यही कारण है कि कई नवजात शिशुओं के जन्म के तुरंत बाद नुकीले सिर होते हैं। हालांकि, कुछ दिनों के भीतर, यह सामान्य स्थिति में आ जाती है। सिर के पीछे के फॉन्टानेल्स (Fontanels) आमतौर पर तब क्लोज हो जाते हैं, जब बच्चा लगभग चार महीने का होता है। शिशु के जन्म के बाद के तीन सालों में शिशु के स्कल का विकास बहुत तेजी से होता है। हालांकि, बीस साल की उम्र तक बच्चे की स्किल का विकास होता रहता है। अब जानते हैं स्पाइनल डेवलपमेंट के बारे में।

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फीटल बोन स्केलेटन सिस्टम में स्पाइनल डेवलपमेंट (Spinal Development)
शिशु की स्पाइन टिश्यू के पेयर्ड ब्लॉक से शुरू होती है जिसे सोमाइट्स (Somites) कहा जाता है। यह ब्लॉक बाद में इंडिविजुअल स्पाइनल बोन्स यानी कशेरुक (Vertebrae), के साथ ही रिब केज, मसल्स और स्किन में बदल जाते हैं। सोमाइट्स (Somites) का पहला पेयर तब अपीयर होता है, जब आप पांच हफ्ते की प्रेग्नेंट होती हैं। अगले दो ही हफ्तों में, इसकी संख्या बढ़ कर 35 होती है। इस दौरान अल्ट्रासाउंड टेस्ट के दौरान इन सोमाइट्स समिट्स को देखा जा सकता है। यह मोतियों की एक माला की तरह लगते हैं। आपके 8 महीने की गर्भवती होने पर यह सोमाइट्स (Somites) गायब हो जाते हैं क्योंकि यह विभिन्न तरह के टिश्यूज में डेवलप हो जाते हैं। अब जानिए शिशु के लिंब बोन्स के बारे में।
फीटल बोन स्केलेटन सिस्टम में लिंब बोन्स (Limb bones)
जब आप 5 और 6 हफ्तों की प्रेग्नेंट होती हैं, तो भ्रूण की बाजुओं का विकास होना शुरू होता है। 8 हफ्ते तक उसकी लेग्स बड्स फ्लिपर्स के जैसे नजर आती हैं। 14 हफ्तों तक उनकी बाजुएं अपनी फाइनल प्रोपोरशन तक पहुंच जाती हैं। उनकी टांगों को विकसित होने में अभी कुछ और हफ्ते लगते हैं। 14 हफ्तों तक बच्चा अपने लिंब्स को कोऑर्डिनेटेड तरीके में मूव करना शुरू कर देता है। हालांकि, 18 हफ्तों तक मां इनका अनुभव नहीं करती है। लेकिन, इसके बाद मां अपने बच्चे की इन मूवमेंट्स का अनुभव करती है। कुछ रिसर्च यह बताती हैं कि फीटल मूवमेंट से बोन्स को मजबूत होने में मदद करती हैं। अब जानते हैं कि फीटल बोन स्केलेटन सिस्टम (Fetal bone skeleton system) में बोन ग्रोथ के बारे में स्टेप-बाय-स्टेप डिटेल्स।
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स्टेप बाय स्टेप फीटल बोन स्केलेटन सिस्टम ग्रोथ (Fetal bone skeleton system growth)
गर्भावस्था के नौ महीने शिशु के विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण होते हैं फिर वो ग्रोथ शारीरिक हो या मानसिक। इस आर्टिकल में हम बच्चे के बोन्स के विकास के बारे में बात कर रहे हैं। तो आइए जानें कि हर मंथ शिशु की बोन्स में क्या बदलाव आते हैं:
पहले महीना (Month 1)
कन्सेप्शन के बाद एम्ब्रियो (Embryo) को सेल्स की तीन लेयर्स में डिफरेंशिएट किया जाता है। मेसोडर्म (Mesoderm) या मिडिल लेयर शिशु की बोन्स में विकसित होती हैं। इनर लेयर जिसे एंडोडर्म endoderm शिशु का डायजेस्टिव सिस्टम, लिवर और लंग्स बन जाती है। एक्टोडर्म ( ectoderm) या आउटर लेयर नर्वस सिस्टम, हेयर, स्किन और आंखों में विकसित हो जाती है।
दूसरा महीना (Month 2)
इस दौरान छोटी एम्ब्रियो (Embryo) में बड़ा बदलाव आता है। यह क्लेविक्ल (Clavicle) और बैकबोन में डेवलप होना शुरू हो जाती है। छह हफ्ते की प्रेग्नेंसी में बाजु का विकास होना शुरू हो जाता है।
तीसरा महीना (Month 3)
तीसरे महीने में, शिशु के स्केलेटन का और अधिक विकास होने लगता है। छोटे लिंब बड्स आर्म्स और लेग्स में विकसित हो जाते हैं और उनमें उंगलियां और अंगूठे आदि भी बन जाते हैं।