरूरत पड़ती है। अगर आप ऐसा नहीं कर पाए, तो दांत में संक्रमण हो जाएगा और आपको टूथ एक्सट्रेक्शन की जरूरत पड़ सकती है। अकल दाढ़ या विशडम टूथ (Wisdom Tooth) में इंफेक्शन हो जाने के कारण अक्सर लोगों को टूथ एक्सट्रेक्शन (Tooth Extraction) का सामना करना पड़ता है। दांत को निकलवाने की प्रोसेस टूथ एक्सट्रेक्शन (Tooth Extraction) कहलाती है। इस दौरान आपको एनिस्थीसिया दिया जाता है, जिसके कारण दर्द का एहसास नहीं होता है लेकिन उसके बाद आपको कुछ समस्याओं का सामना जरूर करना पड़ सकता है। आज इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको टूथ एक्सट्रेक्शन के बाद माउथ अल्सर की समस्या (Mouth Ulcers Post Tooth Extraction) के बारे में जानकारी देंगे।
और पढ़ें: आपकी मुस्कुराहट में कहीं दाग न बन जाएं आपके दांत, ऐसे रखें ख्याल!
दांत की एक्सट्रेक्शन के बाद छाले (Mouth Ulcers Post Tooth Extraction)
दांत निकालने की प्रक्रिया दर्दनाक होती है। अगर अकल दाढ़ पूरी तरह से नहीं निकल पाती है या फिर सीध में नहीं होती है, तो उसे निकालने के दौरान ज्यादा समस्या होती है। ऐसे में एक्सट्रेक्शन साइट की हीलिंग भी दिक्कतभरी हो जाती है। जब दांतों को निकाला जाता है, तो दांत के आसपास की त्वचा में कुछ घिसाव हो जाता है, जो मुंह के छाले का कारण बनता है। सभी टूथ एक्सट्रेक्शन (Tooth Extraction) के बाद ऐसा हो, ये जरूरी नहीं है। दांतों को निकलवाने के बाद मुंह में छाले आम समस्या है। मुंह में अल्सर की समस्या के कारण खाने में दिक्कत के साथ ही छालों में दर्द की समस्या भी होती है। अगर आपने हाल में टूथ एक्सट्रेक्शन करवाया है, तो एक से दो दिन बाद डेंटिस्ट से दोबारा चेकअप जरूर कराएं। अगर आपको खाने में दिक्कत हो रही हो या फिर गम के आसपास जलन का एहसास हो रहा हो, तो आपको जांच जरूर करानी चाहिए। अगर छाले का इलाज न कराया जाए, तो ये घाव बन सकता है।
स्ट्रेस के कारण हो सकता है माउथ अल्सर (Stress Causes Mouth Ulcers)
आपको जानकर हैरानी हो सकती है कि सायकोलॉजिकल स्ट्रेस भी माउथ अल्सर का कारण बन सकता है। स्ट्रेस के कारण इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है और साथ ही इंफेक्शन से लड़ने की क्षमता भी कम हो जाती है। हो सकता है कि दांतों को निकालने के बाद मुंह में अल्सर का कारण स्ट्रेस हो। ऐसा कुछ केसेज में संभव हो सकता है।
और पढ़ें: क्या आप दांतों की समस्याएं डेंटिस्ट को दिखाने से डरते हैं? जानें डेंटल एंग्जायटी के बारे में
टिशू इंजुरी के कारण हो सकता है माउथ अल्सर (Tissue Injury Leads to Mouth Ulcers)
जैसा कि हम आपको पहले ही बता चुके हैं कि दांत को निकालने के दौरान आसपास के स्थान में रगड़ लग सकती है, तो ऊतकों या टिशू को नुकसान पहुंचाती है। मुंह के अंदर के टिशू को नुकसान पहुंचने पर अल्सर की समस्या हो जाती है। जब दांत अंदर की तरफ दबी हुई होती है, तो डेंटिस्ट को दाढ़ निकालने के लिए अधिक बल लगाना पड़ता है। इस कारण से गम के चारों ओर के टिशू को नुकसान पहुंच सकता है। गम के आसपास छोटे घाव मुंह के अल्सर का कारण बन सकते हैं। अगर अल्सर माइनर होता है, तो कुछ ही दिनों बाद ठीक हो जाता है। दांत की एक्सट्रेक्शन के बाद छाले (Mouth Ulcers Post Tooth Extraction) सभी को हो, ये जरूरी नहीं है। आपको इससे घबराने की जरूरत नहीं है।
[mc4wp_form id=’183492″]
ड्राय सॉकेट (Dry Socket) के कारण मुंह में अल्सर की समस्या
