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इन्फ्लुएंजा (Influenza)
इस रोग को फ्लू भी कहा जाता है और यह इन्फ्लुएंजा नाम के वायरस से होता है। यह फ्लू बहुत जल्दी फैलता है और गंभीर प्रॉब्लम्स का कारण बन सकता है। फ्लू के वैक्सीनेशन्स (Vaccinations) की सलाह डॉक्टर बच्चों को हर देते हैं। आप इसकी शुरुआत अब कर सकते हैं जब आपका बच्चा छह महीने का हो। इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से बात करें।
हेपेटाइटिस बी (Hepatitis B)
हेपेटाइटिस बी एक संक्रामक लिवर डिजीज है, जो हेपेटाइटिस बी वायरस से होती है। जन्म के तुरंत बाद बच्चे को इसकी पहली डोज दी जाती है। इसके अलावा इसकी दूसरी डोज तब दी जाती है जब बच्चा एक से दो महीने का हो और तीसरी डोज शिशु के एक से डेढ़ साल की उम्र में दी जाती है
मीजल्स, मम्प्स, और रूबेला (MMR)
MMR का अर्थ है मीजल्स, मम्प्स, और रूबेला। मीजल्स एक संक्रामक रोग है, जो रेस्पिरेटरी सिस्टम को प्रभावित करता है। मम्प्स भी संक्रामक बीमारी है, जो रोगी की छींक या खांसी से फैल सकती है। रूबेला को जर्मन मिजल कहा जाता है और यह बीमारी वायरस के द्वारा होती है। यह इंफेक्शन आमतौर पर माइल्ड होता है। लेकिन, अगर यह समस्या गर्भवती महिला को होती है, तो यह गंभीर साबित हो सकता है। हर बच्चे को MMR वैक्सीनेशन की दो डोज लेने की सलाह दी जाती है। इसकी फर्स्ट डोज तब लगाई जाती है जब बच्चा 12 से 15 महीने का हो। जबकि, दूसरी डोज 4 से 6 साल की उम्र में लगाने की सलाह दी जाती है।
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डिप्थीरिया (Diphtheria)
डिप्थीरिया (Diphtheria) एक गंभीर बैक्टीरियल इंफेक्शन (Bacterial infection) से होने वाली समस्या है, जिसे गलाघोंटू के नाम से जाना जाता है। सामान्य तौर पर, यह रोग 2 साल से लेकर 10 साल तक की आयु के बच्चों को अधिक प्रभावित कर सकता है। इस वैक्सीनेशन्स (Vaccinations) की पहली डोज तब लगाई जाती है, जब बच्चा पांच महीने का होता है। उसके बाद उसके चार, छह, 15 से 18 महीने और चार से छह महीने के होने पर दूसरी, तीसरी, चौथ और पांचवी डोज दी जाती है। बच्चे के 11 से 12 साल के होने पर उसे इसकी बूस्टर डोज लगाई जाती है। वैक्सीनेशन्स (Vaccinations) के बारे इनकी सही डोज की जानकारी होना आवश्यक है।

हीमोफिलस इन्फ्लुएंजा टाइप बी (Haemophilus influenzae type b)
हीमोफिलस इन्फ्लुएंजा टाइप बी एक तरह का बैक्टीरिया है, जिसकी वजह से Hib डिजीज बच्चों को हो सकती है। 5 साल या इससे कम उम्र के बच्चों में इस समस्या का जोखिम ज्यादा रहता है। इस वैक्सीन की पहली डोज दो महीने के बच्चे को दी जाती है। जबकि इसकी दूसरी, तीसरी और चौथी डोज बच्चे के 4 माह, 6 माह और 12 से 15 महीने के होने पर लगाई जाती है।
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चिकन पॉक्स (Chicken pox)
चिकनपॉक्स को वेरिसेला भी कहा जाता है। इस रोग में पूरे शरीर और चेहरे पर दाने हो जाते हैं। यह रोग वायरस के कारण होता है। इसकी वैक्सीनेशन्स (Vaccinations) न कराने से भी यह समस्या हो सकती है। इसकी फर्स्ट डोज बच्चे को 12-15 महीने के होने पर और सेकंड डोज 4 -6 साल के होने पर लगाई जाती है।
न्यूमोकोकल डिजीज (Pneumococcal Disease)