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29 सप्ताह के शिशु की देखभाल के लिए मुझे किन जानकारियों की आवश्यकता है?


Sushmita Rajpurohit द्वारा लिखित · अपडेटेड 30/09/2021

29 सप्ताह के शिशु की देखभाल के लिए मुझे किन जानकारियों की आवश्यकता है?

विकास और व्यवहार

29 सप्ताह के शिशु की देखभाल के लिए जानें जरूरी बातें

2 सप्ताह के शिशु की देखभाल के दौरान उसका विकास ​कैसा होना चाहिए ?

29 सप्ताह के शिशु की देखभाल के दौरान वे कई तरह की गतिविधियां करने लगते हैं। 29 सप्ताह के शिशु में आप पाएंगे कि अब वो काफी कुछ हरकतें करने लगा है। उनकी ये आदतें आपको खूब भाएंगी। नीचे जानिए 29 सप्ताह के शिशु क्या क्या करने लगते हैं :

आपका बच्चा यह सब करने लगेगा:

  • अगर आप बच्चो को बिस्किट देंगे, तो बच्चा खुद ब खुद उसे खाने लगेगा। 29 सप्ताह के शिशु को अब आपको अपने हाथ से खिलाने की जरूरत कम पड़ सकती है।
  • 29 सप्ताह के शिशु हंसने लगते हैं।
  • खुश होते वक्त बुदबुदा सकता है।
  • आपसे बात करते समय ज्यादातर हंसना

29 सप्ताह के शिशु की देखभाल के लिए मुझे  क्या करना चाहिए?

इस स्टेज पर,आपको अपने बच्चे को कप सेट से पानी पीने के लिए देना चाहिए। अच्छा होगा कि उनके लिए दोनों तरफ से पकड़ने वाली ग्लास ले आएं। अगर आपका बच्चा पानी की ग्लास से पानी न पी पाए और रोने लगे तो, उसके लिए उस गिलास का ढक्कन निकाल के दे दीजिए। आपको उन्हें यह भी समझाना होगा की उन्हें गिलास को कैसे उल्टा करना है ताकि उससे पानी आ सके। ऐसा करने से बच्चा जल्दी चीजें सीखना शुरू कर सकता है।

स्वास्थ्य और सुरक्षा

29 सप्ताह के शिशु की देखभाल के लिए मुझे डॉक्टर से क्या बात करनी चाहिए?

29 सप्ताह के शिशु ज्यादातर डॉक्टर इस महीने में चेकअप के लिए नहीं बुलाएंगे। इसका यही मतलब हो सकता है कि,आपको ज्यादा फिक्र करने की जरूरत नहीं है। आप अगले महीने जब चेकअप के लिए जाए तो सारे सवाल अपने डॉक्टर से पूछ सकते हैं, ध्यान में रख लें।

26 सप्ताह के शिशु की देखभाल के लिए मुझे किन बातों की जानकारी होनी चाहिए?

चूंकि बच्चों की इम्यूनिटी काफी लो होती है, इसलिए आपको उसकी सेहत का खास ध्यान रखना चाहिए। 29 सप्ताह के शिशु के लिए आपको कुछ बातों की जानकारी होनी चाहिए।

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29 सप्ताह के शिशु को बुखार आने पर क्या करें?

जब आपका बच्चा सात महीने का हो जाएगा,आपको उसके साथ क्या हो रहा है इस बात का ज्यादा ज्ञात होने लगेगा। अगर वो आपको रोज के मुकाबले ज्यादा गरम लगे तो थर्मामीटर से उनके बॉडी का तापमान माप लीजिए। आमतौर पर बच्चे की बॉडी का टेम्परेचर 36-38 डिग्री सेल्सियस के बीच का होना चाहिए।

आपको यह सुनके हैरानी होगी की कभी कभार बच्चे को बुखार आना अच्छा होता है, क्योंकि उसका मतलब यहां होता है उसकी बॉडी इन्फेक्शन से लड़ रही है। छोटे बच्चो का बॉडी टेम्परेचर बड़े बच्चों के तुलना में ज्यादा होता है, लेकिन उनको बुखार है यह तभी होगा अगर:

  • सर का तापमान 38° से ज्यादा है
  • कान के ऊपर का तापमान 37.8 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा हो
  • एक्सिलरी तापमान 37.2 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा हो

आपका शिशु सिर्फ सात महीने का है, वो आपसे नहीं अत सकता अगर उसे कोई तकलीफ है या नहीं। इसलिए बेहतर यही होगा कि अगर आपके बच्चे का बॉडी टेम्परेचर ज्यादा है तो आप डॉक्टर के पास जाए या उनसे इस बारे में बात जरूर करे।

