प्रीमैच्योर शिशु के लिए आवश्यक न्यूट्रिशन: गैवेज फीडिंग (Gavage feeding)
प्रीमैच्योर बेबी जब दूध को गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट के माध्यम से डायजेस्ट करने में सक्षम हो जाता है, तो उसे गैवेज या नासोगैस्ट्रिक (NG) फीडिंग करवाई जा सकती है। इस दौरान नाक या मुंह के माध्यम से एक छोटी ट्यूब डाली जाती है, जो सीधे बच्चे के पेट में जाती है। अब कम-कम मात्रा में प्रीमैच्योर बेबी को ब्रेस्ट मिल्क (Breast milk) या फॉर्मूला मिल्क (Formula milk) का सेवन करवाया जा सकता है। इस दौरान यह ध्यान देना बेहद आवश्यक माना गया है कि शिशु अगर दूध को आसानी से डायजेस्ट कर ले रहा है, तो दूध की मात्रा बढ़ाई जा सकती है।
प्रीमैच्योर शिशु के लिए आवश्यक न्यूट्रिशन: ब्रेस्ट फीडिंग और बॉटल फीडिंग (Breastfeeding and bottle feeding)
शिशु जब आसानी से दूध पीने लगे या समझ जाए तो पेरेंट्स शिशु को आसानी से फीड करवा सकते हैं। मां ब्रेस्ट मिल्क को पंप की सहायता से बॉटल में लेकर भी शिशु को स्तनपान (Breastfeeding) करवा सकती हैं। प्रीमैच्योर बच्चों के लिए आवश्यक न्यूट्रिशन की पूर्ति के लिए ऊपर बताये तीन अलग-अलग विकल्पों की मदद ली जा सकती है। वहीं अमेरिकन कॉलेज ऑफ ऑब्स्टेट्रिशियंस एंड गायनेकोलॉजिस्ट्स (American College of Obstetricians and Gynaecologists) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के सानुसार बेबी डिलीवरी डेट के करीब तीन सप्ताह पहले शिशु का जन्म हो सकता है। इसलिए प्रीमैच्योर बेबी बर्थ से जुड़ी निम्नलिखित बातों को समझना ज़रूरी है।
प्रीमैच्योर बेबी:
- 20 सप्ताह से 26 सप्ताह के बीच जन्म पेरीविएबल बर्थ (Periviable birth) कहलाता है।
- 28 सप्ताह के पहले जन्म एक्ट्रीमली प्रीटर्म (Extremely preterm) कहलाता है।
- 28 सप्ताह से 32 सप्ताह के बीच जन्म वैरी प्रीटर्म (Very preterm) कहलाता है।
- 32 सप्ताह से 34 सप्ताह के बीच जन्म मॉडरेट प्रीटर्म (Moderate preterm) कहलाता है।
- 34 सप्ताह से 37 सप्ताह के बीच लेट प्रीटर्म (Late preterm) कहलाता है।
जेस्टेशनल वीक (Gestational week) शिशु के सर्वाइवल रेट पर भी असर डाल सकती है।
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किस कारण से शिशु का जन्म समय से पहले हो सकता है?
गर्भवती महिलाओं में निम्नलिखित शारीरिक परेशानी समय से पहले शिशु के जन्म का कारण बन सकती है। जैसे:
- हाय ब्लड प्रेशर (High blood pressure) की समस्या
- डायबिटीज (Diabetes) की समस्या
- गंभीर बीमारी (Severe illness) की समस्या
- स्मोकिंग (Smoking) करना
- मल्टीपल प्रेग्नेंसी के कारण (Twin or multiple pregnancy)
- प्रीवियस प्रीमैच्योर बर्थ (Previous premature birth)
ऊपर बताये गए कारण समय से पहले शिशु के जन्म का कारण बन सकती हैं। वहीं अगर प्रीमैच्योर शिशु के लिए आवश्यक न्यूट्रिशन (Nutritional requirements of premature baby) पर ध्यान ना दिया जाए तो इससे जन्म लेने वाले शिशु में भी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (National Center for Biotechnology Information) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार प्रीमैच्योर बच्चों में एनीमिया, एप्निया, जॉन्डिस, नेक्रोटाइजिंग एंट्रोकोलाइटिस, पेटेंट डक्टस आर्टेरीओसस, प्रीमेच्योरिटी रेटिनोपैथी, इंफेक्शन, रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम (RDS) एवं हाइपोथर्मिया जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है। इसलिए प्रीमैच्योर बच्चों के लिए आवश्यक न्यूट्रिशन का ध्यान रखना आवश्यक माना गया है।