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बच्चे को चोट से बचाने के लिए ध्यान रखें इन बातों का

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Nikhil Kumar द्वारा लिखित · अपडेटेड 23/06/2021

    बच्चे को चोट से बचाने के लिए ध्यान रखें इन बातों का

    बच्चे नटखट होते हैं, इसलिए बदमाशियां भी बहुत करते हैं। इन्हीं बदमाशियों के कारण उन्हें अक्सर चोट भी लगती है। माता-पिता घर में बच्चे की सुरक्षा के इंतजाम में कोई कमी नहीं छोड़ते हैं। फिर भी बच्चे किसी न किसी तरह से खुद को घायल कर लेते हैं। इन तरह की घटनाओं को रोकने के लिए पेरेंट्स बहुत चिंतित रहते हैं। हैलो स्वास्थ्य आपको बताएगा कि किस तरह के हादसों के दौरान अपने बच्चे को चोट (Child injury) लगने से बचाएं। यदि शिशु को चोट लग भी जाए तो क्या उपाय सबसे पहले किए जाने चाहिए।

    बच्चे को चोट (Child injury): अगर बच्चा जल जाए

    बर्न यानी जलना सबसे आम लेकिन बहुत दर्दनाक चोट होती है। स्टोव, लैंप, माचिस, जलाई हुई सिगरेट, फायरप्लेस,मोमबत्ती, गर्म सतहों या सामानों को छूना, जैसे कि स्टोव, हीटर और माइक्रोवेव कंटेनर, गर्म तरल और भाप पान, कप, गर्म पानी के हीटर और नहाने के गर्म पानी से बच्चे जल सकते हैं।

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    सुरक्षा के लिए टिप्स (Safety tips)

    • वॉटर हीटर सेट करें जो 120 डिग्री फेरानहाइट से अधिक नहीं है।
    • चूल्हे पर खाना पकाने के बाद कभी न छोड़ें। बर्तन के हैंडल को बच्चे के पहुंच से दूर रखें। किचन में बच्चों को अकेला न जाने दें।
    • अपने घर में स्मोक अलार्म लगा कर रखें।
    • जब भी कैंडल या कोई दीपक जलाएं तो बच्चे को वहां अकेला न छोड़ें।
    • जब छोटे बच्चे घर में हों, तो आपको जलने से बचाने वाला मरहम पहले से ही घर में रखना चाहिए। न केवल जलने से बचाने वाली क्रीम बल्कि चोट को ठीक करने वाला मरहम भी घर में मौजदू रखना चाहिए।

    बच्चे को चोट (Child injury)

    इलेक्ट्रिक स्वीच से बच्चे को चोट

    इलेक्ट्रिक स्वीच से बच्चे को चोट (Child injury) लग सकती है। अक्सर बच्चे इलेक्ट्रिक स्वीच के टक-टक की आवाज सुन कर आकर्षित होते हैं और बार-बार स्वीच को ऑन-ऑफ करना चाहते हैं। ऐसा करने से कभी भी बच्चे को करंट का झटका तक लग सकता है। साथ ही अगर स्वीच ऊपर है तो बच्चा उसे पाने के चक्कर में गिर भी सकता है। ऐसे में कोशिश करें कि इलेक्ट्रिक स्वीच बच्चे के पहुंच से दूर लगा हो।

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    गिरने से बच्चे को चोट (Child injury)

    बच्चों को सबसे ज्यादा चोटें गिरने के कारण लगती हैं। एनआईएच के अनुसार, हर रोज लगभग 8,000 बच्चे गिरने के कारण चोटिल होते हैं। कई बार बचपन में गिरने से लगी चोट बच्चों में आगे चलकर समस्या खड़ी कर देती है। इसलिए ध्यान रखें कि यदि बच्चे के सिर में चोट लगी है,तो उसे तुरंत ही मरहम लगाएं। यदि चोट लगने से  और ब्लड न निकले तो तुरंत ही ठंडे पानी से थपकी दें। इससे चोट लगने पर ब्लड नहीं जमता है।

    सुरक्षा कैसे करें

    यदि बच्चे को गिरने से बचाना चाहते हैं, तो उसके लिए कुछ बातों का ध्यान रखना आवश्यक है। आमतौर पर बच्चे टेबल और बेड से गिर सकते हैं। ऐसे में बच्चे को कभी भी बेड पर अकेला न छोड़ें। अगर छोड़ना भी है तो गद्दे और तकिया लगा कर चारों तरफ से बच्चे को सुरक्षित कर दें। इसके अलावा दूसरी मंजिल पर ऊंची खिड़कियों में विंडो गार्ड लगा दें। बच्चे को कभी भी छत पर अकेला न छोड़ें।

    बाथटब में डूबने से

    अक्सर खबर आती है कि छोटा बच्चा टब में डूबने के कारण मर गया। ऐसा होता है पेरेंट्स की लापरवाही के कारण। वे टब या बाल्टी में पानी भर कर छोड़ देते हैं और बाथरूम का दरवाजा लॉक न हीं करते हैं। ऐसे में बच्चा अगर वहां जाता है तो पानी से खेलने के चक्कर में उसमें गिर जाता है। नहलाते हुए बच्चे को छोड़कर कभी न जाएं, कुछ लोग अक्सर बच्चे को पानी के पास छोड़कर फोन रिसीव करने या कोई और काम करने चले जाते हैं। लेकिन यह आपके बच्चे के लिए बहुत बड़ी लापरवाही साबित हो सकती है।