जब एक्सट्रेक्शन साइट पूरी तरह से ठीक नहीं हो पाती है या फिर घाव पूरी तरह से भर नहीं पाता है, तो भी ये मुंह में अल्सर का कारण बन सकता है। एक्सट्रेक्शन के बाद इस स्थान ब्लड क्लॉट (Blood clot) की समस्या हो सकती है। अगर एक्सट्रेक्शन के स्थान में घाव नहीं भरा है या फिर आपको पानी या कोई गर्म पेय दातों में समस्या पैदा कर रहा है, तो आपको डेंटिस्ट को इस बारे में जानकारी देनी चाहिए। दांतों को निकालने के एक हफ्ते बाद तक घाव भर जाता है। अगर दांत अधिक दबा हुआ था, तो घाव को भरने में अधिक समय लग सकता है। वहीं अल्सर की समस्या सात से दस दिनों बात ठीक हो जाती है। डॉक्टर आपको मुंह के अल्सर के लिए एक जैल देंगे, तो रोजाना छोले के ऊपर लगाया जाता है। अगर आपके मुंह के छाले सात से 10 दिनों बाद भी ठीक नहीं हो रहे हैं, तो आपको अपने डॉक्टर से इस संबंध में बात करनी चाहिए।
और पढ़ें: ऑर्थोडोंटिक्स ट्रीटमेंट से ठीक करें दांतों का शेप, इतना आएगा इलाज में खर्च
इन कारणों से भी हो सकती है मुंह में छालों की समस्या
मुंह में अल्सर किन कारणों से हो सकते हैं, ये कह पाना मुश्किल है। कुछ ऐसे ट्रिगर हैं, जो मुंह में छालों का कारण बन सकते हैं। जानिए माउथ अल्सर ट्रिगर्स के बारे में।
- माइनर माउथ इंजुरी (minor mouth injury )
- सोडियम लॉरिल सल्फेट युक्त टूथपेस्ट
- खट्टे फलों का सेवन जैसे कि पाइनएप्पल, स्ट्रॉबेरी आदि
- विटामिन बी 12, जिंक, फोलेट आदि कि कमी
- माउथ बैक्टीरिया को एलर्जी रिस्पॉन्स (allergic response to mouth bacteria)
- डेंटल ब्रेसेस (Dental braces)
- पीरियड्स के दौरान हॉर्मोनल चेंज
- इमोशनल स्ट्रेस
- नींद में कमी
- बैक्टीरियल, वायरल या फंगल इंफेक्शन (bacterial, viral, or fungal infections)
दांत के एक्सट्रेक्शन के बाद छाले की है समस्या, तो अपनाएं ये उपाय
- नमक वाले पानी (saltwater) और बेकिंग सोडा के कुल्ला करें।
- मुंह के छाले (Ulcer) में आप मैग्नीशिया मिल्क (milk of magnesia) का इस्तेमाल करें।
- आप मुंह के छाले में बेकिंग सोडा (Baking soda) पेस्ट का इस्तेमाल कर सकते हैं।
- ओवर-द-काउंटर बेन्जोकाइन (Benzocaine) का इस्तेमाल मुंह के छालों में राहत देता है।
- आप मुंह के छालों में कुछ देर के लिए आइस पैक लगाएं। ऐसा करने से आपको राहत मिलेगी।
- मुंह के छालों में कुछ समय के लिए टी बैग का इस्तेमाल भी किया जा सकता है।
- अगर आपको मुंह में छाले हैं, तो स्पाइसी फूड खाने की गलती बिल्कुल न करें। कोशिश करें कि ऐसे में लिक्विड डायट लें।
- एसिडिक फ्रूट्स जैसे पाइनएप्पल, अंगूर, ऑरेंज, लेमन आदि का सेवन न करें।
- खाना चबाते समय सावधानी रखें ताकि आपके छालों में दिक्कत न हो।
और पढ़ें: दांतों से टार्टर की सफाई के आसान 6 घरेलू उपाय
दांतों में किसी भी तरह की समस्या होने पर उसे इग्नोर नहीं करना चाहिए। अगर आप इंफेक्शन का इलाज नहीं कराएंगे, तो दांतों के आसपास पस यानी मवाद आने लगता है। ये मवाद भी थूक के जरिए शरीर में जाने लगता है। धीरे-धीरे इंफेक्शन बढ़ता है और आपके शरीर के अधिक नुकसान होने की संभावना बढ़ जाती है। टूथ एक्ट्रेक्शन के के बाद अल्सर की समस्या अपने आप ठीक हो जाती है। अगर न ठीक हो, तो आप डॉक्टर से भी इस बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। अगर आपको इस बारे में अधिक जानकारी चाहिए, तो बेहतर होगा कि आप अपने डेंटिस्ट से जरूर पूछें। आप स्वास्थ्य संबंधी अधिक जानकारी के लिए हैलो स्वास्थ्य की वेबसाइट विजिट कर सकते हैं। अगर आपके मन में कोई प्रश्न है, तो हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज में आप कमेंट बॉक्स में प्रश्न पूछ सकते हैं और अन्य लोगों के साथ साझा कर सकते हैं।
[embed-health-tool-bmi]