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क्या एपस्टीन पर्ल का इलाज जरूरी है (Is Epstein Pearl Treatment Necessary) ?
एपस्टीन पर्ल हानिरहित हैं। लेकिन अगर आपके शिशु में दर्द या चिड़चिड़ेपन के लक्षण दिख रहे हैं, तो आपको, उनके लिए डॉक्टर से संपर्क करना एक अच्छा विचार हो सकता है। एपस्टीन पर्ल बहुत आम हैं, इसलिए डॉक्टर इन धक्कों को उनकी उपस्थिति से ही पहचानने में सक्षम होंगे। इसके अलावा, आपके बच्चे के लक्षणों के आधार पर, उनके डॉक्टर उनके मुंह की जांच कर सकते हैं, ताकि वे बर्थ टीथ के लक्षणों की जांच कर सकें। कुछ बच्चों में ओरल थ्रश की समस्या भी देखी जाती है। ऐसी समस्या के साथ कुछ बच्चे पैदा होते हैं। वे बहुत दुर्लभ हैं, लेकिन वे एपस्टीन मोती के समान दिख सकते हैं। ओरल थ्रश, एक प्रकार का यीस्ट इंफेक्शन है, जो आपके बच्चे के मुंह में छोटे सफेद धक्कों या व्हाइट कोटिंग का कारण बन सकते हैं। इसका समय रहते इलाज बहुत जरूरी है। एपस्टीन पर्ल की समस्या जिन बच्चों में देखी जाती है, उनमें जन्म के कुछ हफ्तों के भीतर अपने आप यह चले जाते हैं, लेकिन कई महीनों तक बने रह सकते हैं। यदि आप कई हफ्तों के बाद भी धक्कों को नोटिस कर रहे हैं और वे कम नहीं हो रहे हैं, तो यह सुनिश्चित करने के लिए डॉक्टर से इस बारे में आपको बात करनी चाहिए, कि धक्कों किसी और चीज का परिणाम नहीं हैं। लंबे समय के लिए इसे बिना इलाज के न छोड़ें। यह किसी गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है। इसलिए समय रहते इलाज बहुत जरूरी है। इसी के साथ बढ़ते समय के साथ इस बात पर भी नजर बनाए रखें कि कहीं उनमें कोई नोटिस करने वाले लक्षण तो नजर नहीं आ रहे हैं, जैसे कि त्वचा के रंग में बदलाव, एपस्टीन पर्ल के आकार में बदलाव यानि कि वो बड़ा हो रहा हो या उसमें से कोई द्रव निकल रहा हो आदि। इस तरह के लक्षण नोटिस होने पर आप डॅाक्टर को बताएं।
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लेकिन सामान्य मामलो में एपस्टीन पर्ल को किसी भी प्रकार के उपचार की आवश्यकता नहीं होती है। कई मामलों में, वे जन्म के एक या दो सप्ताह के भीतर अपने आप गायब हो जाते हैं। स्तनपान, बोतल से दूध पिलाने पिने के दौरान भी कई बार एपस्टीन पर्ल अपने आप टूट जाते हैं। इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से बात करें।