बच्चों के साथ समय बिताना, खेलना और उन्हें किस करना हर पेरेंट को पसंद होता है। कई बार देखा जाता है बच्चों के साथ खेलते हुए पेरेंट्स के अलावा परिवार के लोग और दोस्त भी बच्चों को किस (Kiss the kids) कर लेते हैं। लेकिन, क्या आपने कभी सोचा है कि यह लाड़-प्यार आपके लाडलों पर भारी पड़ सकता है। इतना ही नहीं किस कतने से वे गंभीर रूप से बीमार भी हो सकते हैं। इसके अलावा आपने सोशियल मीडिया पर देखा होगा कि एक मीम वायरल हो रहा है कि इस सीजन में अपने बच्चे को किस न करें। हम भी आपको यही सलाह देंगे कि इस सीजन में बच्चे को किस करने से बचें। इसका मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि हम आपको अपने बच्चे का दुलार करने से रोक रहे हैं। दरअसल, सर्दी के सीजन में आरएसवी(Respiratory Syncytial Virus) का खतरा बढ़ जाता है। यह वायरस वयस्कों में केवल एक सर्दी और जुकाम की तरह हो सकता है, जबकि बच्चों में यह जानलेवा तक साबित हो सकता है। इस वायरस से इंफेक्टिव बच्चों को सांस लेने में दिक्कत होने की समस्या का सामना करना पड़ता है।
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बच्चे को चूमना: किस करने से बच्चों को हो सकती है यह बीमारी
यह वायरय सर्दी के मौसम में फैलता है। आरएसवी (RSV) में लंग्स में इंफेक्शन हो जाता है। जो शख्स के सांस लेने की प्रक्रिया को बाधित करता है। इसके अलावा यह बच्चों को ज्यादा जल्दी इफेक्ट करता है। इस इंफेक्शन के लक्षण शुरुआत में आम सर्दी-जुकाम की ही तरह लगते हैं। कई बार तो बच्चों में यह चरम पर आने के बाद अपना असर पांचवे दिन दिखाता है और तब तक स्थिति काफी बिगड़ चुकी होती हैं। इस सीजन में जब आप पांच साल से छोटे बच्चों को देखेंगे तो पाएंगे कि सर्दी-जुकाम होना एक आम समस्या है और अधिकांश बच्चे इससे जूझ रहे होते हैं। इसी कारण कई बार लोग इसे हल्के में लेते हैं और इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। इस वायरस की सबसे खतरनाक बात यह होती है कि व्यस्कों में इसके लक्षण दिखने से पहले ही वे संक्रमण को आगे बढ़ा सकते हैं। ऐसे में अब ये लोग जब बच्चों के संपर्क में आते हैं तो बच्चे इस संक्रमण के शिकार हो जाते हैं।
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बच्चे को चूमना: खुद पर रखें काबू
बच्चों के साथ खेलते हुए और उनकी प्यारी हरकतों को देखकर आपको उन पर प्यार आना लाजमी है, लेकिन आपको इस सीजन में खुद पर काबू रखना पड़ेगा। इतना ही नहीं आप अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को भी इस खतरे के बारे में बताएं। साथ ही इस बात का भी ख्याल रखें कि बच्चों के पास जाते समय या उनके साथ खेलते समय साफ सफाई का भी ख्याल रखें। साथ ही बच्चों को किस (Kiss the kids) करना ही चाहते है, तो सिर पर किस कर सकते हैं। यहां से संक्रमण फैलने का खतरा बहुत कम होता है।
शिशु कमजोर होते हैं
बच्चों के शुरुआती सालों में बच्चे बहुत कमजोर होते हैं। ऐसे में मां-बाप को सावधानी बरतने की जरूरत होती है। साथ ही बच्चों को किस (Kiss the kids) करना भी उनके लिए बीमारियों को निमंत्रण देने जैसा हो सकता है। यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के डेविस चिल्ड्रन हॉस्पिटल में बच्चों की संक्रमण की बीमारियों को चीफ डॉक्टर डीन ब्लमबर्ग इस बारे में कहते हैं कि जो बच्चे अभी कुछ ही महीने के हैं उनके माता-पिता को सतर्क रहने की जरूरत होती है। ब्लूमबर्ग ने इस बारे में कहा कि बच्चों का इम्यून सिस्टम समय के साथ मजबूत होता है। वे बताते हैं कि बच्चे जन्म के पहले महीने में विशेष रूप से संक्रमण के शिकार होते हैं। बच्चों में इस समय बुखार के साथ-साथ कई और लक्षण भी दिख सकते हैं। तीन महीने तक बच्चों में इस तरह के लक्षण दिख सकते हैं। ऐसे में वायरल मैनिंजाइटिस सिर्फ उन बीमारियों में से एक है जो नवजात शिशुओं के लिए घातक साबित हो सकती हैं। साथ ही वे कहते हैं कि बच्चों को टीकाकरण करने से पहले, वे किसी भी बीमारी का शिकार हो सकते हैं, जिसकी रोकथाम टीके द्वारा की जा सकता है। ऐसे में जीवन के शुरुआती सालों में बच्चों को किस (Kiss the kids) करने से बचने की जरूरत होती है।