अगर बुखार के साथ आपके बच्चे को और भी कुछ हो रहा है जैसे की सांस लेने में दिक्कत, त्वचा पर नीले या लाल रंग के धब्बे हो जाए तो, भूक काम लगने लगे,थूक ज्यादा आना,चिड़चिड़े रहना या और भी कुछ अलग बदताव करने लगे तो आपको डॉक्टर को बताना चाहिए। ये सभी लक्षण अगर किसी समस्या के हुए, तो डॉक्टर बच्चे को दवा दे सकते हैं।

बुखार से राहत पाने के लिए,बच्चे को गरम पानी के टब में नहला दे या सिर्फ स्पंज से साफ़ कर ले और थोड़े ठंडे रूम में सुलाने की कोशिश करे। ध्यान रहे ज्यादा ठंडी जगह भी न सुलाए उसे ठण्ड लगेगी,और डिहाइड्रेशन से बचने के लिए थोड़ी थोड़ी देर से स्तनपान या बोतल से दूध पिलाते रहे। अगर इन सभ से बुखार में फर्क न पड़े तो आप अपने डॉक्टर से पूछकर उसे दवाई दे। आपके बच्चे की दवाई का दोज उसके हाइट और वजन अपर निर्भर करता है। कभी भी अपने बच्चे को जरुरत से ज्यादा दवा न दे।

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महत्वपूर्ण बातें

29 सप्ताह के शिशु की देखभाल के दौरान उसकी आदत न बिगड़े:

जब बच्चे छोटे है, वे ज्यादातर आपके हाथ में रहते है। लेकिन अब वे जितना आपके हाथ में या गोदी में न रहे उतना ही अच्छा है। अगर वो ज्यादा वक़्त आपके ही हाथो में रहेंगे तो वो खुद से खलेना, यहां और चीजों को समझ नहीं पाएंगे। उन्हें हर बार बस आदत हो जाएगी कि वे बस आपके पास आपके हाथ में ही रहे। कभी कभार वे बिना बात के ही रोने लगते है और इशारा करते है की आप उन्हें उठा ले। लेकिन आपको उनकी बात नहीं माननी चाहिए।

इससे उनका ध्यान हटाने के लिए उनका ध्यान हटाने या किसी और चीज़ पर लगाने की कोशिश करे। बच्चे आपका ध्यान उनकी तरह आकर्षित करने के लिए रोने लगते है, ताकि आप उनकी तरफ ध्यान दे और उन्हें चुप करने के लिए गोदी में उठा ले। लेकिन ऐसा नहीं की आप बिल्कुल ध्यान ही न दे,देख ले की कही उसे भूख तो नहीं लगी है या पानी चाहिए क्या? उसके डायपर उसे परेशां तो नहीं कर रहा? थक तो नहीं गया?

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इन सब के आलावा भी अगर वो वैसे ही कर रहा है तो,उसे कुछ और दिखाइए ताकि उसका ध्यान हटकर कही और लगे। उनके खिलोने में से कुछ न कुछ बताने लगे,कोई नया खेल दिखने की कोशिश करे।

उन्हें कही और व्यस्त कर,आप उनके सामने से हट जाए ताकि उनका ध्यान आप पर वापस न आ सके। अगर वो रोने लगे तो कुछ गण गाकर या कोई नयी आवाज निकल कर उसे चुप कराए,उससे वो जरूर चुप हो जाएगा। ऐसा करते करते आपको उसे गोद में लेने का समय कम कर देना चाहिए,क्योंकि तो ही वो खुद से खेलना सिख पाएगा।

ऐसा न सोचे कि आपका बच्चा बिचारा अकेले खेल रहा है। वो अकेले खेलेगा तो ही चीज़ो को अच्छी तरह समझ पाएगा। लेकिन इन सब में यह भी न भूले की आपके बच्चे को अभी आपके प्यार और ध्यान दोनों की जरुरत है। आपके नज़दीक आने का मौका आपका बच्चा छोड़ेगा नहीं और न ही आपको छोड़ना चाहिए।

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उम्मीद है आपको हमारा ये लेख पसंद आएगा। अगर आपका शिशु भी इस उम्र का है, तो वो कैसी गतिविधियां करता है, इस बारे में हमें जरूर जानकारी दें और अपना एक्सपीरिएंस शेयर करें।

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Sushmita Rajpurohit द्वारा लिखित · अपडेटेड 30/09/2021

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