ये ऊपर बताये लक्षण हेपेटाइटिस बी के लक्षण हो सकते हैं। इसलिए अगर आप ऐसे लक्षण महसूस कर रहें हैं, तो डॉक्टर से कंसलटेशन करें। क्योंकि अगर हेपेटाइटिस बी के इलाज में लापरवाही बरती गई तो लिवर सिरॉसिस (Liver cirrhosis) का खतरा बढ़ जाता है। वैसे ऐसी कोई परिस्थिति ना हो इसलिए हेपेटाइटिस बी वैक्सीन लगाई जाती है। हेपेटाइटिस बी वैक्सीन जुड़ी जानकारी शेयर करेंगे, लेकिन सबसे पहले हेपेटाइटिस बी के कारण को समझ लेते हैं।
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हेपेटाइटिस बी के कारण क्या हो सकते हैं? (Cause of Hepatitis B)
सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (Center for Disease Control and Prevention) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार हेपेटाइटिस बी के कारण निम्नलिखित हो सकते हैं। जैसे:
- हेपेटाइटिस बी इन्फेक्टेड व्यक्ति के साथ असुरक्षित यौन संबंध बनाना।
- इन्फेक्टेड सुई का इस्तेमाल करना।
- हेपेटाइटिस बी जन्म के दौरान इन्फेक्टेड मां से पैदा होने वाले बच्चे में ट्रांसफर हो जाता है।
यही हेपेटाइटिस बी के होने का मुख्य कारण माना गया है। चलिए अब जानते हैं हेपेटाइटिस बी वैक्सीन के बारे में।
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हेपेटाइटिस बी वैक्सीन (Hepatitis B Vaccine) क्या है?
हेपेटाइटिस बी के वायरस से बचाव के लिए हेपेटाइटिस बी वैक्सीन नवजात शिशुओं को लगाई जाती है। वहीं 18 साल तक उम्र के बच्चों को भी हेपेटाइटिस बी का टिका लगाया जाता है। नवजात शिशुओं एवं किशोरों के अलावा हेपेटाइटिस बी का टिका उन वयस्कों को भी लगाई जा सकती है, जिन्हें डायबिटीज (Diabetes) की समस्या हो। इसके अलावा जिन्हें हेपेटाइटिस बी का खतरा ज्यादा होता है, उन्हें भी डॉक्टर हेपेटाइटिस बी वैक्सीन लगवाने की सलाह देते हैं।