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माता-पिता के लिए सलाह
एक्सपर्ट मानते हैं कि माता-पिता को अपने नवजात शिशुओं के साथ व्यवहार करते समय बस सामान्य ज्ञान का प्रयोग करना चाहिए। माता-पिता को सलाह दी जाती है कि वे शिशुओं को भीड़ भरे स्थानों पर ले जाने से बचें और बच्चे के जीवन के पहले महीने में बहुत अधिक आगंतुक होने से बचें। साथ ही इस बात का भी ख्याल रखें कि बच्चों को किस (Kiss the kids) करने से वे संक्रमण का शिकार हो सकते हैं। यह भी कहा जाता है कि माता-पिता को अन्य छोटे बच्चों के साथ घनिष्ठ संपर्क से बचना चाहिए या बच्चे को संभालने से पहले हमेशा अपने हाथों को धोना चाहिए। जो लोग खांसी, बहती नाक, गले में खराश या दाने जैसी किसी भी बीमारी का संकेत दे रहे हैं, उन्हें नवजात शिशु के निकट संपर्क में नहीं आना चाहिए। ब्लमबर्ग ने माना कि नए माता-पिता को कोशिश करनी चाहिए कि वे बच्चों को नए लोगों से कम से कम संपर्क में आने दें। ब्लमबर्ग कहते हैं कि यह एक मुश्किल मुद्दा है क्योंकि कई परिवारिक और सांस्कृतिक अपेक्षाएं हैं, जिन्हें संभावित संक्रमणों के संपर्क में सीमित करके संतुलित करने की आवश्यकता है। मैं किसी भी विशिष्ट आगंतुकों को सीमित करने की अनुशंसा नहीं करता। इसके बजाय, सुनिश्चित करें कि सभी आगंतुक प्रतिरक्षित और स्वस्थ हैं।
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बच्चों में संक्रमण के इन लक्षणों को देखें
ब्लमबर्ग ने यह भी सलाह दी कि माता-पिता को शिशुओं में विशेष लक्षणों पर नजर रखनी चाहिए जो गंभीर बीमारी का संकेत हो सकते हैं। जीवन के पहले महीने में कोई भी बुखार गंभीर संक्रमण का संकेत हो सकता है। यदि रेक्टल तापमान 100.4 ° F [38 ° C] या इससे अधिक है, तो अपने डॉक्टर को दिखाने की जरूरत होती है। अन्य लक्षणों में सांस लेने में कोई कठिनाई, उल्टी, दस्त, खराब भोजन के कारण वजन घटना, पेशाब की कमी और संभावित निर्जलीकरण और बिना किसी कारण के चकत्तें दिखना शामिल हैं। कई मामलों में देखा जाता है कि गंभीर संक्रमण वाले शिशु खाना खाना बंद कर देते हैं, लंबे समय तक सोए रहते हैं या फिर बेहद चिड़चिड़ें हो जाते हैं।
बच्चों में संक्रमण को कभी भी इग्नोर न करें वरना गंभीर रूप भी देखने को मिल सकते हैं। किसी प्रकार के लक्षण दिखने पर डॉक्टर को जरूर दिखाएं। बच्चों को समय-समय पर पानी भी पिलाएं ताकि शरीर में पानी की कमी न हो।
हैलो हेल्थ किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार उपलब्ध नहीं कराता। इस आर्टिकल में हमने आपको बच्चों को किस (Kiss the kids) संबंधित जानकारी दी है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस संबंध में अधिक जानकारी चाहिए, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्सर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे।
बच्चों को किस (Kiss the kids) करने से जुड़ी या अन्य स्थितियों में किस तरह उनकी देखभाल करनी चाहिए, इस बारे में अधिक जानकारी के लिए आप हमारे एक्सपर्ट का यह वीडियो भी देख सकते हैंः
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