हमारे जीवन में कई बार ऐसी चीजें हो जाती हैं, जिनका कोई रीजन नहीं होता है। उन्हीं में से एक है बच्चे की डिलिवरी समय से पहले हो जाना। अगर बच्चों का जन्म तय समय पर होता है, तो उनके स्वस्थ होने की संभावना बढ़ जाती है। अगर बच्चा ड्यू डेट के एक महीने या फिर दो महीने पहले ही पैदा हो जाता है, तो प्रीमैच्योर बेबी होने का खतरा बढ़ जाता है। प्रीमैच्योर का मतलब पूरी तरह से विकसित न होने से है। ऐसे में बच्चे को कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। महिलाओं के मन में ये प्रश्न होता है कि अगर बच्चा प्रीमैच्योर पैदा हुआ है, तो आखिर उसका वजन कितना होता होगा? लो बर्थ वेट के कारण बच्चों में कमजोरी की समस्या के साथ ही अन्य समस्याएं भी रहती है और उन्हें अधिक विकास की भी जरूरत होती है। इस आर्टिकल के माध्यम से जानिए कि आखिर प्रीमैच्योर बेबी का वजन (Premature baby weight) कितना होता है और ऐसी स्थिति में किन बातों का ध्यान रखने की आवश्यकता है।