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    सावधानियां

    • वॉशरूम, बाथटब, और बाल्टी में पानी के आसपास छोटे बच्चों को न जाने दें।
    • सुनिश्चित करें कि गर्म टब, स्पा और स्विमिंग पूल आपके बच्चे की पहुंच से दूर हैं।
    • अपने बच्चे को फव्वारे और कुओं से दूर रखें।
    • जब भी वह पानी के आसपास खेल रहा हो, अपने बच्चे पर नजर बनाए रखें।

    बच्चे को चोट (Child injury)

    कटने से बच्चे को चोट लगना

    अक्सर हम कैंची या चाकू कहीं भी रख के भूल जाते हैं। जब उस पर बच्चे की नजर पड़ती है तो वह उससे खेलने लग जाता है। ऐसे में अक्सर बच्चे चोटिल हो जाते हैं। कभी-कभी यह गंभीर घटना को जन्म देती है। पेपर काटने वाला नाइफ या ब्लेड भी लोग अक्सर कॉपी -किताब रखने वाली जगह पर रखकर भूल जाते हैं। बच्चे खेलते हुए अक्सर ये सभी चीजें उठा लेते हैं। यह बहुत नुकीला होता है, इससे थारदार चोट लगने की संभावना होती है। यदि बच्चे को इस तरह से चोट लग जाती है, तो तुरंत ही डिटॉल या एंटीसेप्टिक लगाना चाहिए।

    सावधानियां

    • बच्चे को किचन से दूर रखें, हो सके तो चाकू स्टैंड को बच्चे की पहुंच से ही दूर रखें।
    • बच्चे को खेलने के लिए कभी भी कोई धारदार चीज न दें।
    • अगर बच्चा स्कूल जाता है तो अपनी देखरेख में ही कैंची संबंधी क्राफ्ट का काम कराएं।
    • घर में मौजूद सुई और कील को एक डिब्बे में बंद करके रखें।

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    बच्चे को चोट (Child injury) लगने पर प्राथमिक उपचार

    अगर छोटे बच्चे को चोट (Child injury) लग गई है और हड़बड़ी में आपको समझ नहीं आ रहा है कि क्या करें? कौन से डॉक्टर के पास ले जाएं तो नीचे बताए गए प्राथमिक उपचार को अपनाएं और जब बच्चे को थोड़ा रिलीफ मिल जाए तो डॉक्टर के पास ले जाएं।

    • यदि बच्चे को चोट (Child injury) लगने पर शरीर के उस हिस्से से लगातार खून बह रहा हो तो, सबसे पहले खून रोकने का उपाय करना चाहिए। जैसे – घाव पर फिटकरी लगाया जा सकता है। इससे तुरंत खून बहना बंद हो जाएगा।
    • इसके अलावा छोटे-मोटे कट के लिए बर्फ के टुकड़ें को घाव वाली जगह पर रगड़ने से खून बहना बंद हो जाता है।

    बच्चे को चोट (Child injury) लगने पर इस बात का ध्यान रखे की कही उसे अंदरूनी चोट तो नहीं लग गई है, ऐसा होने पर लहसुन, हल्दी और गुड़ को मिलाकर लेप करने से बच्चे की चोट ठीक हो जाती है। लहसुन की कली को थोड़े से नमक के साथ पीसकर उसकी पोटली बनाकर बांधने से चोट ओर दर्द में आराम मिलता है।

  • कभी-कभी बच्चे के गिर जाने उसके माथे या सिर के पीछे के भाग में सूजन आ जाती है। ऐसे में प्रभावित हिस्से पर तुरंत बर्फ रगड़ने से बच्चे को चोट (Child injury) के दर्द से आराम मिलता है। प्रभावित क्षेत्र पर सीधे एक आइस पैक लगाएं। ठंडी बर्फ वासोकोनस्ट्रक्शन (vasoconstriction) को बढ़ाकर रक्त वाहिकाओं की सूजन को सीमित करती है। इससे दर्द कम महसूस होता है।
  • अगर बच्चे को फ्रैक्चर हो गया है और ब्लीडिंग हो रही है तो किसी कपड़े या पट्टी की मदद से प्रभावित क्षेत्र पर दबाव बनाकर रक्तस्त्राव रोकें। प्रभावित क्षेत्र को हिलने न दें और बच्चे को जल्द-से-जल्द डॉक्टर के पास ले जाएं।
  • नोट: बच्चे को चोट लगने पर फर्स्ट एड या प्राथमिक चिकित्सा देने से एक बार पहले ही डॉक्टर से सलाह ले लेनी चाहिए। अपने बच्चे को किसी भी प्रकार की चोट लगने पर घबराए नहीं। पहले यह देखे कि उसे किस तरह की चोट लगी है। यह समझते हुए उसका प्राथमिक इलाज करें। यदि चोट गंभीर हो तो डॉक्टर के पास तुरंत ले जाएं।

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    बच्चे को चोट से बचाने के लिए जरूरी है कि आप उसकी सुरक्षा के साथ इन सभी बातों का ध्यान रखें। इसके अलावा, बच्चों को भी समझाएं कि उन्हें किन चीजों के पास नहीं जाना चाहिए। ऊपर बताए गए टिप्स (बच्चे को चोट लगने पर पेरेंट्स को क्या करना चाहिए) आपको कैसे लगे? हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं साथ ही अगर आपका इस विषय से संबंधित कोई भी सवाल या सुझाव है तो वो भी हमारे साथ शेयर करें।

    डिस्क्लेमर

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