शिशु की हल्के रंग की त्वचा पर घमौरी के कारण होने वाली लालिमा गहरे रंग की त्वचा के मुकाबले आसानी से देखे जाते हैं। हालांकि, दोनों ही रंग की त्वचा को उसी तरह से प्रभावित करती है और इसके होने की प्रक्रिया भी एक जैसी ही होती है।
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शिशु को घमौरी होने के लक्षण
शिशुओं को घमौरी छोटे लाल व तरल पदार्थ से भरे हुए दानों का गुच्छा लगता है। यह आमतौर पर चेहरे और गर्दन, बांह, पैरों, ऊपरी छाती और डायपर पहनने वाली जगह पर दबी हुई त्वचा के आसपास होते हैं। इसके अलावा शिशुओं में हीट रैश के लक्षणों में खुजली और दर्दनाक गुदगुदी शामिल होती है। कोई भी शिशु अपने माता-पिता को अपनी त्वचा पर होने वाली तकलीफ के बारे में नहीं बता सकता है। माता-पिता को स्वयं ही शिशु के असुविधाजनक व्यवहार के जरिए इसे पहचानना होता है। ऐसी स्थिति में शिशु को सोते समय सामान्य से अधिक परेशानी होती है।
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शिशु में घमौरी के कारण
शिशु में होने वाली घमौरी को हीट रैश और मिलियारिया भी कहा जाता है। यह अक्सर बच्चों में पसीने की ग्रंथियों से अत्यधिक पसीना आने पर त्वचा की अंदरूनी या ऊपरी सतह पर ब्लॉक होने के कारण होता है। यह सबसे अधिक गर्मियों और नमी भरे मौसम में होती हैं। शिशु को अधिक टाइट कपड़े पहनाने व ज्यादा कपड़े पहनाने के कारण गर्मी या जलन की वजह से हीट रैश उत्पन्न हो सकते हैं।